33.1 C
New Delhi
Tuesday, May 20, 2025

G-20: हिंदुस्तान का स्वर्ग देखेगा World, बढ़ी दुश्मन देशों की बौखलाहट

 श्रीनगर/सुरेश गांधी : फिरहाल, जी-20 पर्यटन सम्मेलन (G-20 Tourism Summit) का आयोजन इसी तथ्य को रेखांकित करने वाला कूटनीतिक कदम है। सफलता की शिखर को छूता कश्मीर का जी-20 सम्मेलन पाकिस्तान (Pakistan) को न सिर्फ और कमजोर करेगा, बल्कि सम्मेलन में आने वाले विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति इस बात का प्रमाण है कि भारत सरकार के 370 हटाने के साहसिक निर्णय पर मुहर भी लगा दी है कि कश्मीर (Kashmir) अध्याय सदा सदा के लिए बंद कर दिया जाए और जम्मू-कश्मीर के लोगों को विकास के पथ पर आगे बढ़ने के नए अवसर दिया जाएं। बता दें, शंघाई सहयोग की संगठन की बैठक के बाद पाकिस्तान और चीन ने कश्मीर पर विवादास्पद बयान दिया था, जिसका भारत ने दो टूक जवाब दे दिया था कि बैठक में आने वाले विदेशी प्रतिनिधियों की सुरक्षा उनकी उच्च प्राथमिकता होगी।       जम्मू कश्मीर भारत का अंग था, है और आगे भी रहेगा। जबकि गृहयुद्ध के मुहाने पर खड़ा पाकिस्तान हमेशा यही दिखाने की कोशिश करता है रहा है कि कश्मीर खराब हालात वाला समस्या ग्रस्त है। लेकिन कुशलतापूर्वक चल रहा जी-20 सम्मेलन संकेत दे दिया है कि चीन व पाकिस्तान की जोड़ी घुटनों पर आ गयी है। उसके आतंकवाद का खात्मा ही एकमात्र इलाज है। अनुच्छेद 370 निरस्त करने के भारतीय निर्णय को अंतरराष्ट्रीय स्वीकृति मिलनी ही चाहिए और कश्मीर पर पाकिस्तान के दावे तास की पत्ते की तरह बिखरते नजर आ रहे है। धरती का स्वर्ग कहे जाने वाला खूबसूरत जम्मू कश्मीर में अब पर्यटन के नए युग का सूत्रपात होगा। नए भारत का कश्मीर अब पत्थरबाजों व आतंकी गतिविधियों से मुक्त हो चुकी है। मोदीराज में जम्मू कश्मीर का कायाकल्प हो रहा है। यह मोदी के प्रति बढ़ती लोकप्रियता का ही तकाजा है कि पापुआ न्यू गिनी और फिजी ने उन्हें अपने सर्वोच्च सम्मान से नवाजा है. फिजी ने अपने देश के सम्मान ’कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी’ और पापुआ न्यू गिनी ने ’द ग्रैंड कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहु’ से सम्मानित किया है।

बेशक, कश्मीर राग अलापने वाले पाकिस्तान के फर्जी प्रोपेगेंडा को काउंटर करने के लिए भारत ने जी-20 सम्मेलन का एक बेहद शानदार दांव चला, जो कामयाब होता दिखाई दे रहा है. यह अलग बात है कि भारत के इस दांव से चारों खाने चित होने के बाद पाकिस्तान ने पहले ही बैठक के खिलाफ माहौल बनाने का फैसला कर लिया था. पाकिस्तान ने काफी कोशिश की, कि कश्मीर पर उसके प्रोपेगेंडा को दूसरे देशों का भी असर हो, लेकिन उसके सारे मंसूबों पर पानी फिर गया। पाकिस्तान के कहने पर चीन द्वारा बैठक में भाग न लेने के फेसले को करारा तमाचा लगा है। चीन के अलावा सिर्फ दो देश तुर्की और सऊदी अरब ने हिचकिचाहट दिखाई. इन चंद देशों को छोड़ दें तो अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, यूरोपीय यूनियन और साउथ अफ्रीका जैसे 17 ताकतवर देशों ने इस बैठक में शामिल होने में अपनी रुचि दिखाई. यहां से 60 डेलिगेट्स भारत पहुंचे हैं। मतलब साफ है जी-20 सम्मेलन के तहत पर्यटन वर्किंग ग्रुप की एक मीटिंग श्रीनगर में कराकर भारत ने पाकिस्तान के फर्जी प्रोपगेंडा को ध्वस्त कर दिया है. भारत के निमंत्रण पर 17 देशों के 60 डेलिगेट्स कश्मीर पहुंचे हैं।

दुनिया में कश्मीर के सुरक्षित होने का संदेश जाएगा

भारत के इस मूव से दुनिया में कश्मीर के सुरक्षित होने का संदेश जाएगा और भारत को इससे काफी फायदा मिलेगा. श्रीनगर में हो रही जी-20 की यह बैठक कई मायनों में इसलिए भी अहम है, क्योंकि आर्टिकल-370 हटाए जाने के बाद कश्मीर में यह पहला बड़ा आयोजन है. कश्मीर में हो रही यह बैठक कूटनीतिक तौर पर भारत के लिए बड़ी उपलब्धि है. इससे कश्मीर पर पाकिस्तान का पक्ष कमजोर होगा और कश्मीर पर भारत के फैसले को मान्यता मिलेगी. इसके अलावा दुनिया कश्मीर के सामान्य होते हालात की झलक भी देखने का अवसर मिला है। दरअसल, पाकिस्तान इस बात से परेशान है कि कश्मीर में जी20 बैठक के सफल आयोजन से दुनिया में इस बात की स्वाकार्यता बढ़ जाएगी कि आर्टिक 370 हटाने के बाद कश्मीर के हालात में काफी सुधार आया है. पाकिस्तान किसी भी हालत में यह नहीं चाहता कि दुनिया के सामने यह संदेश जाए कि कश्मीर घाटी में हालात सामान्य होने लगे हैं. इसकी बानगी तब भी देखने को मिली थी, जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भारत में आकर अपना दिवालियापन दिखाया था. उन्होंने धमकी भरे अंदाज में कहा था कि ’हम इसकी निंदा करते हैं और वक्त आने पर हम इसका ऐसा जवाब देंगे जो याद रखा जाएगा।’

पाकिस्तान के मुंह में मिर्ची लग गई

यह अलग बात है कि पाकिस्तान वर्तमान में कर्ज के लिए संघर्ष कर रहा है। गरीब जनता आर्थिक संकट की मार झेल रही है। खासकर एक अरबी इंफ्लुएंसर ने श्रीनगर पहुंचकर एक वीडियो में जो कुछ कहा है, वो पाकिस्तान, चीन और तुर्की जैसे देशों को मिर्ची लगाने के लिए काफी है। अरब इंफ्लुएंसर अमजद ताहा ने एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर पोस्ट किया है और अपने प्रशंसकों को चिढ़ाते हुए कहा है, कि यह स्विट्जरलैंड या ऑस्ट्रिया नहीं, बल्कि कश्मीर है, जहां जी-20 का सम्मेलन होगा। इसे ’पृथ्वी का स्वर्ग’ कहा जाता है, एक ऐसा स्थान जिसने पृथ्वी को संरक्षित किया है और जलवायु परिवर्तन का समाधान हो सकता है“। अमजद ताहा के इस वीडियो से पाकिस्तान के मुंह में मिर्ची लग गई है, क्योंकि वो लगातार कश्मीर पर अरब देशों का साथ मांगता है। लेकिन, पाकिस्तान के लिए दिक्कत ये है, कि ज्यादातर अरब देशों के नागरिक अब पाकिस्तान से नफरत करने लगे हैं और ऐसा कई बार देखने को मिला है। वहीं दूसरी ओर दुनिया के 20 सबसे शक्तिशाली और सक्षम देशों के विदेश मंत्री भारत में हैं। ये सभी जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे हैं।

जी-20 में ये देश शामिल

इसकी एक खास बात यह भी है कि मेजबान देश हर साल बदलता है। जी20 ग्रुप में भारत, अमेरिका, अर्जेंटीना, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, मैक्सिको, तुर्की, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, जापान, चीन, जर्मनी, यूके, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, इटली, फ्रांस, रूस और यूरोपीय संघ शामिल हैं। इसे दो भागों में बांटा गया है – फाइनेंशियल ट्रैक और शेरपा ट्रैक। फाइनेंशियल ट्रैक में जी20 सदस्यों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर शामिल होते हैं और विशेष रूप से वित्तीय क्षेत्र से संबंधित एजेंडे पर ध्यान केंद्रित करते हैं। दूसरी ओर, शेरपा ट्रैक, वित्तीय क्षेत्र के बाहर के एजेंडे को संबोधित करता है। यह शिखर सम्मेलन में चर्चा के लिए विभिन्न दस्तावेज भी तैयार करता है। इसलिए, शेरपाओं को आमतौर पर सरकार देश के प्रमुख द्वारा सीधे नियुक्त किया जाता है।

latest news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Articles

Delhi epaper

Prayagraj epaper

Latest Articles