गाज़ीपुर । केन्द्रीय मंत्री मनोज सिन्हा का कहना है कि इस चुनाव में गाज़ीपुर को अपराध, बाहुबल और जातिवाद के चंगुल से मुक्त कर अगले पांच साल में वाराणसी के साथ ‘ट्विन सिटी’ के माॅडल पर विकसित किया जाएगा जहां खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा दे कर बेरोजगारी को समाप्त किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश की सबसे कठिन संसदीय सीटों में शुमार होने वाली गाज़ीपुर में 2014 में सिन्हा भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में विजयी हुए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में रेल राज्यमंत्री और संचार मंत्री के तौर पर उनके काम की क्षेत्र में हर कहीं सराहना हो रही है। पर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन के उम्मीदवार अफजाल अंसारी से उन्हें कड़ी चुनौती मिल रही है। हालाँकि सिन्हा बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे अंसारी को चुनौती नहीं मानते हैं।
सिन्हा ने कड़ी धूप में चुनाव प्रचार के दौरान विशेष बातचीत में कहा कि उत्तर प्रदेश में खास तौर पर गाज़ीपुर एवं आसपास के क्षेत्रों में जातिवाद की दीवार में दरार आ गई थी। 2019 के चुनाव में विकासवाद जातिवाद पर भारी पड़ रहा है। भाजपा को समाज के सभी वर्गों का समर्थन मिल रहा है। उनका कहना है कि अभी तक क्षेत्रीय दल जाति और धर्म के नाम पर वोट बांटने और उसकी आड़ में भ्रष्टाचार को छिपाने का काम करते रहे हैं। लेकिन मोदी सरकार के कार्यकाल में विकास कार्यों के कारण लोगों में यह भ्रम टूटा है।
क्षेत्र में भय और अपराध की राजनीति की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सपा और बसपा के समर्थक भी चाहते हैं कि विकास की गति अब बाधित नहीं हो और वे धौंस धमकी से मुक्त हो शांति से जीएं। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में जनता ने अपराध, बाहुबल और भय को गाज़ीपुर से पूरी तरह से बाहर कर देने की ठान ली है। चुनाव आयोग और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्य नाथ की सरकार भी अपराधियों पर नियंत्रण रखने के लिए कटिबद्ध है।
गाज़ीपुर में गठबंधन से चुनौती के सवाल पर श्री सिन्हा ने कहा कि गाज़ीपुर में बसपा कभी जीती नहीं है। 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा का एक भी विधायक नहीं जीता था। यहां पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में सपा ही नंबर दो पर रही। पता नहीं क्यों, सपा ने यह सीट बसपा को दे दी।
अफजाल अंसारी को उम्मीदवार बनाये जाने के संबंध में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि श्री अंसारी वही शख्स हैं जिनके कारण सपा के अंदर की दरार सामने आयी थी। 2014 में श्री अखिलेश यादव ने क़ौमी एकता दल के नेता श्री अंसारी को सपा का टिकट देने से मना कर दिया था और तब श्री अंसारी ने कहा था कि वह गाज़ीपुर से लेकर गाज़ियाबाद तक साइकिल पंचर कर देंगे। उन्होंने कहा कि किन परिस्थितियों में सपा के कार्यकर्ता श्री अंसारी का समर्थन करेंगे, यह समझ से परे है।
गाज़ीपुर एवं पूर्वांचल के विकास की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश की हमेशा से ही उपेक्षा होती रही, लेकिन मोदी सरकार के समय केन्द्र सरकार की प्राथमिकता में पूर्वी उत्तर प्रदेश शीर्ष पर आ गया। पूरे उत्तर प्रदेश में आधारभूत संरचना मजबूत की गयी है। असम से गैस पाइपलाइन वाराणसी एवं अन्य जिलों में आई है। बिजली भरपूर मात्रा में उपलब्ध है। कानून व्यवस्था अच्छी हो गई है। अंचल में औद्योगिक विकास की संभावनाएं बढ़ीं हैं। कई स्थानों पर सरकारी निवेश हुआ है।
गाज़ीपुर एक औद्योगिक हब बनेगा
सिन्हा ने कहा कि अब यहां निजी निवेश बढ़ाने की परिस्थितियां बन चुकी हैं। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश लाने की कोशिश की जाएगी जिससे किसानों की आय बढ़ाने के साथ ही यहां के लोगों को रोजगार मिल सके। अगले पांच साल में गाज़ीपुर की तस्वीर के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि देश में शहरों के विकास के ट्विन सिटी माॅडल का चलन बढ़ रहा है जैसे दिल्ली नोएडा – गाजियाबाद, हैदराबाद – सिकंदराबाद। उसी तरह से वाराणसी – गाज़ीपुर ट्विन सिटी के रूप में विकसित हो सकता है । इसमें गाज़ीपुर एक औद्योगिक हब बने। इस दिशा में सार्थक प्रयास किये जाएंगे।
अगले पांच साल में पूर्वांचल की तस्वीर के बारे में उन्होंने कहा कि दो साल में क्षेत्र की सभी रेलवे लाइनों का दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण पूरा जाएगा। ट्रेनों की गति बढ़ेगी और समयबद्धता भी सुनिश्चित होगी। नयी गाड़ियां चलेंगी। कुछ महीनों में गाज़ीपुर वाराणसी 4 लेन सड़क तैयार हो जाएगी।
एनडीए को 2014 से ज्यादा बहुमत मिलेगा
चुनाव के परिणाम के बारे में श्री सिन्हा ने विश्वास जताया कि भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को 2014 की तुलना में बहुत बड़ा बहुमत मिलने जा रहा है। सामान्य तौर पर पांच साल सरकार चलाने के बाद एक सत्ता विरोधी लहर होती है लेकिन इस बार के चुनाव में मोदी सरकार को फिर से लाने की ऐसी लहर है जो पहले कभी नहीं देखी गई है।
लोकसभा चुनाव में नेताओं द्वारा अमर्यादित भाषा के प्रयोग पर दुख जताते हुए उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी के अध्यक्ष को पता नहीं क्या हो गया है कि वह जोर जोर से झूठ बोल कर उसे सच साबित करने में लगे हैं और सर्वोच्च अदालत में यह भी कहा है कि राजनीतिक लाभ के झूठ बोला है। उन्होंने कहा कि भारतीय राजनीति में गिरावट और मर्यादा का उल्लंघन कोई पसंद नहीं करता है। जनता बहुत सूक्ष्मता से देख रही है और वह ऐसी भाषा बोलने वालों को सबक सिखाएगी। श्री सिन्हा ने पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के हिंसक हमलों और उसकी नेता ममता बनर्जी के रवैये को निंदनीय बताया।