12.1 C
New Delhi
Saturday, December 7, 2024

हर परिवार की ताकत और संपदा बन गई है लड़कियां

नयी दिल्ली /खुशबू पाण्डेय । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को समाज से बेटे व बेटियों के अंतर को खत्म करने व उन्हें एक समान अवसर उपलब्ध कराने का आग्रह किया और कहा कि जो समाज बेटियों के सामथ्र्य को पहचाने से चूक जाता है, वह कभी प्रगति नहीं कर सकता। परीक्षा पे चर्चा के पांचवें संस्करण में छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से संवाद के दौरान पूछे गए एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने यह बात की। उन्होंने कहा कि एक समय था जब लड़कों व लड़कियों के बीच भेदभाव प्रत्यक्ष रूप से देखा जाता था लेकिन अब चीजें बदल रही हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा अनुमान है कि आने वाले दिनों में नए छात्रों के बीच लड़कियां, लड़कों को पीछे छोड़ देंगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अब हर भारतीय लड़की की आकांक्षाओं और भावनाओं पर गौरव महसूस किया जा सकता है। उन्होंने कहा, अब लड़कियां हर परिवार की ताकत और संपदा बन गई हैं।

—बेटियों को पहचानने से चूका समाज प्रगति नहीं कर सकता
—छात्रों के बीच लड़कियां, लड़कों को पीछे छोड़ देंगी :PM
—लड़कियां हर परिवार की ताकत और संपदा बन गई

यह बदलाव जितना अधिक होगा, उतना ही बेहतर है। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय हुआ करता था जब कई अभिभावक अपने सीमित संसाधनों को लड़कों पर खर्च करना बेहतर समझते थे क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि लड़किया काम करें और वैसे भी उन्हें जाकर अपने समुराल में ही रहना है। उन्होंने कहा कि यह मानसिकता कुछ स्थानों पर आज भी हो सकती है लेकिन बहुत हद तक चीजें अब बदली हैं।

मोदी ने कहा कि बेटे और बेटियों का समाज में एक समान दर्जा है। अहिल्या बाई, झांसी की रानी लक्ष्मी बाई सहित कई प्रसिद्घ महिला नेत्रियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, यह इस सदी की जरूरत है, यह हर सदी की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लड़कों की तरह ही लड़कियों को भी सामन अवसर उपलब्ध कराने को संस्थागत स्वरूप देना होगा। उन्होंने कहा कि खेलों से लेकर विज्ञान तक जैसे क्षेत्रों में भी वह बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि आज महिला सांसदों की तादाद भी पहले की अपेक्षा बहुत बढ़ी है, पुलिस और सुरक्षा बलों में उनकी तादाद बढ़ी है। उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं में भी अक्सर लड़कियां लड़कों पर हावी होती हैं। महिलाओं की क्षमताओं पर समाज के बढ़ते भरोसे को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात में पंचायत के आधे पद महिलाओं के लिए आरक्षित हैं और सामान्य सीटों पर भी वह जीत दर्ज कर रही हैं। र्निसंग और शिक्षण के क्षेत्र में बड़ी संख्या में महिलाओं की मौजूदगी का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने मजाकिया अंदाज में कहा कि कहीं पुरुषों को अपना कोटा तय करने के लिए रैली ना निकालना पड़ जाए। उन्होंने कहा, अगर लड़कों व लड़कियों को समान अवसर दिया जाए तो लड़कियां बेहतर कर सकती हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने ऐसी लड़कियों को भी देखा है जो अपने परिजनों की देखभाल के लिए शादी तक नहीं करती और ऐसे परिजनों को भी देखा है जो वृद्धाश्रमों में रहते हैं जबकि उनके बच्चे सुखी जीवन बिताते हैं।

latest news

Related Articles

epaper

Latest Articles