34 C
New Delhi
Friday, April 19, 2024

दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी में बंद हो गोलक चोरी, होनी चाहिए ट्रांसपेरेसी

नई दिल्ली /अदिति सिंह : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) ने वित्तिय लेखा जोखा एवं बाकी चीजों की जांच के लिए एक नया पद लेखा और वित्त समिति का अध्यक्ष सृजित किया है। इस पद पर सिख फोरम के प्रधान हरविंदर सिंह आहूजा को नियुक्ति किया गया है। उनकी नियुक्ति को लेकर शिरोमणी अकाली दल (दिल्ली) ने सवाल खड़ा कर किए हैं। साथ ही खुलासा किया कि आहूजा पिछले कई सालों से गुरुद्वारा कमेटी के खाते एवं वित्तिय चीजों की आडिट का काम कर रहे हैं। पार्टी के प्रधान महासचिव हरविंदर सिंह सरना ने बुधवार को पत्रकारों के समक्ष वित्त समिति के अध्यक्ष से पूछा कि आज तक आपने कमेटी में क्या आडिट किया है। सरना ने डिलाइट कंपनी के द्वारा पिछले सालों में की गई आडिट को सार्वजनिक करने की मांग की।

-दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी में ऑडिटर की नियुक्ति पर सरना ने उठाए सवाल
–सरना ने त्रिलोचन सिंह पर बोला हमला, लगाए संगीन आरोप

साथ ही कहा कि नवंबर में खजाने के पैसे को लेकर हुई गड़बड़ी को लेकर भी न तो कोई कार्रवाई हुई और ना ही संगत को सच्चाई बताई गई। हरविंदर सिंह सरना ने दावा किया कि अगर दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी में चोरी और भ्रष्टाचार रोकेंगे तब उनकी पार्टी स्वागत करेगी, लेकिन अगर चोरी होती रहेगी तो सिख संगत खुलकर विरोध करेगी। सरना ने आडिटर हरविंदर सिंह आहूजा को सलाह दी कि वह गुरू घर की रक्षा के लिए आगे आएं और निष्पक्ष होकर गुरु की गोलक को बचाएं। सरना ने कहा कि उन्हें दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में ट्रांसपरेसी चाहिए। संगत के प्रति वफादारी रखनी होगी, तभी निष्पक्षता से गुरुद्वारा कमेटी का संचालन हो सकेगा।
हरविंदर सिंह सरना ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व चेयरमैन त्रिलोचन सिंह पर भी कई संगीन आरोप लगाए। साथ ही आरोप लगाया कि उन्होंने कौम के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं निभाई। पूरी जिंदगी अपनी सुविधा के लिए लोगों से रिश्ते जोड़े, लेकिन कौम का कोई फायदा नहीं हुआ।
सरना ने कहा कि सिख फोरम के अध्यक्ष आहूजा को पत्र लिखकर डेलॉयट और दिल्ली कमेटी की आंतरिक ऑडिट रिपोर्ट का खुलासा करने के लिए कहा था। लेकिन उन्होंने इसे अनदेखी कर दिया। सरना ने इस संबंध में शिअद बादल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल से स्पष्टीकरण की मांग की है। साथ ही आरोप लगाया कि उन्होंने आहूजा को संबोधित नौ फरवरी के पत्र में कहा गया है कि हम यह नहीं समझ पाए कि गुरुद्वारों के बही-खाते के साथ छेड़छाड़ की गई। दान की गई धनराशि और चिकित्सा उपकरण लिए गए। जीएचपीएस कर्मचारियों के वेतन बिलों को आपकी निगरानी में छोड़ दिया गया।

latest news

Related Articles

epaper

Latest Articles