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Tuesday, April 30, 2024

सिखों को बदनाम करने पर भड़की हरसिमरत कौर, कहा- आजादी में 75 फीसदी दिया है बलिदान

–पूर्व मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने सिखों को बदनाम करने पर उठाए सवाल           –खुफिया विभाग की विफलता से हुई लाल किला में हिंसा, हो जांच 
–प्रधानमंत्री भी सिर पर सजा चुके हैं केसरी निशान, अब हो रहा अपमान
–MSP पर अनाज खरीद पर केंद्र के आश्वासन देने से इंकार करने की निंदा
–पीएम ने मुख्यमंत्री के रूप में किया था किसानों के हितों का समर्थन, अब मुकरे

 नई दिल्ली/ टीम डिजिटल : शिरोमणि अकाली दल की वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने आज यहां कहा है कि केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP ) पर अनाज की खरीद पर आश्वासन देने से इंकार कर रही है, साथ ही वह भारतीय खाद्य निगम (FCI) के अनैतिकरण की तरफ बढ़ रही है। हरसिमरत कौर बादल ने संसद में राष्ट्रपति अभिभाषण में अपने भाषण में कहा था कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2011 में मुख्यमंत्रियों की कार्यसमिति के अध्यक्ष के रूप में सिफारिश की थी कि किसान -व्यापारी लेन देने को न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे के लेन देन को समाप्त कर किसानों की हितों की रक्षा की जानी चाहिए। यह ठीक है कि देश भर के किसान यही मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं समझ पा रही हूं कि क्या बदल गया है?  उन्होने कहा कि सरकार मांग को पूरा क्यों नहीं कर रही है तथा साथ ही खेती कानूनों को रदद क्यो नही कर रही है तथा किसानों , नौजवानों तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामले क्यों दर्ज किए जा रहे हैं।  पूर्व मंत्री हरसिमरत कौर ने 26 जनवरी को हुई लाल किला हिंसा की बावत कहा कि आजादी आंदोलन के दौरान 70 फीसदी बलिदान देने वाले समुदाय के बारे में कहा जा रहा है कि उन्होने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया। यह अजीब बात है कि खुफिया विभाग की असफलता की कोई जांच नहीं हुई, जिसके कारण हिंसक घटनाएं हुई। यह स्पष्ट है कि केंद्र को 25 जनवरी को पहले ही पता था कि लोगों का एक वर्ग लाल किले तक परेड करने की तैयारी कर रहा था लेकिन मार्ग को बंद करने का कोई प्रयास नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि इसी तरह केसरी  निशान को अपमानित किया जा रहा है। पूर्व मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा  मैं आपको याद दिलाना चाहती हूं कि यह वही केसरी निशान है जिसे प्रधानमंत्री ने अपने सिर पर सजाया है।

किसानों को बिचैलिया, नक्सली तथा खालिस्तानी कहा गया

पूर्व मंत्री ने किसानों के प्रति अंहकारी रवैया अपनाने के लिए केंद्र सरकार की निंदा की। साथ ही कहा कि किसानों को बिचैलिया, नक्सली तथा खालिस्तानी कहा गया। यह भी कहा गया कि वे दिल्ली की सीमाओं पर एके -47 असॉल्ट राईफलों के साथ बैठे हैं। एके-47 राइफलों के साथ कौन खेती करता है? उन्होंने कहा कि केदंर सरकार ने शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे किसानों के प्रति कठोर रवैया अपना रही है। यहां तक की एक भी केंद्रीय मंत्री इतनी कड़कड़ाती ठंड में उनका हाल पूछने के लिए नहीं गया।

विधेयकों को धक्केशाही से पारित करने का फैसला लिया

पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि मैने कृषि मंत्री को पत्र लिखकर किसानों की भावनाओं से अवगत करवाया था तथा यह भी सूचित किया था कि किसान उनके आश्वासनों से संतुष्ट नही हैं। तब मुझे आश्वासन दिया गया था कि संसद में मतदान के लिए विधेयकों को पास करने से पहले उनकी शंकाओं को दूर करना चाहिए, लेकिन सरकार ने संसद के माध्यम से विधेयकों को धक्केशाही से पारित करने का फैसला लिया तो शिरोमणी अकाली दल ने अन्नदाता के साथ एकजुट खड़े रहने का फैसला लिया तथा केंद्रीय मंत्रिमंडल के साथ साथ एनडीए  गठबंधन को भी छोड़ दिया।

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