नई दिल्ली /अदिति सिंह : केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने सीआईएसएफ कैंपस 5वीं रिजर्व बटालियन, इंदिरापुरम, गाजियाबाद में एक भव्य रंगारंग तरीके से अपना 53वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि थे। उन्होंने शानदार परेड की सलामी ली और परेड का निरीक्षण किया। इस अवसर पर अजय भल्ला, गृह सचिव, निदेशक, आईबी, दिल्ली पुलिस आयुक्त, सीएपीएफ के महानिदेशक और सीएपीएफ के सेवानिवृत्त महानिदेशक, सीएपीएफ के अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं राज्य पुलिस भी उपस्थित थी।
सीआईएसएफ परिसर में पहुंचने पर केंद्रीय गृह मंत्री ने शहीद स्मारक पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और स्मारक पर माल्यार्पण किया। परेड स्थल पर मुख्य अतिथि के आगमन पर शील वर्धन सिंह, महानिदेशक, सीआईएसएफ ने मुख्य अतिथि और सभी उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।
इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा सीआईएसएफ के वार्षिक इन-हाउस प्रकाशन ‘सेंटिनल’-2022 का विमोचन किया गया। परेड कमांडर और परेड में भाग लेने वाले सभी बलकर्मियों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई दी। उन्होंने परेड के स्तर की प्रशंसा की और कहा कि पिछले 52 वर्षों में सीआईएसएफ द्वारा प्रदान की गई सेवाएं सराहनीय हैं।
—सीआईएसएफ के 53वें स्थापना दिवस के गृहमंत्री अमित शाह ने सलामी ली
—गृह मंत्री ने वार्षिक इन-हाउस प्रकाशन ‘सेंटिनल’-2022 का विमोचन किया
—52 वर्षों में सीआईएसएफ द्वारा प्रदान की गई सेवाएं सराहनीय : शाह
—ऑपरेशन गंगा में यूक्रेन से लौटने वाले भारतीयों की पूरी मदद कर रहा है CISF
उन्होंने देश के आर्थिक विकास और संवेदनशील हवाई अड्डों, दिल्ली मेट्रो और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों में सीआईएसएफ द्वारा निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका की तारीफ की और कहा कि सीआईएसएफ के बहादुर कर्मियों का समर्पण और प्रतिबद्धता अत्यंत प्रशंसनीय है।
उन्होंने कोरोनो वायरस महामारी के दौरान हवाई अड्डों पर सीआईएसएफ की भूमिका की सराहना की और कहा की जब यात्री वंदे भारत मिशन के तहत विदेश से लौट रहे थे तो सीआईएसएफ कर्मियों ने साथी भारतीयों के सुरक्षित आवागमन और मदद करने में पूर्ण जोखिम उठाया और यहां तक कि अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं के रूप में कोविड संक्रमण के कारण अपनी जान भी दे दी। उन्होंने यह भी कहा कि हवाई अड्डों पर सीआईएसएफ के जवान ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन से लौटने वाले भारतीयों की भी पूरी मदद कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हो रही है कि सीआईएसएफ में महिला कर्मियों का प्रतिशत अन्य सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की तुलना में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सीआईएसएफ में महिलाओं की संख्या 6 प्रतिशत और पुरुष बल कर्मियों की संख्या 94 प्रतिशत है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आने वाले वर्षों में महिला कर्मियों का प्रतिशत बढ़ाकर 20 किया जाना चाहिए। उन्होंने देश की आम जनता को सीआईएसएफ द्वारा प्रदान की जा रही सुरक्षा पर विशेष जोर देते हुए सीआईएसएफ की सेवाओं के लिए सराहना की।
अलंकरण समारोह में जाबांजों को पदक से नवाजा
इस अवसर पर अलंकरण समारोह भी आयोजित किया गया, जिसमें आरक्षक मुतुम बिक्रमजीत सिंह, आरक्षक अनिल लाकड़ा, आरक्षक मुत्तमाला रवि और आरक्षक राहुल कुमार, जिन्हें स्वतंत्रता दिवस-2021 के अवसर पर वीरता के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था, को पदकों से अलंकृत किया। उन्होंने जगबीर सिंह, अपर महानिदेशक (दक्षिण), मीनाक्षी शर्मा, महानिरीक्षक (तकनीकी व व्यवस्था), अंजनी कुमार सिंह, महानिरीक्षक (एनईएस), और सीआईएसएफ के अन्य सात अधिकारियों/कर्मियों को गणतंत्र दिवस-2021, स्वतंत्रता दिवस-2020 और 2021 के अवसर पर घोषित किये गए विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति का अग्निशमन सेवा पदक से अलंकृत किया। उन्होंने आरक्षक बाला नायक बनावथ को भी जीवन रक्षा पदक से अलंकृत किया।
CISF जवानों ने किया ऐतिहासिक कला का प्रदर्शन
कलारीपयट्टूरू ‘सभी मार्शल आर्ट की जननी’, भारत की स्वदेशी मार्शल आर्ट की उत्पत्ति केरल में हुई थी जिसे ‘गुरु-शिष्य परम्परा’ की परंपरा के तहत कई शताब्दियों तक संरक्षित किया गया है। यह भारत में सबसे पुरानी मार्शल आर्ट है, जिसका इतिहास 3000 वर्षों से अधिक पुराना है। सीआईएसएफ बल सदस्यों द्वारा आक्रामक रक्षात्मक चालों के साथ खाली हाथ शारीरिक व्यायाम और कलारीपयट्टू में इस्तेमाल किए जाने वाले 05 विभिन्न हथियारों के साथ प्रदर्शन किया। सीआईएसएफ के की महिला बल सदस्यों द्वारा मंत्रमुग्ध कर देने वाला डेमो प्रस्तुत किया गया, जिसमे सीआईएसएफ की महिलाओं ने दिल्ली मेट्रो रेल में होने वाली विभिन्न घटनाओं के दौरान अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया। डेमो के दौरान, महिला कर्मियों ने आतंकवादी घटनाओं को रोकने और आतंकवादिओं से निपटने में अपने कौशल का प्रदर्शन किया।