नयी दिल्ली/अदिति सिंह: सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिल्ली सरकार (Delhi Government) को मिले कुछ अधिकारों के बाद दिल्ली में सरकार और नौकरशाही के बीच कुछ मुदृदों पर टकराव की स्थिति बन गई है। हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि मंत्रिमंडल के सदस्य खुलकर अधिकारी के लिखाफ ताल ठोंक दिए हैं। इस बदली व्यवस्था के बीच टॉप अधिकारियों के समक्ष असंमजस की स्थिति बन गई है। नौकरशाहों और दिल्ली मंत्रिमंडल में बढ़ते गतिरोध के बीच आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) नीत सरकार ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के बंगले के सौंदर्यीकरण के मामले में कथित भ्रष्टाचार की जांच कर रहे विशेष सचिव (सतर्कता) वाई वी वी जे राजशेखर (Y V V J Rajasekhar) से सारा काम वापस लेने का आदेश दिया है।
-मंत्रिमंडल ने केजरीवाल के आवास के सौंदर्यीकरण की जांच कर रहे नौकरशाह को नोटिस
-राजशेखर के खिलाफ जबरन वसूली रैकेट चलाने की शिकायतों का हवाला
-IAS अधिकारी को सौंपे गए सभी कार्यों को तत्काल प्रभाव से वापस लेने का आदेश दिया
अपने वरिष्ठ अधिकारियों को जवाब में राजशेखर ने कहा कि उन्हें अपने कर्तव्यों का पालन करने से रोका जा रहा है और आबकारी नीति और मुख्यमंत्री के आवास के सौंदर्यीकरण कार्य जैसे संवेदनशील मामलों में गंभीर खतरे और रिकॉर्ड के हटाए जाने की आशंका है। उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि मामले को रोक के लिए उच्च न्यायालय में ले जाया जाए। सतर्कता मंत्री सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) ने 13 मई को राजशेखर के खिलाफ जबरन वसूली रैकेट चलाने की शिकायतों का हवाला देते हुए अधिकारी को सौंपे गए सभी कार्यों को तत्काल प्रभाव से वापस लेने का आदेश दिया। सूत्रों ने कहा कि राजशेखर कथित दिल्ली शराब घोटाले और दिल्ली के मुख्यमंत्री के बंगले के सौंदर्यीकरण की जांच कर रहे सतर्कता अधिकारी हैं। वह दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Water Board) के तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) उदित प्रकाश (Udit Prakash) द्वारा अपने लिए एक विशाल बंगला बनाने के वास्ते विरासत स्मारक को गिराए जाने की भी जांच कर रहे हैं। संपर्क करने पर, अधिकारी ने आधिकारिक नोट मिलने की पुष्टि की। राजशेखर ने कहा, मंत्री के नोट के संबंध में मैंने अपने वरिष्ठों को रिपोर्ट भेज दी है। बाकी ईश्वर की मर्जी। आधिकारिक नोट के मुताबिक, ऐसी शिकायतें हैं कि राजशेखर जबरन वसूली का रैकेट चला रहे हैं और रंगदारी की मांग कर रहे हैं। यह आरोप काफी गंभीर है, जिसकी विस्तार से जांच किए जाने की आवश्यकता है इसलिए, राजशेखर को सौंपे गए सभी कार्य वापस लिए जाते हैं। इसमें कहा गया, इसे सहायक निदेशकों के बीच वितरित किया जा सकता है और सहायक निदेशक सीधे सचिव (सतर्कता) को रिपोर्ट करेंगे। सहायक निदेशकों को फाइल को सीधे सचिव (सतर्कता) को भेजना चाहिए। यह अगले आदेश तक तत्काल अनुपालन के लिए है। सूत्रों ने कहा कि भारद्वाज ने यह भी निर्देश दिया है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के वरिष्ठ अधिकारी राजशेखर के कमरे से रिकॉर्ड जब्त किये जाएं। राजशेखर ने अपने जवाब में कहा है कि उन्हें कानून के नियमों और फाइल पर उपलब्ध दस्तावेजों और रिकॉर्ड के अनुसार अपने कर्तव्यों का निष्पक्ष निर्वहन करने की अनुमति दी जानी चाहिए। राजशेखर ने रेखांकित किया है कि केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल और नियमावली के अनुसार सतर्कता पूछताछ की जाती है। वरिष्ठ IAS अधिकारी ने यह भी आग्रह किया कि संजय जैन, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG), को योगिंदर हांडू के साथ विशेष वकील/ब्रीफिंग काउंसिल के रूप में उच्च न्यायालय के समक्ष संलग्न करने की अनुमति दी जा सकती है और यदि जरूर हो, तो मामले को उच्चतम न्यायालय के संज्ञान में भी लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे को मामले से संलग्न किया जा सकता है। पिछले सप्ताह केजरीवाल ने आगामी दिनों में बड़े स्तर पर नौकरशाही में फेरबदल की घोषणा और सार्वजनिक कार्यों में बाधा पैदा करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी थी। दिल्ली सरकार ने आईएएस अधिकारी और सेवा विभाग के सचिव आशीष मोरे के खिलाफ उनके स्थान पर एक नए अधिकारी को नियुक्त करने के उसके निर्देश का पालन नहीं करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी देते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उच्चतम न्यायालय द्वारा दिल्ली में अधिकारियों के तबादले और तैनाती पर दिल्ली सरकार को नियंत्रण दिए जाने के कुछ घंटों बाद दिल्ली सरकार ने पिछले हफ्ते मोरे को उनके पद से हटा दिया था।
आबकारी मामले में गवाहों को धमका रही है ईडी व सीबीआई
आम आदमी पार्टी (आप) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारी दिल्ली आबकारी नीति के मामले में गवाहों को बयान देने के लिए धमका रहे हैं। पार्टी ने साथ में यह भी दावा किया कि उसके पास इस बात के सबूत हैं कि कैसे पार्टी और उसके राष्ट्रीय संयोजक के खिलाफ यह साजिश रची जा रही है। यहां प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आप से राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने आरोप लगाया कि ईडी और सीबीआई मामले में बंदूक दिखाकर बयान ले रहे हैं। सांसद ने कहा, ईडी और सीबीआई में दो या तीन अधिकारी हैं जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कहने पर काम कर रहे हैं। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि वे अपना काम ईमानदारी से करें। सिंह ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी और केजरीवाल को तबाह करने की साज़िश रची जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि लोगों को केजरीवाल के खिलाफ बयान देने के लिए धमकाया और प्रताड़ित किया गया है। सांसद ने कहा, हमारे पास इस साज़िश के कई सबूत हैं और सही वक्त पर इनको सामने रखेंगे।