13.1 C
New Delhi
Sunday, December 8, 2024

रेलवे के यात्री टिकट आरक्षण में घुसा कोविड-एक्स, कंफर्म सीटों पर सीधे अटैक

नई दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय : भारतीय रेलवे के यात्री आरक्षण सिस्टम में कोविड-एक्स ने घुसपैठ कर लिया है, जिसके चलते वह ट्रेनों की कंफर्म बर्थों पर सीधे अटैक कर रहा है। हालात यह है कि ट्रेन के कंफर्म टिकट के लिए यात्री घंटों लाइन में लगा रहते हैं, लेकिन सीट कोई और हाईजैक कर रहा है। कोविड-एक्स एक ऐसा साफ्टवेयर इजाद किया गया है, जिसका संचालन टिकट दलाल और अवैध कारोबारी कर रहे हैं। कोविड-एक्स के अलावा एएनएमएसबीएसीके, ब्लैक टाइगर, कोविड-19 नामक तीन और साफ्टवेयर का पता चला है जो आनलाइन वीआईपी एवं प्रमुख ट्रेनों के टिकट हाईजैक कर ले रहे हैं। टिकटों का यह अवैध खेल काफी दिनों से चल र हा है। इसका खुलासा तब हुआ जब पश्चिम रेलवे की आरपीएफ टीम ने एक गिरोह को पकड़ा। इस मामले में अब तक कुल 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

– रेलवे के यात्री टिकट आरक्षण सिस्टम में घुसपैठ कर हाईजैक कर रहे थे बर्थ
-4 साफ्टवेयर का करते थे इस्तेमाल, अब तक 6 लोग हुए गिरफ्तार
-एक क्लिक पर बनाते थे 24 टिकट, लाइन में खड़े यात्रियों को मिलता था वेटिंग
—कोविड-19, कोविड-एक्स, ANMSBACK, ब्लैक टाइगर से टिकटों की बुकिंग
-पाकिस्तानी सॉफ्टवेयर डेवलपर्स और रशियन सॉफ्टवेयर डेवलपर्स का हाथ

साथ ही 43.42 लाख मूल्य के 1688 टिकटों को भी जब्त किया गया है। इनपर यात्रा शुरू नहीं की जा सकी थी। पकड़े गए आरोपियों ने 28.14 करोड़ रूपये मूल्य के टिकट खरीदे और बेचे थे, जिसमें उन्हें भारी कमीशन मिला। खास बात यह है कि भारत में रेल टिकट बुक करने के लिए अवैध सॉफ्टवेयर के काले कारोबार को बढ़ाने में पाकिस्तानी सॉफ्टवेयर डेवलपर्स और रशियन सॉफ्टवेयर डेवलपर्स का हाथ है।

रेलवे के यात्री टिकट आरक्षण में घुसा कोविड-एक्स, कंफर्म सीटों पर सीधे अटैक
ह्यूमन इंटेलिजेंस द्वारा डिजिटल इनपुट के आधार पर दी गई जानकारी के आधार पर रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की टीम ने 8 मई को राजकोट के मन्नान वाघेला (ट्रैवल एजेंट) को पकड़ा था। वह बड़ी मात्रा में रेलवे टिकटों को हथियाने के लिए अवैध सॉफ्टवेयर यानी कोविड-19 का उपयोग कर रहा था। इसके अलावा, एक अन्य व्यक्ति कन्हैया गिरी (अवैध सॉफ़्टवेयर कोविड-एक्स, एएनएमएसबीएसीके, ब्लैक टाइगर आदि के सुपर विक्रेता) को वाघेला की जानकारी के आधार पर 17 जुलाई को मुंबई से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के दौरान गिरी ने अन्य सहयोगियों और वापी के एडमिन एवं डेवलपर अभिषेक शर्मा के नामों का खुलासा किया, जिन्हें 20 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। अभिषेक शर्मा ने इन सभी अवैध सॉफ्टवेयर्स के एडमिन होने की बात कबूल की है। गिरफ्तार आरोपी व्यक्तियों द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के आधार पर, 3 और आरोपियों अमन कुमार शर्मा, वीरेंद्र गुप्ता और अभिषेक तिवारी को क्रमश: मुंबई, वलसाड (गुजरात) और सुल्तानपुर (यूपी) से गिरफ्तार किया गया।

आईआरसीटीसी की फर्जी यूजर आईडी बनाई 

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक ये सभी खिलाड़ी आईआरसीटीसी के फर्जी वर्चुअल नंबर और फर्जी यूजर आईडी प्रदान करने के साथ सोशल मीडिया यानी टेलीग्राम, व्हाट्सएप आदि का उपयोग करके इन अवैध सॉफ्टवेयरों के विकास और बिक्री करते थे। आरोपियों के पास नकली आईपी पते बनाने वाले सॉफ्टवेयर थे, जिनका इस्तेमाल ग्राहकों पर प्रति आईपी पते की सीमित संख्या में टिकट प्राप्त करने के लिए लगाए गए प्रतिबंध को दूर करने के लिए किया जाता था। उन्होंने डिस्पोजेबल मोबाइल नंबर और डिस्पोजेबल ईमेल भी बेचे हैं, जिनका उपयोग आईआरसीटीसी की फर्जी यूजर आईडी बनाने के लिए ओटीपी सत्यापन के लिए किया जाता है। गिरोह ने ऑनलाइन कन्फर्म रेलवे आरक्षण करने के लिए अवैध सॉफ्टवेयर के उपयोग से आम आदमी के लिए कन्फर्म टिकटों की उपलब्धता पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है।

 

latest news

Previous article
Next article

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Articles

epaper

Latest Articles