(अदिती सिंह)
नई दिल्ली / टीम डिजिटल : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना संकट के कारण हुए रिवर्स माइग्रेशन से प्रदेश में कुल 10 से 13 लाख मजदूर प्रदेश लौटने का अनुमान है। इनमें से अकुशल श्रमिकों को कार्य दिलाने के लिये प्रदेश में श्रम सिद्धी अभियान चालू किया गया है। कुशल मजदूरों को उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार दिलवाने के शार्ट टर्म एवं लोंग टर्म प्लानिंग करें। इसके लिए ‘रोजगार सेतु’ बनाया जाए। इससे कुशल श्रमिकों एवं काम देने वालों को जोड़ा जाए।
मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कौशल एवं रोजगार संबंधी बैठक ली
मुख्यमंत्री आज मंत्रालय में कोविड-19 के पश्चात प्रदेश में कौशल एवं रोजगार के क्षेत्र में प्रस्तावित बदलाव के संबंध में बैठक ले रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा केरोलीन खेंगवार देशमुख, प्रमुख सचिव श्रीमती दीपाली रस्तोगी, प्रमुख सचिव डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव संजय शुक्ला, आदि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कुशल प्रवासी मजदूरों को तत्काल कार्य दिलाने के लिए शॉर्ट टर्म प्लान बनाएं। इसके अंतर्गत पंचायतों से डाटा मंगवाया जाए। वहां निर्माण, उद्यम आदि में कुशल श्रमिकों को नियोजित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोंग टर्म प्लानिंग के अंतर्गत कुशल मजदूरों की जानकारी तथा उद्योगों एवं निर्माणकर्ताओं की जानकारी एक प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराई जाए, जिसके माध्यम से उद्योगों एवं निर्माणकर्ताओं को उनकी आवश्यकता के अनुरूप कुशल श्रमिक उपलब्ध कराए जाएं। इसमें एम.एस.एम.ई. की भूमिका महत्वपूर्ण है।
प्रवासी मजदूर कौशल रजिस्ट्रर एवं पोर्टल
मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिये कि प्रवासी मजदूरों का कौशल रजिस्ट्रर पंचायतवार बनाया जाए, जिसमें उनके कौशल से संबंधित तथा अन्य जानकारी दर्ज की जाए। साथ ही इसके लिए एक पोर्टल बनाया जाकर उस पर जानकारी दर्ज की जाए। यह जानकारी नियोजनकर्ताओं को उपलब्ध करायी जाए। जानकारी के अंतर्गत शैक्षणिक योग्यता, पूर्व नियोजन, पूर्व वेतन, पूर्व नियोजनकर्ता, कौशल, अपेक्षित मासिक वेतन तथा मजदूर जिस सेक्टर में कार्य करने का इच्छुक हो वह उल्लेखित किया जाए।
6.5 लाख से अधिक प्रवासी मजदूर प्रदेश लौटे
बताया गया कि कोरोना के चलते प्रदेश में अभी तक 6.5 लाख से अधिक प्रवासी मजदूर मध्यप्रदेश लौटे हैं। इनकी संख्या 13 लाख तक जाने का अनुमान है। वह जिले जिनमें अधिक प्रवासी मजदूर लौटे हैं उनमें अलीराजपुर में सर्वाधिक 99 हजार 508, बालाघाट में 97 हजार 620, गुना में 67 हजार 261, पन्ना में 28 हजार 406, झाबुआ में 20 हजार 624 तथा बड़वानी में 20 हजार 182 मजदूर लौटे हैं। इन जिलों में लौंटने वाले मजदूरों की संख्या प्रदेश की 52 प्रतिशत है।
प्रवासी मजदूरों के कार्य के प्रमुख क्षेत्र
प्रवासी मजदूर मुख्य रूप से भवन एवं अन्य निर्माण कार्य, ईट भट्टा खनन, फेक्ट्री, टेक्सटाइल, कृषि एवं संबंधित गतिविधियों में कार्य करते हैं। ये मजदूर प्रमुख रूप से महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, हरियाण, कर्नाटक तथा राजस्थान जाते हैं।
27 मई से 03 जून तक अभियान
प्रदेश में 27 मई से 03 जून तक अभियान चलाकर प्रवासी मजदूरों के कौशल के संबंध में जानकारी एकत्रित की जाएगी। इसके साथ ही प्रदेश की औद्योगिक इकाइयों से यह जानकारी एकत्रित की जा रही है कि उन्हें किस कौशल में कितने मजदूरों की आवश्यकता है।