–सरकार ने जारी की अधिसूचना, मोटर वाहन कानून में होगा बदलाव
–देश भर में पर्यटन को बढ़ावा देने व राज्यों के राजस्व को बढ़ाने की बड़ी पहल
–तीन माह से लेकर 3 साल तक बनवा सकते हैं टूरिस्ट परमिट
–परिवहन मंत्रालय बनाएगा डाटाबेस सिस्टम, राज्यों की होगी कमाई
(खुशबू पाण्डेय)
नई दिल्ली /टीम डिजिट : देशभर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार अब ट्रकों की तर्ज पर टूरिस्ट बसों एवं अन्य टूरिस्ट वाहनों को राष्ट्रीय परमिट जारी करेगा। सरकार परमिट आनलाइन जारी करेगी और कम से कम 3 महीने का परमिट बनवा सकते हैं। अधिकतम एक बार में तीन साल का परमिट सरकार देगी। इसको लेकर हाईलेवल पर काम हो रहा है। इसको लेकर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के तहत राष्ट्रीय परमिट व्यवस्था में संशोधन करेगी। इस बावत एक अधिसूचना जारी की है। मंत्रालय राष्ट्रीय परमिट व्यवस्था के तहत माल ढोने वाले वाहन की सफलता के बाद पर्यटक यात्री वाहनों को निर्बाधित आवाजाही उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहा है। इस प्रयोजन का परिणाम नियमों के एक नए समूह के रूप में आया है जिसे आज के बाद ‘अखिल भारतीय पर्यटक वाहन प्राधिकरण एवं परमिट नियमावली, 2020 के नाम से जाना जाएगा।
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नई व्यवस्था के लागू होने के बाद देश में सभी राज्यों में पर्यटन को बढ़ावा देने में दीर्घकालिक भूमिका निभाएगा, साथ ही राज्य सरकारों का राजस्व भी बढाएगा। केंद्र सरकार देश में पहली बार इसकी पहल की है। इस बावत सरकार ने सभी राज्यों से सुझाव भी मांगे हैं। इससे पहले परिवहन विकास परिषद ने राज्य सरकारों के साथ एक बैठक भी कर चुका है, जिसमें हर बिंदुओं पर चर्चा हुई थी। सभी राज्य इसको लेकर एकराय भी हैं।
इस नई योजना के तहत, कोई भी पर्यटक वाहन ऑपरेटर ऑनलाइन मोड के जरिये ‘अखिल भारतीय पर्यटक प्राधिकरण, परमिटÓ के लिए आवेदन कर सकता है। ऐसी सभी अनुज्ञप्तियां, परमिट ऐसे आवेदनों, जो वन स्टॉप साल्यूशन के रूप में ऐसे आवेदक द्वारा पूरा किए गए सभी अनुपालनों के अध्याधीन है। इसके जमा करने के 30 दिनों के भीतर पेश किए गए सभी संगत दस्तावेजों के बाद राष्ट्रव्यापी नियम शुल्कों के बाद जारी किए जाएंगे।
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यह तीन महीने की अवधि के लिए या इसके गुणाकारों में एक समय में, तीन वर्ष से अधिक नहीं, के लिए वैध होगा। इस प्रावधान को देश के उन क्षेत्रों, जहां पर्यटन का एक सीमित सीजन है और उन ऑपरेटरों, जिनके पास सीमित आर्थिक क्षमता है, को ध्यान में रखते हुए शामिल किया गया है।
यह स्कीम एक केंद्रीय डाटाबेस के समेकन तथा ऐसी सभी अनुज्ञप्तियों एवं परमिटों के शुल्कों को समेकन प्रदान करेगी जो पर्यटकों की आवाजाही, सुधार की गुंजाइश, पर्यटन के संवर्धन का बोध कराएगा तथा ऐसे पंजीकरणों के जरिये सृजित राजस्वों को बढ़ाने में सहायता करेगा। वर्तमान में विद्यमान सभी परमिट अपनी वैधता के दौरान लागू बने रहेंगे। बता दें कि देश में यात्रा एवं पर्यटन उद्योग पिछले 10-15 वर्षों में कई गुना बढ़ा है। इस वृद्धि में घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय दोनों ही पर्यटकों का योगदान रहा है और उच्च अपेक्षा तथा उपभोक्ता अनुभव का एक रुझान है।