32.1 C
New Delhi
Saturday, September 13, 2025

FICCI: उपराष्ट्रपति धनखड़ बोले-नारी सशक्तिकरण भविष्य के लिए निवेश

Join whatsapp channel Join Now
Join Telegram Group Join Now

नयी दिल्ली /खुशबू पाण्डेय । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नारी सशक्तिकरण पर बल देते हुए कहा है कि यह पूरे विश्व और देश के लिए एक निवेश है। श्री धनखड़ ने बुधवार को यहां फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन (FICCI Ladies Organization) की स्थापना के 40 वर्ष पूर्ण होने के समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाना दुनिया और देश के वर्तमान एवं भविष्य में एक निवेश है। उन्होंने कहा कि समान अवसरों को बढ़ावा देकर, बाधाओं को तोड़कर तथा महिलाओं की आवाज और उपलब्धियों को बढ़ाकर एक ऐसा समाज बनाया जा सकता है जो न केवल निष्पक्ष एवं न्यायसंगत, बल्कि समृद्ध और सतत् भी होगा। लैंगिक समानता और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को एक न्यायपूर्ण और प्रगतिशील समाज के मूलभूत सिद्धांतों के रूप में स्वीकार करते हुए, उपराष्ट्रपति ने लैंगिक रुप से समान परिवेश की सराहना की और सशस्त्र बलों में महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन और प्रवेश जैसी हालिया सकारात्मक पहलों का उल्लेख किया।

—महिलाओं का आर्थिक न्याय सतत विकास प्राप्त करने की कुंजी है
—फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन की स्थापना के 40 वर्ष पूर्ण

संसद में ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ के पारित होने का उल्लेख करते हुए श्री धनखड़ ने इसे भारतीय राजनीति में एक मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि संसद में अधिक महिलाएं उस ‘पितृसत्तात्मक मानसिकता’ को बदलने में मदद करेंगी। महिलाओं को ‘छद्म उम्मीदवार’ के रूप में पेश करने की आशंकाओं को खारिज करते हुए, उपराष्ट्रपति ने जोर देते हुए कहा कि महिलाएं आज समाज में अपना सही स्थान पुन: प्राप्त कर रही हैं और अब उन पर उनके परिवार के पुरुष सदस्य का नियंत्रण नहीं है। लैंगिक न्याय और सतत विकास के बीच संबंध पर श्री धनखड़ ने कहा कि लैंगिक न्याय और महिलाओं का आर्थिक न्याय सतत विकास प्राप्त करने की कुंजी है। उन्होंने कहा कि जब अधिक महिलाएं काम करती हैं तो अर्थव्यवस्था बढ़ती है। महिलाओं को आर्थिक राष्ट्रवाद का स्वाभाविक दूत बताते हुए श्री धनखड़ ने सभी से आर्थिक राष्ट्रवाद का पालन करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कोई भी राष्ट्र अपने सभी पहलुओं में राष्ट्रवाद और संस्कृति के प्रति द्दढ़ प्रतिबद्धता के बिना विकास नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि आर्थिक राष्ट्रवाद विकास के लिए मूल रूप से मौलिक है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Articles

Delhi epaper

Prayagraj epaper

Kurukshetra epaper

Latest Articles