31 C
New Delhi
Saturday, July 27, 2024

जनसहयोग से ही होगा आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का नव निर्माण

-सीएम शिवराज सिंह : पिछड़ा वर्ग के लिए नया आयोग
—सामुदायिक वन प्रबंधन के अधिकार जनजातियों को दिए जाएंगे
-अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 18 सितम्बर से चलेगा विशेष अभियान

(खुशबू पाण्डेय)
नई दिल्‍ली/ भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के निर्माण के लिए हर नागरिक को अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करना होगा। प्रदेश के निर्माण के लिए जनता के साथ मिलकर निर्णय लेने के उद्देश्य से प्रदेश में जनभागीदारी मॉडल विकसित किया गया है। प्रदेश में विभिन्न वर्गों की पंचायतों का आयोजन पुन: आरंभ किया जाएगा। जनता के कल्याण की योजनाएं जनता के साथ मिलकर बनाई जाएंगी और उनका क्रियान्वयन भी जनता के माध्यम से होगा। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण जनभागीदारी से किया जाएगा। हमें जनता का सहयोग चाहिए जनसहयोग के बिना अकेली सरकार प्रदेश का नव निर्माण नहीं कर सकती है। मुख्यमंत्री चौहान आज लाल परेड ग्राउंड पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह के राज्यस्तरीय कार्यक्रम में ध्वजारोहण तथा परेड की सलामी के बाद जनता को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री  चौहान ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए प्रदेश के नागरिकों को ईमानदारी से अपने कर्तव्य और दायित्वों का पालन करने, कोरोना अनुकूल व्यवहार के पालन, बेटियों का सम्मान करने और स्वच्छता अभियान में भाग लेने का संकल्प लेना होगा।

जनसहयोग से ही होगा आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का नव निर्माण

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हम मिलकर समृद्ध विकसित और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण करेंगे। मैं ऐसे मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए स्वयं को समर्पित करता हूँ। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के संकल्प के अनुपालन में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में हमारा प्रदेश देश में प्रथम रहेगा। प्रदेश के मस्तक पर जनभागीदारी की कुम- कुम और सुशासन के अक्षत से आत्मनिर्भरता का तिलक करें। हमें कदम मिलाकर चलना है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमारी सरकार समावेशी विकास के साथ सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है। अन्य पिछड़ा वर्ग का मामला हो, अनुसूचित जाति- जनजाति का कल्याण हो या महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान का विषय हो, राज्य सरकार प्रत्येक क्षेत्र में निरंतर कार्यरत है। अनुसूचित जनजाति के बहनों-भाइयों की भावनाओं, संस्कृति, जीवनमूल्य, परंपरा, रोजगार और शिक्षा के लिए 18 सितम्बर रघुनाथ शाह शंकरशाह के बलिदान दिवस से विशेष अभियान आरंभ किया जाएगा जो 15 नवम्बर भगवान बिरसा मुंडा की जयंती तक चलेगा। अभियान में कला और संस्कृति की रक्षा, रोजगार के अवसरों की उपलब्धता के साथ-साथ स्वास्थ्य रक्षा और जागरूकता के लिए विशेष गतिविधियां चलाई जाएंगी। सरकार द्वारा” देवारण्य” योजना प्रारंभ की जा रही है। योजना में जनजातीय बहुल क्षेत्रों में वहाँ के इको सिस्टम के अनुसार परंपरागत औषधीय पौधों और सुगन्धित पौधों को उगाने से लेकर उनकी प्रोसेसिंग,ब्रांडिंग, मार्केटिंग एवं विक्रय की सम्पूर्ण वैल्यू चेन विकसित की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अनुसूचित जनजाति के भाई-बहनों को सामुदायिक वन प्रबंधन के अधिकार देने की घोषणा की।

अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग कल्याण

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग की सुरक्षा, सम्मान, रोजगार और शिक्षा की भरपूर चिंता की जाएगी। बजट में इसके लिए 17 हजार 980 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संविधान में संशोधन कर पिछड़ा वर्ग के बहनों और भाईयों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक आयोग का दर्जा दिया गया है। हमारी सरकार पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। पिछड़े वर्गों के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक स्थिति का अध्ययन करने के लिए एक नया आयोग गठित किया जाएगा, जो व्यापक पैमाने पर पिछड़ा वर्ग की स्थितियों का अध्ययन कर उनकी स्थिति में सुधार के लिए अपनी अनुशंसाएं देगा। पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए हमारी सरकार कृत संकल्पित है।

latest news

Related Articles

epaper

Latest Articles