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Saturday, July 27, 2024

1095 दिनों में बनेगा नोएडा एयरपोर्ट, 2024 में उड़ने लगेंगे हवाई जहाज

– नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का शिलान्यास आज करेंगे प्रधानमंत्री मोदी
-29 हजार 560 करोड़ रुपए होगी परियोजना की पूरी लागत
-छह रनवे वाले इस हवाईअड्डे में एक करोड़ 20 लाख यात्री प्रतिवर्ष आएंगे
-मालवहन क्षमता 20 लाख टन सालाना होने का अनुमान

नई दिल्ली/ अदिति सिंह : राजधानी दिल्ली से सटे यूपी के गौतमबुद्ध नगर के जेेवर में बनने वाले नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पहले चरण का काम शिलान्यास के 1095 दिनों में पूरा हो जाएगा। साथ ही 29 सितंबर 2024 को परिचालन आरंभ हो जाएगा। सरकार ने इसके लिए लक्ष्य तय कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वीरवार को आधारशिला रखेंगे। हवाईअड्डे के लिए करीब 6200 हेक्टेयर ज़मीन में से पहले चरण के निर्माण के लिए 1334 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। सभी प्रकार की स्वीकृतियां प्राप्त हो चुकीं हैं। निर्माण करने वाली कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी की भारतीय इकाई ने निर्माण की पूरी योजना तैयार कर ली है। पहले चरण में एक रनवे एवं एक टर्मिनल के साथ निर्माण शिलान्यास के 1095 दिनों के भीतर किया जाएगा और 29 सितंबर 2024 में पहली यात्री अथवा कार्गाे उड़ान संचालित होने लगेगी। छह रनवे वाले इस हवाईअड्डे में शुरुआती यात्री वहन क्षमता एक करोड़ 20 लाख यात्री प्रतिवर्ष तथा मालवहन क्षमता 20 लाख टन सालाना होने का अनुमान है। बाद में हवाई अड्डे के सभी चरण पूर्ण होने तक ये क्रमश: सात करोड़ यात्री एवं आठ करोड़ टन तक जाने की संभावना है। नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के प्रथम चरण के निर्माण की लागत 4588 करोड़ रुपए की होगी जो निवेशक कंपनी व्यय करेगी जबकि भूमि अधिग्रहण की लागत 4326 करोड़ आयी है जिसे उत्तर प्रदेश सरकार वहन कर रही है। इस प्रकार प्रथम चरण की कुल लागत 8914 करोड़ रुपए आयी है। आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार पूरी परियोजना की निर्माण लागत 29 हजार 560 करोड़ रुपए की होगी।

3002 परिवारों के पुनर्वास का कार्य पूरा हुआ

यूपी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री एवं गौतमबुद्ध नगर के प्रभारी मंत्री जयप्रताप सिंह ने बुधवार को अपर मुख्य सचिव (नागर विमानन) एस पी गोयल और यमुना एक्सप्रेसवे विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुणवीर सिंह सहित प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारियों के साथ निरंतर कार्यक्रम स्थल पर तैयारियों की समीक्षा की। इसके बाद अपर मुख्य सचिव गोयल ने बताया कि सरकार ने निर्माण की समयावधि को लेकर बहुत कठोर शर्तें रखीं हैं। निर्माण में देरी होने पर कड़े दंडात्मक प्रावधान रखे हैं। उन्होंने कहा कि ज़मीन के अधिग्रहण के पश्चात 3002 परिवारों के पुनर्वास का कार्य भी पूरा हो गया है। सबको वैकल्पिक भूमि एवं आवास प्रदान किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा उत्तरी भारत में लॉजिस्टिक्स का एक विशाल एवं वैश्विक हब बनेगा जो राज्य का आर्थिक कायाकल्प करने में अहम भूमिका निभायेगा। यहां विमानों के अनुरक्षण, मरम्मत एवं पुनर्निर्माण (एमआरओ) के लिए भी अलग से बड़ा भूभाग आवंटित किया गया है। इससे पहले एमआरओ के लिए विमानों को विदेश भेजना पड़ता था लेकिन अब नोएडा में ये सुविधा हो जाएगी।

हवाईअड्डे से कम से कम पांच एक्सप्रेसवे जुड़ेंगे

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में यह दूसरा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा। इससे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर दबाव को कम करने में मदद मिलेगी। भौगोलिक रूप से रणनीतिक स्थिति के कारण यह दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़, आगरा, फरीदाबाद सहित शहरी आबादी और पड़ोसी इलाकों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा। इस हवाईअड्डे से कम से कम पांच एक्सप्रेसवे एवं राष्ट्रीय राजमार्ग -यमुना एक्सप्रेसवे, वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेसवे, राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 91 जुड़ेंगे।

यूजर चार्ज आईजीआई हवाईअड्डे से कम रखा जाएगा

नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को लोकप्रिय बनाने एवं ग्राहकों में स्थापित करने के लिए शुरुआत यूजर यानी उपयोगकर्ता शुल्क दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से काफी कम रखा जाएगा। यह करीब चार सौ रुपए प्रति यात्री तक हो सकता है। औद्योगिक उत्पादों के निर्बाध आवागमन की सुविधा के जरिये यह हवाई अड्डा क्षेत्र में भारी निवेश को आकर्षित करने, औद्योगिक विकास की गति बढ़ाने और स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभायेगा। इससे नये उद्यमों को अधिसंख्य अवसर मिलेंगे तथा प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के कम से कम एक लाख मौके भी पैदा होंगे।

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