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Thursday, April 18, 2024

ओडिशा-बंगाल में दिखा ‘यास’ का रौद्र रुप, भीषण बारिश के साथ तेज हवाएं जारी

नई दिल्ली, साधना मिश्रा: चक्रवात ‘ताऊते’ (Taute) के बाद अब बंगाल की खाड़ी से उठे साइक्लोन ‘यास’ (Yaas) ने कुछ ही घंटों में अपना रौद्र रुप दिखाना शुरु कर दिया है। भारत के कई राज्यों में यास ने भीषण तबाही मचाई हुई है। एक तरफ जहां पश्चिम बंगाल के हल्दिया में तूफान के चलते पुल गिर गया तो वहीं दूसरी तरफ ओडिशा में लोग तूफानी बारिश के साथ-साथ तेज हवाओं का भी सामना कर रहे है।

ओडिशा में 130-140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से लैंडफॉल
प्राप्त जानकारी के मुताबिक बालेश्वर के दक्षिण में ओडिशा के तट को पार करते समय तूफान की गति 130-140 किमी प्रति घंटे से 155 किमी प्रति घंटा हो गई। इसी के साथ ओडिशा में लैंडफॉल की प्रक्रिया पूरी हो गई है। हालांकि ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में इसका असर अभी भी देखने को मिल रहा है जिसके चलते उड़ीसा बंगाल और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।

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ओडिशा के कई रिहायशी इलाकों में पानी घुसा
पश्चिम बंगाल और ओडिशा (West Bengal and Odisha) में यास चक्रवात का तूफानी तांडव देखने को मिल रहा है। यहां तेज हवाओं के साथ-साथ भीषण बारिश भी हो रही है। ओडिशा के रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया तो वहीं बंगाल के हल्दिया पोर्ट में भी पानी का कहर दिखाई दे रहा है। यास की तूफानी तबाही को देखते हुए बिहार समेत कई राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।

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कोलकाता एयरपोर्ट बुधवार की सुबह 8:30 बजे से शाम 7:45 तक की सभी फ्लाइटे स्थगित
बता दें कि तूफान के चलते खराब मौसम की वजह से कोलकाता एयरपोर्ट से आज बुधवार सुबह 8:30 बजे से शाम 7:45 तक की सभी फ्लाइटे स्थगित कर दी गई हैं। वही भुवनेश्वर एयरपोर्ट मंगलवार रात से ही बंद है साथ ही भारतीय रेलवे ने ओड़िशा बंगाल की सभी ट्रेनों को चक्रवात यास के चलते रद्द कर दिया है।

यास चक्रवात के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ा
साइक्लोन यास के चलते नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण आज यानी बुधवार को पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना के कई इलाकों में पानी भर गया। इस दौरान यहां समुंद्र की लहरें नारियल के पेड़ों के शिखर को छूती और बाढ़ के पानी में कई कारें तैरती दिखाई दी। अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक जलस्तर बढ़ने के कारण दोनों तटीय जिलों में कई स्थानों पर तटबंध टूट गए, जिसके कारण कई गांव और छोटे कस्बे जलमग्न हो गए।

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