अहमदाबाद /टीम डिजिटल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने आज अहमदाबाद के साइंस सिटी में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट (Vibrant Gujarat Global Summit) के 20 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट की शुरुआत 20 वर्ष पहले 28 सितंबर 2003 को नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में हुई थी, जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे। कालांतर में, यह वास्तव में एक वैश्विक कार्यक्रम में बदल गया, जिसने भारत में प्रमुख व्यावसायिक शिखर सम्मेलनों में से एक होने का दर्जा प्राप्त किया। उद्योग जगत के दिग्गजों ने अपने विचार साझा किये। वेलस्पन के अध्यक्ष बी.के. गोयनका ने वाइब्रेंट गुजरात की यात्रा को याद करते हुए कहा कि वाइब्रेंट गुजरात वास्तव में एक वैश्विक कार्यक्रम बन गया है। उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री की परिकल्पना को याद किया, जिनके लिए निवेश प्रोत्साहन एक मिशन था।
—प्रधानमंत्री ने साइंस सिटी के सक्सेस पैविलियन में शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया
—वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के 20 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे
—वाइब्रेंट गुजरात की सफलता के मूल तत्व विचार, परिकल्पना और कार्यान्वयन हैं
उन्होंने कहा कि यह आयोजन अन्य राज्यों के लिए रोल मॉडल बन गया है। उन्होंने पहले वाइब्रेंट गुजरात के दौरान अपने अनुभवों को याद करते हुए कहा कि श्री मोदी ने उन्हें कच्छ क्षेत्र में विस्तार करने की सलाह दी थी, जो उस समय आये भूकंप से तबाह हो गया था। गोयनका ने कहा कि प्रधानमंत्री की सलाह ऐतिहासिक साबित हुई और सभी के सहयोग से वे बहुत कम समय में उत्पादन शुरू कर सके। उन्होंने वर्तमान कच्छ की जीवंतता को रेखांकित किया, जो पहले एक निर्जन क्षेत्र हुआ करता था।
Glimpses from the programme in Ahmedabad to mark 20 years of @VibrantGujarat. In 2003 we began an effort, which has grown to a spectacular platform that has enriched Gujarat’s growth trajectory. pic.twitter.com/CwfEb7L9Zc
— Narendra Modi (@narendramodi) September 27, 2023
उन्होंने कहा कि जल्द ही यह क्षेत्र दुनिया के लिए हरित हाइड्रोजन का केंद्र बन जाएगा। उन्होंने 2009 में वैश्विक वित्तीय संकट के बीच प्रधानमंत्री के आशावाद को भी याद किया और कहा कि उस वर्ष भी वाइब्रेंट गुजरात को बड़ी सफलता मिली थी। उन्होंने कहा कि 70 प्रतिशत से अधिक समझौता-ज्ञापनों से राज्य में निवेश हुआ है।
जेट्रो (दक्षिण एशिया) के मुख्य महानिदेशक तकाशी सुजुकी ने वाइब्रेंट गुजरात की 20वीं वर्षगांठ के लिए गुजरात सरकार को बधाई दी और कहा कि मेक इन इंडिया पहल में जापान का सबसे बड़ा योगदान रहा है। वर्ष 2009 से गुजरात के साथ जेट्रो की साझेदारी के बारे में बताते हुए श्री सुजुकी ने कहा कि गुजरात के साथ सांस्कृतिक और व्यावसायिक संबंध समय के साथ और गहरे हुए हैं। उन्होंने इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन को दिया, जिनके अनुमोदन पर जापानी कंपनियों को निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाने लगा। इसी क्रम में जेट्रो ने निवेश सुविधा के लिए 2013 में अहमदाबाद में अपना परियोजना कार्यालय खोला। उन्होंने भारत में देश-केंद्रित टाउनशिप पर भी प्रकाश डाला, जिन्होंने निवेश को प्रोत्साहित किया है और गुजरात में परियोजना कार्यालय को 2018 में क्षेत्रीय कार्यालय में अपग्रेड किया गया। श्री सुजुकी ने बताया कि गुजरात में लगभग 360 जापानी कंपनियां और कारखाने काम कर रहे हैं। उन्होंने भारत में सेमीकंडक्टर, ग्रीन हाइड्रोजन, नवीकरणीय ऊर्जा और फार्मास्युटिकल क्षेत्रों जैसे भविष्य के व्यावसायिक क्षेत्रों में उद्यम करने का भी उल्लेख किया और अगले वाइब्रेंट गुजरात में सेमीकंडक्टर इलेक्ट्रॉनिक्स पर ध्यान केंद्रित करने वाले एक जापानी व्यापार प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित करने के बारे में जानकारी दी। श्री सुजुकी ने भारत को निवेश के लिए एक इच्छित स्थान बनाने में मार्गदर्शन के लिए प्रधानमंत्री मोदी को भी धन्यवाद दिया।
Aquatic Gallery at Science City is a celebration of aquatic biodiversity and marine marvels.
It highlights the delicate yet dynamic balance of our aquatic ecosystems.
It is not only an educative experience, but also a call for conservation and deep respect for the world… pic.twitter.com/A84AKK1ZHQ
— Narendra Modi (@narendramodi) September 27, 2023
आर्सेलर-मित्तल के कार्यकारी अध्यक्ष श्री लक्ष्मी मित्तल ने कहा कि वाइब्रेंट गुजरात द्वारा शुरू किये गये रुझानों के कारण अन्य राज्यों में भी ऐसे आयोजन हुए, जिससे भारत वैश्विक निवेशकों के लिए एक पसंदीदा स्थान बन गया। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता कहा कि 20 वर्ष पहले बोए गए बीजों ने एक शानदार और विविध जीवंत गुजरात काऔर कार्यकुशलता को श्रेय दिया। उन्होंने जी-20 के लिए प्रधानमंत्री को बधाई दी, जो प्रधानमंत्री के नेतृत्व में वैश्विक सर्वसम्मति निर्माता के रूप में उभरा है। श्री मित्तल ने अग्रणी औद्योगिक राज्य के रूप में गुजरात की स्थिति को रेखांकित किया और यह बताया कि कैसे गुजरात प्रभावी तरीके से वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को प्रदर्शित करता है। उन्होंने राज्य में आर्सेलर-मित्तल परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी।
सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने रूप ले लिया है। उन्होंने वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन की 20वीं वर्षगांठ समारोह का हिस्सा बनने पर प्रसन्नता व्यक्त की। यह दोहराते हुए कि वाइब्रेंट गुजरात केवल राज्य के लिए एक ब्रांडिंग अभ्यास नहीं है, बल्कि संबंधों को मजबूत करने का एक अवसर है, प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि शिखर सम्मेलन उनके साथ जुड़े एक ठोस बंधन और राज्य के सात करोड़ लोगों की क्षमताओं का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “यह बंधन मेरे प्रति लोगों के अपार स्नेह पर आधारित है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2001 के भूकंप के बाद गुजरात की स्थिति की कल्पना करना मुश्किल है। भूकंप से पहले भी गुजरात लंबे सूखे से गुजर रहा था। माधवपुरा मर्केंटाइल कोऑपरेटिव बैंक के पराभव से ये संकट और बढ़ गए, जिसके कारण अन्य सहकारी बैंकों में भी प्रतिक्रियाएं शुरू हो गईं। श्री मोदी ने स्मरण करते हुए कहा कि यह उनके लिए एक नया अनुभव था, क्योंकि वह उस समय सरकारी भूमिका में बिलकुल नये थे। ऐसे में दिल दहला देने वाले गोधरा कांड के बाद गुजरात में हिंसा भड़क उठी। श्री मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में अनुभव की कमी के बावजूद उन्हें गुजरात और यहां के लोगों पर पूरा भरोसा था। उन्होंने कहा कि उस समय सोचे-समझे एजेंडे के तहत कुछ लोग काम कर रहे थे। इस दौरान गुजरात को बदनाम करने की साजिश रची गई थी।
प्रधानमंत्री ने कहा, ”मैंने संकल्प लिया कि परिस्थिति कुछ भी हो, मैं गुजरात को इस स्थिति से बाहर निकालूंगा। हम सिर्फ पुनर्निर्माण के बारे में नहीं सोच रहे थे, बल्कि इसके भविष्य की योजना भी बना रहे थे और हमने वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन को इसके लिए मुख्य माध्यम बनाया।” उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि वाइब्रेंट गुजरात राज्य की भावनाओं को ऊपर उठाने और दुनिया के साथ जुड़ने का एक माध्यम बन गया है। उन्होंने रेखांकित किया कि शिखर सम्मेलन राज्य सरकार के निर्णय लेने और केंद्रित दृष्टिकोण को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने के साथ-साथ देश की उद्योग क्षमता को भी सामने लाने का एक माध्यम बन गया है। उन्होंने आगे कहा कि वाइब्रेंट गुजरात का उपयोग कई क्षेत्रों में अनगिनत अवसर पेश करने, देश की प्रतिभा को उजागर करने और देश की दिव्यता, भव्यता व सांस्कृतिक परंपराओं को सामने लाने के लिए प्रभावी ढंग से किया गया है। शिखर सम्मेलन के आयोजन के समय के बारे में बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि वाइब्रेंट गुजरात राज्य के औद्योगिक विकास के लिए एक उत्सव बन गया है, क्योंकि इसका आयोजन नवरात्रि और गरबा के उत्सव के दौरान किया जाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “चाहे विचार कितना भी महान क्यों न हो, उसके लिए सिस्टम को सक्रिय करना और परिणाम देना अनिवार्य है।” उन्होंने कहा कि इतने बड़े पैमाने के संगठन के लिए गहन योजना, क्षमता निर्माण में निवेश, सावधानीपूर्वक निगरानी और समर्पण की आवश्यकता होती है। उन्होंने दोहराया कि वाइब्रेंट गुजरात के साथ, राज्य सरकार ने उन्हीं अधिकारियों, संसाधनों और नियमों के साथ वह सब हासिल कर लिया, जो किसी भी अन्य सरकार के लिए अकल्पनीय था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज वाइब्रेंट गुजरात एक समय की घटना से सरकार के भीतर और बाहर चल रही प्रणाली और प्रक्रिया वाली संस्था बन गई है।
प्रधानमंत्री ने वाइब्रेंट गुजरात की भावना पर जोर दिया, जिसका लक्ष्य देश के हर राज्य को लाभ पहुंचाना है। उन्होंने याद किया कि उस समय अन्य राज्यों से शिखर सम्मेलन में मिले अवसर का लाभ उठाने का अनुरोध किया गया था।
यह उल्लेख करते हुए कि 20वीं सदी में गुजरात की पहचान व्यापारी आधारित थी, प्रधानमंत्री ने बताया कि 20वीं से 21वीं सदी में परिवर्तन के कारण गुजरात कृषि में एक पावरहाउस और एक वित्तीय केंद्र बन गया। इस तरह राज्य को नया केंद्र मिल गया। उसे एक औद्योगिक और विनिर्माण ईको-प्रणाली के रूप में पहचान मिली। उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात की व्यापार-आधारित प्रतिष्ठा मजबूत हुई है। प्रधानमंत्री ने ऐसे विकासों की सफलता का श्रेय वाइब्रेंट गुजरात को दिया, जो विचारों, नवाचार और उद्योगों के लिए इनक्यूबेटर के रूप में काम कर रहा है। प्रभावी नीति-निर्माण और कुशल परियोजना कार्यान्वयन के बल पर पिछले 20 वर्षों की सफलता की कहानियों और केस स्टडीज का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कपड़ा और परिधान उद्योग में निवेश और रोजगार में वृद्धि का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि निर्यात में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई। श्री मोदी ने ऑटोमोबाइल क्षेत्र का जिक्र किया, जहां 2001 की तुलना में निवेश नौ गुना बढ़ गया, विनिर्माण उत्पादन में 12 गुना उछाल आया, भारत के यौगिकों और मध्यवर्ती विनिर्माण में 75 प्रतिशत योगदान, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में निवेश में सबसे अधिक हिस्सेदारी देश में 30,000 से अधिक चालू खाद्य प्रसंस्करण इकाइयाँ, चिकित्सा उपकरणों के निर्माण में 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी और कार्डियक स्टेंट निर्माण में लगभग 80 प्रतिशत हिस्सेदारी, दुनिया के 70 प्रतिशत से अधिक हीरों का प्रसंस्करण, भारत के हीरा निर्यात में 80 प्रतिशत योगदान, और सिरेमिक टाइल्स, सेनेटरी वेयर तथा विभिन्न सिरेमिक उत्पादों की लगभग 10 हजार विनिर्माण इकाइयों के साथ देश के सिरेमिक बाजार में 90 प्रतिशत हिस्सेदारी है। श्री मोदी ने यह भी बताया कि गुजरात भारत में दो अरब अमेरिकी डॉलर के वर्तमान लेन-देन मूल्य के साथ सबसे बड़ा निर्यातक है। उन्होंने कहा, “आने वाले समय में रक्षा विनिर्माण एक बहुत बड़ा क्षेत्र होगा।”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”जब हमने वाइब्रेंट गुजरात की शुरुआत की तो हमारा इरादा था कि यह राज्य देश की प्रगति का ग्रोथ इंजन बने। देश ने इस दृष्टिकोण को वास्तविकता बनते देखा है।” उन्होंने कहा कि 2014 में भारत को दुनिया का विकास इंजन बनाने का लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों और विशेषज्ञों के बीच गुंजायमान हो रहा है। उन्होंने कहा, “आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। अब हम एक ऐसे मोड़ पर खड़े हैं जहां भारत एक वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने जा रहा है। अब भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना है।” उन्होंने उद्योगपतियों से उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा, जो भारत को नई संभावनाएं देने में मदद करेंगे। उन्होंने स्टार्टअप ईको-प्रणाली, एग्री-टेक, फूड प्रोसेसिंग और श्रीअन्न को गति देने के तरीकों पर चर्चा करने को कहा।