-सिख संगत ने पीछा कर किया स्टिंग आपरेशन, हुआ खुलासा
–विपक्षी पार्टी जागो ने बोला हमला, दर्ज कराएगी केस
–गुरुद्वारा कमेटी ने आटा नहीं संगतों की श्रद्धा बेची : जीके
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल : राजधानी के गुरुद्वारों में लंगर की रसद में संगतों के द्वारा गुरुद्वारा बंगला साहिब में दिया गया आटा बाजार में बिकने के लिए पहुंच गया है। संगतों ने खुद स्टिंग आपरेशन कर इसका खुलासा किया है। इसकेे बाद सियासत गरमा गई है। विपक्ष इसे संगतों की श्रद्धा बाजार में बेचने का आरोप लगाते हुए करारा हमला बोला है। साथ ही कमेटी के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराने का दावा किया है। हालांकि, कमेटी ने बचाव करते हुए कुछ और ही तर्क दिया है।
स्टिंग का वीडियो वायरल होने के बाद रविवार को जागो पार्टी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने कमेटी पर घेरेबंदी की। साथ ही कहा कि प्रबंधकों के खिलाफ थाना संसद मार्ग में कमेटी सदस्य चमन सिंह शाहपुरा के द्वारा सोमवार को शिकायत दर्ज कराई जाएगी। पत्रकारों से बातचीत करते हुए हुए उन्होंने कहा कि कमेटी ने आटा नहीं बल्कि संगतों की श्रद्धा को बेचा हैं। यदि आपके पास फालतू आटा था तो गरीब सिखों, ग्रंथियों तथा पाठी सिहों को सहायता के तौर पर आटा देने की बजाए खुले बाजार में आटा बेचना गलत है। दरअसल कल एक निजी चैनल ने खुलासा किया था कि गुरुद्वारा बंगला साहिब से आटा भरकर चला ट्रक नंबर 7733, जिस पर लंगर सेवा गुरुद्वारा बंगला साहिब लिखा था, में कई टन आटा लोड था। जिसका 2 सिख नौजवानों ने पीछा किया और कैमरे में कैद हुई तस्वीरों में उस्मानपुर के पवन स्टोर पर यह ट्रक पहुँचता है। आटा 8 रुपये किलो आटा कमेटी ने बेचा था।
जीके के साथ आटा बिक्री का स्टिंग करने वाले दोनों सिख नौजवान दलजीत सिंह और हरनाम सिंह मौजूद थे। जीके ने कमेटी के महासचिव हरमीत सिंह कालका द्वारा आटा बेचने की बात स्वीकार करने के बावजूद खराब आटा बेचने के किए गए दावे को झूठ का पुलिंदा बताया। साथ ही दावा किया कि आटे में सुंड़ी पडऩे का दावा विश्वास योग्य ना होकर कमेटी द्वारा अपनी चोरी पकड़े जाने पर खिसियाते हुए नकली दस्तावेज बनाने का मामला ज्यादा लगता है। जो कि पुलिस के द्वारा कागजों की की जाने वाली फोरंसिक जाँच में साबित हो जाएगा। एक तरफ कमेटी ने विरोधी दलों के सदस्यों को इलाके में बाँटने के लिए राशन नहीं दिया, सिर्फ बादल दल से संबंधित सदस्यों को राशन देकर, रसद का सियासीकरण करने के साथ सदस्यों का मैंबर फंड़ भी बंद कर दिया गया।
अगर आटा खराब था तो दुकानदार ने क्यों खरीदा : जीके
जीके ने सवाल पूछा कि कालका के पास ऐसा कौन सा तंत्र हैं, जिससे 50 किलो के आटे के बंद बोरे में सुंड़ी होने का पता चल जाता है ? यदि आटा खराब था तो किरयाना स्टोर ने क्यों खरीदा ? यदि आटे को कबाड़ी या चोकर खरीदने वाले ने खरीदा था, तो वो खुद अपनी गाड़ी से उठाकर क्यों नहीं ले गया ? कमेटी के द्वारा किराए पर ली गई गाड़ी आटे की होम डिलीवरी करने क्यों गई ? जब लड़कों ने उस्मानपुर में ड्राइवर से आटे के बारे में पूछा तो उसने आटा जीटी करनाल रोड़ से लाने का झूठ क्यों बोला, जबकि लड़के उसका पीछा गुरुद्वारा बंगला साहिब से कर रहें थे ? जब कमेटी के दावे अनुसार लाकडाउन में 1.65 लाख लोगों का रोजाना लंगर पक रहा था और रसद भी बाँटी गई थी, तो आटा इस्तेमाल क्यों नहीं हुआ ? अगर पुराना आटा इस्तेमाल ही नहीं हो पा रहा था, तो कमेटी संगत से रोजाना रसद और पैसे क्यों माँग रहीं है ?
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कमेटी का दावा, आटा खराब हो रहा है इसलिए बेचा गया
–आटा बेंचने की परंपरा पहले से ही चल रहा : कालका
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव हरमीत सिंह कालका ने कहा है कि कमेटी द्वारा कोरोना महामारी के दौरान गुरुद्वारा बंगला साहिब व अन्य गुरुधामों से की गई मानवता की सेवा की दुनिया भर में हुई प्रशंसा से बौखला कर अकाली दल या दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी नहीं बल्कि पंथ के विरोधियों ने गुरुद्वारा बंगला साहिब को बदनाम करने की कोशिश की है।
कालका ने कहा कि कल रात से सोशल मीडिया पर एक स्टिंग ऑपरेशन करने के दावे किये जा रहे हैं जो बिल्कुल बेबुनियाद, झूठे व खोखले हैं। उन्होंने कहा कि कमेटी के अध्यक्ष के रूप में मनजीत सिंह जी.के व परमजीत सिंह सरना के कार्यकाल के दौरान जो परंपरायें थीं उसी के अनुसार ही खराब हो रहा आटा तीन सदस्यीय कमेटी की सिफारिशों के अनुसार बेचा गया। उन्होंने कहा कि यह रिवायत रही है कि बेचे गये आटे की राशि से घी, दाल व अन्य राशन सामग्री खरीदी जाती है और इससे मनजीत सिंह जी.के भलीभांति परिचित हैं। उन्होंने कहा कि कई वर्षों से यह रवायत चलती आ रही है कि जो राशन सामग्री लंगर के लिए पहुंची है और संगत द्वारा दसवंद आया है , उसका सदुपयोग किया जाता है। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान जो सामग्री आई थी बारिश के मौसम के कारण आटा खराब हो रहा था उसे कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर बेचा गया और बाजार की कीमत के अनुसार ही बेचा गया और इस सबंध में विरोधियों द्वारा किये जा रहे दावे बिल्कुल बेबुनियाद हैं। उन्होंने बताया कि सभी कुछ बकायदा नियमों के अनुसार किया गया है।
सरना व मनजीत सिंह जी.के की अगुवाई में आटा बेचा था
कालका ने याद दिलाया कि 2009 में परमजीत सिंह सरना व 2018 में मनजीत सिंह जी.के की अगुवाई में कमेटी ने इसी तरीके से आटा बेचा था और जी.के के समय तो जनरल मैनेजर हरजीत सिंह सूबेदार जो उनके साथ हर चोरी में भागीदार थे, के भी हस्ताक्षर कमेटी रिकार्ड में मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि हैरानी तो इस बात की है स्वंय पर लगे गोलक चोरी के आरोपों का जवाब देने की बजाय जी.के ने विपरीत गुरुद्वारा कमेटी व गुरुद्वारा बंगला साहिब को बदनाम करने की कोशिश की है।