नई दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय : रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) और उनकी पूरी रेलवे की फौज ने 51 घंटे के भीतर ट्रेनों की आवाजाही शुरू कर दी। पहले डाउन लाइन उसके थोड़ी ही देर बाद अप लाइन पर मालगाड़ी दौड़ना शुरू (freight train starts running) हो गई। आधी रात को मिली सफलता के लिए रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाथ जोडकर मालगाडी का स्वागत किया और कुछ देर तक नमन करते रहे। बाद में हाथ हिलाकर ड्राइवर सहित पूरी टीम का हौसला बढाया। बताते हैं कि आधी रात को जैसे ही रेल यातायात शुरू हुआ रेलमंत्री की आंखे भर आई और भारत माता के जयकारे लगाए।
ओडिशा के बालेश्वर में हुए दर्दनाक ट्रेन हादसे (train accident) के बाद ईस्ट कोस्ट रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रैक पर ट्रेन की आवाजाही को फिर से शुरू कर दिया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि दोनों ट्रैक बहाल कर दिए गए हैं। 51 घंटे के भीतर ट्रेन की आवाजाही सामान्य कर दी गई है। रेल मंत्री ने कहा, सभी ने बहुत अच्छा काम किया है। मुझे प्रभावित परिवारों के लिए बहुत दुख है, लेकिन हम घटना की जड़ तक पहुंचेंगे और जो भी जिम्मेदार होगा, उसे कड़ी सजा दी जाएगी।
ओडिशा रेल एक्सीडेंट की CBI जांच होगी, रेलमंत्री की सिफारिश
—इंटरलॉकिंग सिस्टम बदलने से एक्सीडेंट हुआ; सिग्नल गड़बड़ी को वजह बताया
—दो मेन लाइनों में पटरी का काम पूरा हो गया, बिजली की लाइनों पर काम चालू
—हादसे में घायल एवं मरने वालों के परिजनों से संपर्क करने की कोशिश
—तीन केंद्रीय मंत्रियों ने घटनास्थल पर डेरा डाला, मिलकर हो रहा काम
ओडिशा में शुक्रवार शाम को हुए रेल हादसे की सीबीआई (CBI) जांच कराई जाएगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार शाम को बालासोर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी। रविवार सुबह एक्सीडेंट साइट का जायजा लेने के बाद रेल मंत्री ने कहा था- इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव की वजह से एक्सीडेंट हुआ।
जिम्मेदारों की पहचान भी कर ली गई है। रविवार शाम की प्रेस कॉन्फ्रेंस में रेल मंत्री ने कहा- दो मेन लाइनों में पटरी का काम पूरा हो गया है। बिजली की लाइनों पर काम चल रहा है। अस्पतालों में घायलों का अच्छा इलाज चल रहा है। जो लोग इस हादसे में घायल हुए या जान गंवाई उनके परिजन से संपर्क करने की कोशिश जारी है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि अब तक जो जानकारी मिली है उसके बाद रेलवे बोर्ड की तरफ से इस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है। रेलवे ने रविवार को ड्राइवर की गलती और सिस्टम में खराबी से एक तरह से इनकार किया और संकेत दिया कि ओडिशा में ट्रेन दुर्घटना के पीछे इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में संभावित तोड़फोड़ और छेड़छाड़ हो सकती है।
Train movement on both Up & Down Main line has resumed within 51 hours of train derailment at Bahanga Bazar, Odisha. pic.twitter.com/vdpmFpjLn3
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) June 4, 2023
बालासोर ट्रेन दुर्घटना पर सीबीआई जांच की सिफारिश को लेकर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि जांच एजेंसी इसमें अपना काम करेगी। घटना की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई जांच का कदम उठाया गया है। यह राजनीति करने का समय नहीं है।
इस बीच रेलवे बोर्ड की ऑपरेशन एंड बिजनेस डेवलपमेंट मेंबर जया वर्मा ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कहा- शुरुआती तौर पर लगता है कि सिग्नल में गड़बड़ी थी।
First train movement started after 51 hours of derailment on down line at Bahanga Bazar near Balasore in Odisha. A coal loaded train is headed from Vizag to Rourkela through this route. pic.twitter.com/QKWHvaSmoV
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) June 4, 2023
रेलवे बोर्ड की मेंबर जया वर्मा ने रविवार को कहा कि सिर्फ कोरोमंडल एक्सप्रेस का एक्सीडेंट हुआ था। उस समय ट्रेन की स्पीड 128 किमी/घंटा थी। टक्कर के बाद मालगाड़ी पटरी से नहीं उतरी। चूंकि मालगाड़ी में लोहा लदा हुआ था। इसलिए सबसे ज्यादा नुकसान कोरोमंडल एक्सप्रेस को हुआ। इसी वजह से काफी लोगों की जान गई।
रेलवे अधिकारियों ने बताया था कि बहानगा बाजार स्टेशन की आउटर लाइन पर एक मालगाड़ी खड़ी थी। हावड़ा से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस यहां डिरेल होकर मालगाड़ी से टकरा गई। एक्सप्रेस का इंजन मालगाड़ी पर चढ़ गया और बोगियां तीसरे ट्रैक पर जा गिरीं। तीसरे ट्रैक पर आ रही बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ने कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियों को टक्कर मार दी।
Up-line train movement also started. pic.twitter.com/JQnd7yUuEB
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) June 4, 2023
इस बीच केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय स्वास्थ्य-परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया के साथ और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने श्रीराम चंद्र भंज मेडिकल कॉलेज का दौरा किया। उन्होंने भर्ती मरीज़ों से बातचीत की और चिकित्सकों के साथ भी परिस्थिति पर चर्चा की।
रेल मंत्री ने कहा कि दुर्घटना के मूल कारण और इसके लिए जिम्मेदार अपराधियों की पहचान कर ली गई है। उन्होंने बालासोर जिले में दुर्घटनास्थल पर मीडिया से बातचीत में कहा कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग और प्वाइंट मशीन में किए गए बदलाव के कारण ऐसा हुआ। इसे फेल सेफ सिस्टम कहा जाता है, इसलिए इसका मतलब है कि अगर यह फेल भी हो जाता है तो भी सारे सिग्नल लाल हो जाएंगे और सभी ट्रेनों का परिचालन रुक जाएगा।मंत्री ने कहा कि सिग्नल प्रणाली में समस्या थी। ऐसा हो सकता है कि किसी ने केबल देखे बिना कुछ खुदाई की हो।
रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने जांच पूरी कर ली
मंत्री ने यह भी कहा कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने जांच पूरी कर ली है और रिपोर्ट का इंतजार है। उन्होंने कहा, यह भीतर से या बाहर से छेड़छाड़ या तोड़फोड़ का मामला हो सकता है। हमने किसी भी संभावना से इनकार नहीं किया है। बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शुक्रवार शाम करीब सात बजे बालासोर के बहानागा बाजार स्टेशन के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में कम से कम 288 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 1,175 लोग घायल हो गए थे।
कोरोमंडल एक्सप्रेस के ड्राइवर क्लीन चिट
रेलवे अधिकारियों ने रविवार को कोरोमंडल एक्सप्रेस (कोरोमंडल एक्सप्रेस) के ड्राइवर को यह कहते हुए क्लीन चिट दे दी कि उसे आगे बढ़ने के लिए हरी झंडी मिल गई थी और वह तेज गति से गाड़ी नहीं चला रहा था। शुक्रवार को मिली प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस उस स्टेशन पर लूप लाइन में घुस गई थी, जिस पर लौह अयस्क से लदी एक मालगाड़ी खड़ी थी। रेलवे बोर्ड के परिचालन एवं कारोबार विकास की सदस्य जया वर्मा सिन्हा ने कहा कि किसी भी मशीन के चलने से खराबी आने का खतरा रहता है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि एआई-आधारित इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के साथ इस तरह की छेड़छाड़ केवल जानबूझकर की जा सकती है। अधिकारी ने सिस्टम में किसी भी खराबी से इनकार किया।
ओडिशा सरकार ने कहा- हादसे में 288 नहीं, 277 जानें गईं
इधर, ओडिशा के चीफ सेक्रेटरी प्रदीप जेना ने रविवार सुबह दावा किया कि हादसे में 288 नहीं, बल्कि 275 लोगों की जान गई है। उन्होंने कहा कि कुछ शव दो बार गिन लिए गए थे, इस वजह से मृतकों की संख्या में गड़बड़ी हुई। हादसे में 1175 लोग घायल हुए, जिनमें से 793 को इलाज के बाद डिस्चार्ज किया जा चुका है। इस पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि हमारे पास हादसे में जान गंवाने वालों की लिस्ट बढ़ रही, लेकिन उनके पास घट रही है। हादसे में पश्चिम बंगाल के 162 लोगों की जान गई है।अब तक पूरी लिस्ट नहीं मिल पाई है। बहुत से ऐसे लोग भी यात्रा करते हैं जो लिस्ट में नहीं होते। 182 शवों की अब तक पहचान नहीं हुई है।