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Wednesday, April 30, 2025

निजी यात्री ट्रेन के बाद अब निजी मालगाडिय़ां चलेंगी!

— समय सारणी आधारित मालगाडिय़ां चलाने की तैयारी
-निजी मालगाडिय़ां चलाकर दो साल में दोगुनी होगी माल ढुलाई
–रेल मंत्रालय ने शुरू की पहल, उद्योग जगत से बातचीत
-उद्योग जगत ने भी दिए मंत्रालय को कई सुझाव

(खुशबू पाण्डेय)
नई दिल्ली / टीम डिजिटल : देश में निजी यात्री ट्रेन चलाने के बाद अब भारतीय रेलवे कारपोरेट मालगाडिय़ों का भी परिचालन करने की तैयारी कर रहा है। इसके शुरू होने से माल ढुलाई दो साल में दो गुना से अधिक करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके अलावा लॉकडाउन अवधि में मालवहन के अनुभव से लाभ उठाते हुए देश भर में विशेष मार्गों पर समय सारणी आधारित मालगाडिय़ां चलाने की तैयारी कर रहा है। रेलवे का मानना भी है कि कुछ विशेष मार्गों पर समय सारणी से चलने वाली कार्गाे एवं पार्सल ट्रेनों को शुरू करने की जरूरत है। समय सारणी में निर्दिष्ट इन मार्गों पर परिचालन स्लॉट को लाइसेंस के आधार पर निजी एवं सार्वजनिक कारोबारी क्षेत्रों को दि या जा सकता है। देश में अगले दो साल में लॉजिस्टिक्स की लागत को 13 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत तक लाने तथा माल ढुलाई 1.2 अरब टन सालाना से बढ़ा कर 2.5 अरब टन तक लाने का लक्ष्य रखा गया है।

निजी यात्री ट्रेन के बाद अब निजी मालगाडिय़ां चलेंगी!

इसको लेकर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियों (हीरो मोटर कॉर्प, रिलायंस इंडस्ट्रीज, जिंदल स्टील, फ्लिपकार्ट,अडाणी लॉजिस्टिक्स आदि) के साथ बैठक कर देश में मालवहन क्षेत्र में अपेक्षित बदलावों के बारे में विचार विमर्श किया। रेल मंत्री ने इस मौके पर कहा कि भारत में इस समय लॉजिस्टिक्स की लागत 13 प्रतिशत है जो बहुत ज्यादा है और इसमें कमी लाने की आवश्यकता है।

इसके साथ ही कार्गाे ट्रेनों की परिचालन अवधि को कम करने एवं गुड्स शेड के ढांचे के उन्नयन की बहुत आवश्यकता है। इसे नीतियों में समुचित बदलाव करके और डिजीटाइजेशन एवं ऑटोमेशन को प्रोत्साहन देकर हासिल किया जा सकता है।
बैठक में उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने रेलवे के समक्ष अपने विचार एवं सुझाव भी रखे। साथ ही कार्गो ट्रेनों की परिचालन अवधि कम करने और मालभाड़ा को प्रतिस्पद्र्धी बनाने, प्वाइंट टू प्वाइंट कनेक्टिविटी और रोल ऑन रोल ऑफ सेवाओं को लेकर कुछ महत्वपूर्ण सुझावों को रेलवे ने विचार के लिए स्वीकार कर लिया।

बैठक के दौरान रेल मंत्री ने माना कि उद्योग जगत ने जो अमूल्य सुझाव दिये हैं, उन पर सकारात्मक ढंग से विचार किया जाएगा और उन्होंने रेलवे अधिकारियों से निश्चित समय के भीतर नीतियों में आवश्यक बदलाव करके उसे उदार एवं पारदर्शी बनाने के निर्देश दिये।
बता दें कि कोरोना विषाणु वैश्विक महामारी के कारण देश में यात्री गाडिय़ों का परिचालन 22 मार्च से बंद है और इस दौरान रेलवे ने मालपरिवहन बढ़ाया और रोजाना समय सारणी आधारित सौ से अधिक पार्सल ट्रेनों का परिचालन किया। इससे प्राप्त अनुभव को भारतीय रेलवे अब नियमित रेलसेवा के साथ ही लागू करना चाहती है।

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उद्योग जगत की ओर से हीरो मोटर कॉर्प के अध्यक्ष पवन मुंजाल, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के समूह अध्यक्ष (आपूर्ति श्रृंखला) नीरज अंबानी, जिंदल स्टील एंड पावर के प्रबंध निदेशक वी आर शर्मा, फ्लिपकार्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कल्याण कृष्णामूर्ति, अडाणी लॉजिस्टिक्स के संयुक्त अध्यक्ष उमेश अभयंकर, जीसीएमएमएफ के प्रबंध निदेशक आर एस सोढ़ी, कॉनकोर के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक वी कल्याणराम और भारतीय समर्पित मालवहन गलियारा निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अनुराग सचान शामिल हुए।

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