नई दिल्ली/अहमदाबाद/अदिति सिंह: रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष (CRB) एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिल कुमार लाहोटी ने साबरमती हाई स्पीड रेल (एचएसआर) स्टेशन का दौरा किया और मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना की प्रगति की समीक्षा भी की। सीआरबी लाहोटी ने साबरमती हाई स्पीड रेल ( High Speed Rail) हब का निरीक्षण किया तथा साबरमती एचएसआर स्टेशन पर चल रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा की एवं स्टेशन पर लगाए गए मॉडल को भी देखा। उन्हें परियोजना में किए गए विभिन्न विकास और प्रगति के बारे में एनएचएसआरसीएल के अधिकारियों के साथ चर्चा की तथा अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड रेल स्टेशनों की साइटों का दौरा किया और मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना की प्रगति की समीक्षा की तथा ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर, वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर साबरमती का निरीक्षण किया।
—CRB अनिल लाहोटी ने साबरमती हाई स्पीड रेल स्टेशन का किया दौरा
—हाई स्पीड रेल परियोजना की प्रगति की समीक्षा भी की
—अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड रेल स्टेशनों की साइटों का दौरा भी किया
उन्होंने इस दौरान ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर, वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर साबरमती का निरीक्षण किया तथा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर के अधिकारियों के बैठक की और ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर किस प्रकार प्रभावी तरीके से बेहतर कार्य करता है अधिकारियों द्वारा विस्तार पूर्वक बताया गया। इस दौरान लाहोटी एवं महाप्रबंधक पश्चिम रेलवे अशोक कुमार मिश्र द्वारा वृक्षारोपण भी किया गया। इसके पश्चात लाहोटी ने अहमदाबाद रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया अहमदाबाद स्टेशन पर आरएलडीए के अधिकारियों के द्वारा पावर प्रजेंटेशन के माध्यम से अहमदाबाद स्टेशन रीडेवलपमेंट के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया की प्रस्तावित रीडेवलपमेंट कार्य को किस प्रकार से किया जायेगा किस-किस प्रकार की बाधाएँ आएंगी और किस प्रकार ट्रेनों का संचालन करते हुए रीडेवलपमेंट का कार्य किया जायेगा। उन्होंने आणंद एचएसआर स्टेशन का निरीक्षण किया और एफएसएलएम कास्टिंग याडर् 434 और 442 का निरीक्षण किया गया तथा हाई स्पीड रेल परियोजना पर चल रहे कार्यों की समीक्षा की। इस अवसर पर लहोटी के साथ पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अशोक कुमार मिश्र, अहमदाबाद मंडल के मंडल रेल प्रबंधक तरुण जैन, विभागों के प्रमुखों के साथ-साथ पश्चिम रेलवे एवं नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL), वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर एवं आरएलडीए के वरिष्ठ अधिकारी भी थे।