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Sunday, June 15, 2025

बंगाल के बीकानेर एक्सप्रेस ट्रेन हादसे में खुलासा, रेलवे की बड़ी लापरवाही उजागर

नई दिल्ली /अदिति सिंह : पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में 13 जनवरी को पटरी से उतरी बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस का इंजन यात्रा संबंधी जरूरी निरीक्षण के बिना करीब 18,000 किलोमीटर तक चल चुका था, जबकि हर 4,500 किलोमीटर पर इस तरह की जांच की जरूरत होती है। प्रारंभिक जांच से यह जानकारी सामने आई है। रेलवे सुरक्षा आयोग ने पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के महाप्रबंधक को लिखे एक पत्र में रेल नेटवर्क पर फर्जी निरीक्षण पर भी सवाल उठाए हैं। इसमें कहा गया है कि इंजन का छह दिसंबर 2021 को पिछली बार यात्रा संबंधी निरीक्षण किया गया था। पत्र में कहा गया, तब से यह लगातार चल रहा था और 13 जनवरी को ट्रेन नंबर 15633 अप की यात्रा के समय इंजन के पटरी से उतरने से पहले लगभग 18,000 किमी की दूरी तय की जा चुकी थी। निर्धारित निरीक्षण कार्यक्रम के अनुसार वैप 4 लोकोमोटिव को प्रत्येक 4,500 किलोमीटर पर यात्रा निरीक्षण से गुजरना होता है लेकिन ऐसा नहीं किया गया था। यात्रा संबंधी निरीक्षण एक महत्वपूर्ण सुरक्षा जांच है जिसमें सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक प्रशिक्षित रेलवे अधिकारी द्वारा लोकोमोटिव के उपकरणों को जांचा जाता है।

-बिना निरीक्षण के ट्रेन इंजन ने 18 हजार किमी दूरी तय की
-प्रारंभिक जांच में बड़ी खामी पकड़ी गई, उठाए सवाल
-रेलवे सुरक्षा आयोग ने पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के महाप्रबंधक को लिखा पत्र
-रेल नेटवर्क पर फर्जी निरीक्षण का खेल, उठाए सवाल

रेलवे सुरक्षा आयोग के पत्र में कहा गया है, यह उम्मीद की जाती है कि रेलवे ने एक निगरानी प्रणाली को संस्थागत रूप दिया है ताकि यह प्रक्रिया समय पर की जाए। पत्र में कहा गया, जांच के दौरान प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों से यह पता चला कि पूर्व मध्य रेलवे के समस्तीपुर मंडल द्वारा जारी किए गए एक लोको लिंक में, एनसीबी (न्यू कूचबिहार) और एएफ (आगरा किला) में यात्रा निरीक्षण से गुजरने के लिए इलेक्ट्रिक इंजन आवंटित किए गए हैं। इन दोनों स्थानों पर यात्रा संबंधी निरीक्षण की कोई सुविधा नहीं है। इस तरह की मिथ्या जांच कैसे हो सकती है, यह रेलवे की जांच का विषय है। रेलवे सुरक्षा आयोग ने सिफारिश की है कि रेलवे यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए कि प्रत्येक लोकोमोटिव के लिए यात्रा निरीक्षण की निगरानी की जाए। आयोग ने कहा है कि यह सुनिश्चित करना रेलवे की जिम्मेदारी होगी कि एक इंजन समय पर यात्रा निरीक्षण सहित सभी निर्धारित प्रक्रिया से गुजरे। आयोग ने कहा कि लोको लिंक की जांच करने और जहां भी आवश्यक हो जरूरी सुधारात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए रेलवे के सुरक्षा संगठन का मसौदा तैयार किया जाना चाहिए। हादसे की अंतिम रिपोर्ट अभी नहीं आई है। इंजन के पटरी से उतरने के कारण नौ लोगों की मौत हो गई थी।

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