नई दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय । ऋषि सुनक ने मंगलवार को महाराजा चार्ल्स तृतीय के साथ मुलाकात के बाद औपचारिक रूप से भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाल लिया। इसके साथ ही उन्होंने वादा किया कि वह संकटग्रस्त देश की जरूरतों को राजनीति से ऊपर रखेंगे और अपने पूर्ववर्ती द्वारा की गई गलतियों को दुरुस्त करेंगे। सुनक को दिवाली के दिन निर्विरोध कंजर्वेटिव पार्टी का नया नेता चुना गया था। ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री सुनक (42) हिंदू हैं और वह पिछले 210 साल में ब्रिटेन के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री हैं। पेशे से बैंकर रहे सुनक ने प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर अपने पहले संबोधन में कहा कि उन्होंने ऐसे समय में कार्यभार संभाला है जब ब्रिटेन गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। उन्होंने इसकी वजह कोविड महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध को बताया और उम्मीद जताई कि वह इन चुनौतियों का सामना करने में सफल होंगे।
—हैं हिंदू, 210 साल में ब्रिटेन के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री बने सुनक
सुनक ने जोर दिया कि उन्होंने जिस उच्च पद को स्वीकार किया है, उससे वह दबाव में नहीं हैं। सुनक ने अपनी पूर्ववर्ती लिज ट्रस के संबंध में कहा, मैं बदलाव लाने के लिए उनकी बेचैनी की सराहना करता हूं। लेकिन कुछ गलतियां हुईं। वे गलतियां किसी दुर्भावना या गलत इरादों से नहीं हुईं, लेकिन फिर भी गलतियां हुईं। महीनों की राजनीतिक एवं आर्थिक उथल-पुथल के बाद ब्रिटेन में स्थिरता पर जोर देते हुए सुनक ने कहा कि उन्हें उनकी पूर्ववर्ती लिज ट्रस द्वारा की गई गलतियों को दुरुस्त करने के लिए कंजर्वेटिव पार्टी का नेता और प्रधानमंत्री चुना गया है। उन्होंने कहा, वह काम तुरंत शुरू किया जा रहा है। उन्होंने कहा, मैं अपने देश को कथनी से नहीं, बल्कि करनी से एकजुट करूंगा। मैं आपके लिए दिन-रात काम करूंगा। हम एकजुट होकर अविश्वसनीय चीजें हासिल कर सकते हैं।सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस के सह-संथापक नारायण मूर्ति के दामाद सुनक ने आने वाले दिनों में कठोर फैसले के लिए आगाह किया और महामारी के दौरान बतौर वित्त मंत्री अपनी उपलब्धियों की ओर इशारा करते हुए वादा किया कि वह आगे भी चुनौतियों को लेकर उसी तरह सहानुभूतिपूर्ण तरीके से निपटने का प्रयास करेंगे। पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने उन्हें बधाई देते हुए ट्वीट किया,इस ऐतिहासिक दिन पर ऋषि सुनक को बधाई, यह हर कंजर्वेटिव के लिए हमारे नए प्रधानमंत्री को अपना पूरा और दिल से समर्थन देने का क्षण है।इससे पहले सुबह, निवर्तमान प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने अपनी अंतिम कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की और उसके बाद उन्होंने महाराजा चार्ल्स तृतीय (73) को औपचारिक रूप से अपना इस्तीफा सौंप दिया। उसके बाद सुनक महाराजा से मुलाकात के लिए राजमहल पहुंचे, जहां उन्हें ब्रिटेन के 57वें प्रधानमंत्री के रूप में नयी सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया। जब सुनक बतौर प्रधानमंत्री, पहली बार अपना संबोधन दे रहे थे, उस समय उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति और बेटियां कृष्णा और अनुष्का उनके साथ नहीं थीं। सुनक इस संबोधन के बाद अपने मंत्रिमंडल को अंतिम रूप देने के लिए प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट में अधिकारियों के साथ बैठक करने चले गए।
भारतीय मूल का पहला ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनना ऐतिहासिक क्षण
ब्रिटिश फ्यूचर थिंक-टैंक के निदेशक सुंदर कटवाला ने कहा, ऋषि सुनक का भारतीय मूल का पहला ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनना एक ऐतिहासिक क्षण है। यह एक या दो दशक पहले संभव नहीं हो पाता।लेकिन हमें इस महत्वपूर्ण सामाजिक परिवर्तन को कम करके नहीं आंकना चाहिए। कैंटरबरी के आर्कबिशप जस्टिन वेल्बी ने ब्रिटेन के निवासियों से आग्रह किया कि वे ऋषि सुनक के लिए प्रार्थना करें क्योंकि सुनक एक चुनौतीपूर्ण समय में प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाल रहे हैं। उन्होंने ऐसे समय देश की बागडोर संभाली है जब ब्रिटेन धीमी गति से विकास, उच्च मुद्रास्फीति, यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर ऊर्जा की कीमतों में बढ़ोतरी और बजट घाटा जैसे मुद्दों से जूझ रहा है। इसके अलावा उनके सामने अपनी पार्टी के विभिन्न धड़ों को भी एकजुट करने की चुनौती होगी।