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Thursday, March 28, 2024

रेलवे भर्ती परीक्षा को लेकर बवाल, रेल मंत्रालय ने परीक्षाओं को किया स्थगित

नई दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय : भारतीय रेलवे द्वारा भर्ती परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर बुधवार को भी उम्मीदवारों के उपद्रव का क्रम जारी रहा। बिहार के साथ यूपी में भी बवाल बढ़ता देख रेलमंत्रालय ने आनन फानन में आरआरबी-एनटीपीसी और स्तर एक परीक्षाओं को स्थगित कर दिया। साथ ही जांच के लिए विशेष कमेटी बनाने का ऐलान कर दिया है। बावजूद इसके आंदोलनकारी तोड़तोड़ और ट्रेन में आगजनी बंद नहीं किए। मामला बढ़ता देख मैदान में रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव को उतरना पड़ा। रेलमंत्री पत्रकारों के समक्ष आए और बुधवार को सफाई दी। साथ ही नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों से सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट नहीं करने का आग्रह किया और आश्वासन दिया कि उनकी शिकायतों का समाधान किया जाएगा। इससे पहले दिन में, देश के विभिन्न हिस्सों से नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों द्वारा तोडफ़ोड़ की खबर के बाद रेल मंत्रालय ने आनन फानन में गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (आरआरबी-एनटीपीसी) और स्तर एक परीक्षाओं को स्थगित कर दिया था। इसके बावजूद यूपी और बिहार में बवाल नहीं थमा और गया में ट्रेन की तीन बोगियों में आग लगा दी गई।

-परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर यूपी-बिहार में बवाल
-मामला बिगड़ता देख मैदान में उतरे रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव
-प्रदर्शनकारी छात्रों से की अपील, ‘अपनी संपत्ति को नष्ट न करें
-रेलमंत्री ने दिया भरोसा, सभी शिकायतों का समाधान करेंगे
-रेलमंत्रालय ने जांच के लिए बनाई विशेष कमेटी, माहिर देखें मामला

बवाल बढ़ता देख आखिरकार, रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव को मैदान में उतरना पड़ा। रेलमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए उम्मीदवारों से अपील किया कि यह उनकी अपनी संपत्ति है। वे अपनी ही संपत्ति को क्यों नष्ट कर रहे हैं? हालांकि, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान होने पर अधिकारी उचित प्रक्रिया का पालन करेंगे। रेल मंत्री की टिप्पणी बिहार और चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश में नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों के हिंसक विरोध के बाद आई है। वैष्णव ने कहा कि रेलवे मुख्यमंत्रियों के संपर्क में है और इस मुद्दे के साथ संवेदनशीलता से निपटा जा रहा है। रेल मंत्री ने कहा, मैं उम्मीदवारों से अपनी शिकायतों को औपचारिक रूप से सामने रखने का आग्रह करता हूं। हमारा इरादा इस मुद्दे को जल्दी से हल करने का है। एक समिति बनाई गई है और यह उम्मीदवारों के आवेदनों पर गौर करेगी। बिहार में प्रदर्शन के तीसरे दिन एक यात्री ट्रेन में आग लगा दी गई और एक पर पथराव किया गया। वैष्णव ने छात्रों से कानून को अपने हाथ में नहीं लेने का अनुरोध किया। हम उनकी शिकायतों और चिंताओं को गंभीरता से लेंगे। उन्होंने कहा कि सभी रेलवे भर्ती बोर्ड के अध्यक्षों को उम्मीदवारों की चिंताओं को सुनने, उन्हें संकलित करने और समिति को भेजने के लिए कहा गया है। मंत्री ने कहा, इस उद्देश्य के लिए एक ईमेल एड्रेस शुरू किया गया है। समिति देश के विभिन्न हिस्सों में जाएगी और शिकायतों को सुनेगी। रेल मंत्री ने कहा हम कानूनी रूप से स्नातकों को ‘टेन प्लस टू योग्यता वाले पदों पर आवेदन करने से नहीं रोक सकते। कुल रिक्तियों में से 24,281 पद स्नातक कर चुके उम्मीदवारों के लिए हैं, 11,000 पद स्नातक से नीचे की योग्यता के लिए हैं। इन पदों को 7वें सीपीसी वेतनमान स्तरों (स्तर 2, 3, 4, 5 और 6) के आधार पर पांच समूहों में विभाजित किया गया है।

छात्रों की रेलवे में भर्ती पर हमेशा के लिए पाबंदी लगा दी जाएगी

हालांकि, रेलवे ने मंगलवार को परीक्षाॢथयों को अल्टीमेटम दिया था कि प्रदर्शन के दौरान तोडफ़ोड़ सहित अन्य गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल छात्रों की रेलवे में भर्ती पर हमेशा के लिए पाबंदी लगा दी जाएगी। बिहार के गया जंक्शन पर भीड़ ने नारेबाजी की और भभुआ-पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस में आग लगा दी, हालांकि कोई घायल नहीं हुआ। उम्मीदवार दो चरणों में परीक्षा आयोजित करने के रेलवे के फैसले का विरोध कर रहे हैं।
बता दें कि लगभग 1.25 करोड़ उम्मीदवारों ने परीक्षा के लिए आवेदन किया था, जिसमें स्तर दो से स्तर छह तक 35,000 से अधिक पदों का विज्ञापन किया गया था। रेलमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बिहार के सीतामढ़ी में पुलिस ने रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलाई। पटना, नवादा, मुजफ्फरपुर, बक्सर और भोजपुर जिलों से भी विरोध प्रदर्शन की खबरें आई हैं।

प्रदर्शनकारियों ने कई स्थानों पर पटरियों पर धरना दिया

प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को कई स्थानों पर पटरियों पर धरना दिया, जिससे ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई। विरोध के कारण कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया या वैकल्पिक मार्गों पर चलाया गया। परीक्षा को लेकर विवाद तब पैदा हुआ जब उम्मीदवारों ने रेलवे के गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (एनटीपीसी) में भर्ती अभियान की स्क्रीङ्क्षनग प्रक्रिया का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि परीक्षा उच्च योग्यता वाले छात्रों के पक्ष में बनाई गई है यहां तक कि उन नौकरियों में भी जहां कम योग्यता की आवश्यकता होती है। उम्मीदवारों ने आरोप लगाया है कि पिछले साल आयोजित कंप्यूटर आधारित टेस्ट -1 के दौरान, उच्च योग्यता वाले उम्मीदवार लेवल 2 की नौकरियों के लिए परीक्षा में बैठे। रेलवे ने कहा है कि किसी भी उम्मीदवार को कई पदों पर भर्ती नहीं किया जा सकता है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हर योग्य उम्मीदवार का चयन हो जाए।

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