22.1 C
New Delhi
Sunday, November 10, 2024

2024 का सेमीफाइनल : भाजपा के लिए 2023 में सुखद शुरुआत

नई दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय: 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल के रूप में देखे जा रहे 2023 के विधानसभा चुनावों में भाजपा की सुखद शुरुआत हुई है। पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में हुए विधानसभा के चुनावों में दो राज्यों त्रिपुरा एवं नागालैंड में कमल खिला है। तीन में से दो राज्यों में हुई ऐतिहासिक जीत से भाजपा गदगद है। इस जीत के बाद भाजपा के लिए कम उपजाऊ दक्षिण की धरती पर कमल खिलाने कवायद करते हुए पार्टी अध्यक्ष सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कार्यकर्ताओं में जोश भरा। भाजपा के लिए जीत का यही निरंतरता बनाए रखना महत्वपूर्ण है। क्योंकि अगले ही महीने दक्षिण भारत के कर्नाटका में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। हालांकि कर्नाटक में भाजपा की स्पष्ट बहुमत वाली सरकार काबिज है। लिहाजा पार्टी को दक्षिण भारत के इस गेटवे को बचाये रखना 2024 चुनाव की नजर से महत्वपूर्ण और बहुत आवश्यक है। कर्नाटक की जीत पार्टी के लिए दक्षिण के अन्य राज्यों में कमल खिलाने के अवसर प्रदान करेगी।

-पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में से दो राज्यों त्रिपुरा एवं नागालैंड में खिला कमल
-2024 से पहले 9 राज्यों में होना है चुनाव, 2 राज्यों से हुआ श्री गणेश
-अगले महीने दक्षिण भारत के गेटवे कर्नाटक में है विस चुनाव
-भाजपा के लिए जीत का यही निरंतरता बनाए रखना बहुत जरूरी
-प्रधानमंत्री की रणनीति और सरकार की योजनाओं ने किया खेला
-मोदी सरकार का पूर्वोत्तर में पुरानी लड़ाई को खत्म करने पर फोकस
-पीएम मोदी का चेहरा चुनाव में जीत का ये भी बड़ा फैक्टर रहा

बता दें कि देश में इस वर्ष 2023 में कुल 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इसमें से आज त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड के चुनाव हो गए। ये तीनों राज्य विधानसभा सीट के हिसाब से देखा जाए तो छोटे राज्य हैं। अब कर्नाटका से बड़े राज्यों की शुरुआत होगी। इसके बाद मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, और मिजोरम शामिल है। इन राज्यों में पार्टियों की जीत हार से आगामी 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर जनता के मूड का पता चलेगा।
पूर्वोत्तर के तीन में से दो राज्यों में भारतीय जनता पार्टी का परचम लहराने के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रणनीति और सरकार की योजनाओं ने बड़ा काम किया है। पीएम मोदी का पूर्वोत्तर पर फोकस सबसे ज्यादा है। 2014 से पहले नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में कांग्रेस और लेफ्ट का ही राज हुआ करता था। तब विकास के मुद्दे पर पूर्वोत्तर के इन राज्यों की कुछ खास चर्चा नहीं होती थी। 2014 के बाद तस्वीर बदलने लगी।

2024 का सेमीफाइनल : भाजपा के लिए 2023 में सुखद शुरुआत

पूर्वोत्तर के इन राज्यों के विकास के लिए केंद्र सरकार ने अलग से बजट में प्रावधान किया। 2014 में भाजपा के केंद्रीय सत्ता में आने के बाद नॉर्थ ईस्ट के लोगों को केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं का सीधे फायदा दिलाने की कोशिश की गई। सबसे ज्यादा आवास योजना का लोगों को फायदा लोगों को मिला
इसके साथ ही केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद से पूर्वोत्तर के राज्यों में काफी तेजी से विकास हुआ। नॉर्थईस्ट के इन राज्यों को एयर, रेल और रोड कनेक्टिविटी के जरिए देश के बाकी हिस्सों से जोड़ा गया। इससे इन राज्यों की कमाई भी बढ़ गई। लोगों को रोजगार मिला। इसके अलावा बड़े पैमाने पर यहां शिक्षण संस्थानों की शुरुआत हुई। युवाओं को कौशल विकास और तकनीकी शिक्षा से जोड़ा गया।
केंद्र और फिर पूर्वोत्तर राज्यों में सरकार बनाने के बाद भाजपा का सबसे बड़ा फोकस राज्यों की पुरानी लड़ाइयों को खत्म करना था। मेघालय और असम का 50 साल पुराना सीमा विवाद खत्म कराने के प्रयास किए गए। इसी तरह नगालैंड-असम सीमा विवाद को भी निस्तारित करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए। त्रिपुरा, असम और मेघालय में राजनीतिक हिंसाओं को लगभग खत्म कर दिया। त्रिपुरा में बांग्लादेशी घुसपैठ को खत्म कर दिया। इसी तरह नगालैंड में नागा संघर्ष को भी खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने अपने स्तर पर काम किया।
इसके अलावा पीएम मोदी का चेहरा चुनाव में जीत का ये भी बड़ा फैक्टर रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा नॉर्थ ईस्ट के इन चुनावी राज्यों में भी काफी विश्वसनीय हो गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी सूचना के अनुसार, 2014 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद से लेकर अब तक नॉर्थ ईस्ट के इन राज्यों में 97 बार दौरा कर चुके हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार ने नॉर्थ ईस्ट के लिए मंत्रियों की एक अलग टीम भी बनाई है। ये केंद्रीय मंत्री भी लगातार इन राज्यों का दौरा करते रहे हैं।

latest news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Articles

epaper

Latest Articles