नई दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय: केंद्र सरकार के मोदी मंत्रिमंडल (Modi cabinet) में बदलाव को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की संभावनाएं और बढ़ गई हैं। लिहाजा, कभी भी मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है। इस बार बड़े स्तर पर फेरबदल होने के कयास लगाए जा रहे हैं। दिग्गज मंत्रियों को कैबिनेट से संगठन में भेजे जाने की चर्चा है। साथ ही कुछ केंद्रीय मंत्रियों को प्रदेश अध्यक्ष की कमान भी सौंपने की तैयारी है। मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक सहित करीब छह राज्यों में अध्यक्ष बदलने हैं। इसके अलावा 2024 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र आदि बड़े राज्यों के संगठन प्रभारी एवं चुनाव प्रभारी भी बदले जाने की चर्चा है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में बदलाव की सुगबुगाहट के बीच भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय में दो दिनों से केंद्रीय मंत्रियों एवं दिग्गज नेताओं का दौरा हो रहा है। बुधवार को भी गतिविधियां तेज देखी गई और कई मंत्रियों व वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य पदाधिकारियों से मुलाकात की। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने भाजपा अध्यक्ष से मुलाकात की।
-कुछ को बनाया जाएगा प्रदेश अध्यक्ष, कुछ बनेंगे राज्यों के प्रभारी
-एमपी, कर्नाटक, गुजरात, सहित 6 राज्यों में बनाए जाएंगे अध्यक्ष
-हलचल के बीच कई मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं ने की नड्डा से मुलाकात
भाजपा की पंजाब इकाई के नवनियुक्त प्रमुख सुनील जाखड़ ने भी पार्टी कार्यालय का दौरा किया और नड्डा से मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया(Jyotiraditya Scindia), स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) सहित कई अन्य मंत्रियों के बाद में बैठकों के लिए पार्टी कार्यालय पहुंचने की खबर है। भाजपा ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, सुनील जाखड़ और बाबूलाल मरांडी को क्रमश : तेलंगाना, पंजाब और झारखंड का अध्यक्ष नियुक्त किया। इस नियुक्ति की घोषणा के चंद घंटों के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, भूपेंद्र यादव और किरण रिजीजू सहित कुछ अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने भी नड्डा से मुलाकात की थी। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पार्टी महासचिव (संगठन) बी एल संतोष से मुलाकात की जबकि एक अन्य मंत्री एस पी एस बघेल ने नड्डा से मुलाकात की। इन बैठकों में क्या चर्चा हुई, इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से चल रही मुलाकातों का यह सिलसिला कुछ और दिन जारी रह सकता है। भाजपा के एक नेता ने कहा कि इन बैठकों को मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए, क्योंकि पार्टी कई संगठनात्मक कार्यक्रमों की योजना बना रही है और इस तरह की बातचीत नियमित रूप से होती रही है।
मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल नहीं हुए जी किशन रेड्डी
भारतीय जनता पार्टी की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष के रूप में अपनी नियुक्ति के एक दिन बाद, केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी (G Kishan Reddy) बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल नहीं हुए। उनकी अनुपस्थिति के लिए कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया गया है, लेकिन कुछ नेताओं का मानना है कि यह संभावित फेरबदल से पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल से उनके बाहर निकलने का संकेत हो सकता है। केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री रेड्डी को मंगलवार को भाजपा की तेलंगाना इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। भाजपा में भी एक व्यक्ति-एक पद का नियम है। रेड्डी के एक करीबी सूत्र ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि वह मंत्रिमंडल से इस्तीफा देंगे या नहीं।
अकाली दल फिर NDA में होगा शामिल, मिले संकेत
पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) और भाजपा में एक बार फिर गठबंधन होगा, इसको लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। पंजाब भाजपा के अध्यक्ष पद पर सुनील जाखड़ की नियुक्ति के बाद से दोनों दलों के बीच दोस्ती बहाल होने का संकेत मिल रहे हैं। इस बीच अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने छह जुलाई को दोपहर 12 बजे चंडीगढ़ स्थित कार्यालय में पार्टी के सभी जिला अध्यक्षों और सभी हलका प्रभारियों की बैठक बुलाई है। पार्टी राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करेगी और पार्टी की भविष्य की रणनीति तैयार करेगी। भाजपा ने पंजाब में पहले की तरह अकाली दल से गठबंधन कर हिंदू-सिख भाईचारा की नीति पर चलने का संकेत दिया है। सूत्रों का कहना है कि जल्द होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में अकाली दल की हरसिमरत कौर फिर से केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होंगी। चर्चा ये भी है कि इस बार अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल को केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है। बता दें कि शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के बीच 1996 में गठबंधन हुआ था। अकाली दल एनडीए के सबसे पुराने साथियों में से था। 2021 में तीन कृषि कानूनों के विरोध में हुए किसान आंदोलन के कारण दोनों ने अपने रिश्ते खत्म कर दिए थे।