नई दिल्ली /खुशबू पाण्डेय: हरियाणा के नारायणगढ़ स्थित गुरुद्वारा श्री रातगढ़ साहिब (Gurudwara Sri Ratgarh Sahib) में गुरमति समारोह के दौरान मुख्यमंत्री नायब सैनी के आगमन से पूर्व श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की तलाशी को लेकर सिख भडक उठे हैं। इसको लेकर देश और दुनिया के सिखों में नाराजगी देखी जा रही है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने इस मसले पर कडी आपत्ति दर्ज कराई है। साथ ही कहा कि ऐसा कभी नहीं होता, जो इस बार हुआ है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री सहित अन्य महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोग भी गुरुद्वारों में नतमस्तक होने के लिए आते रहे हैं मगर सुरक्षा के नाम पर ऐसा घिनौना कृत्य आज तक कभी नहीं हुआ।
—सिखों ने जताई आपत्ति, श्री अकाल तख्त साहिब से शिकायत
—अकाल तख्त संज्ञान लेते हुए कार्यक्रम के प्रबंधकों को तलब कर कड़ी सज़ा दे
—हमारे लिए गुरु साहिब का आदर सर्वोपरि : परमजीत सरना
— हरियाणा के मुख्यमंत्री को नैतिक आधार पर सिख समुदाय से माफी मांगनी चाहिए: सरना
—मुख्यमंत्री माफी नहीं मांगते हैं तो सिख समुदाय उनका सामाजिक बहिष्कार करेगा
सरना ने श्री अकाल तख्त साहिब को इस मामले की शिकायत की है। साथ ही कहा कि संज्ञान लेते हुए कार्यक्रम के प्रबंधकों को अकाल तख्त साहिब तलब कर कड़ी से कड़ी सज़ा दी जानी चाहिए। सरना ने कहा कि जिन्होंने मौके पर ऐसा होने दिया उसको भी तलब किया जाना चाहिए। क्योंकि हमारे लिए श्री गुरु ग्रंथ साहिब का आदर सर्वोपरि है ना कि कोई मंत्री या नेता।
शिरोमणि अकाली दल की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी को इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए सिख समुदाय से माफी मांगनी चाहिए, अगर वह माफी नहीं मांगते हैं तो सिख समुदाय को उनका सामाजिक बहिष्कार करना चाहिए।
सरना ने पूछा कि हरियाणा सिख गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह असंध और बलजीत सिंह दादूवाल कहां है? कुछ दिन पूर्व बलजीत दादूवाल गुरुद्वारा बंगला साहिब जैसे पवित्र स्थल पर बैठकर भाजपा का समर्थन कर रहे थे, आज इस बेअदबी की घटना के बावजूद अपनी जुबान पर ताला लगाकर क्यों बैठे हैं। सरना ने दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के प्रबंधकों को भी आडे हाथों लिया और कहा कि उन्हें भी इस मसले पर आपत्ति दर्ज करानी चाहिए।
प्रधानमंत्री हों या कोई बादशाह, गुरू
के आगे सब नतमस्तक : मंजीत सिंह
दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके ने घटना पर कडी आपत्ति जाते हुए कहा कि वीआईपी को गुरुग्रंथ साहिब की हाजिरी में नहीं बुलाना चाहिए। वहां के पदाधिकारी चापलूसी में डूबे हुए हैं, जिसकी वजह से बहुत बडी गलती हुई है। उन्होंने कहा कि चाहे प्रधानमंत्री आएं या कोई बादशाह, गुरू के आगे सब नतमस्तक हैं। गुरुग्रंथ साहिब की मौजूदगी में कोई वीआईपी नहीं होता, सब संगत का रूप होते हैं, लिहाजा संगत को मर्यादा में रहना जरूरी है। श्री अकाल तख्त साहिब को इस मामले में तुरंत एक्शन लेते हुए संबंधित प्रबंधकों पर कार्रवाई करना चाहिए।