भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस में फैल रही गुटबाजी को लेकर पूर्व मंत्री और कांग्रेस वर्किंग कमिटी के सदस्य कमलेश्वर पटेल ने सोमवार को खुलकर नाराजगी जताई। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरिश चौधरी पर सीधा हमला बोला और उन्हें “गुटबाजी” का हिस्सा बताते हुए पक्षपाती होने का आरोप लगाया। पटेल का कहना है कि हरिश चौधरी की जिम्मेदारी नेताओं के बीच तालमेल बिठाने की है, न कि खुद को पार्टी बनाने की।
कांग्रेस प्रभारी पर लगे गंभीर आरोप, तालमेल की बजाय गुटबाजी को बढ़ावा
कमलेश्वर पटेल ने मीडिया से बातचीत में कहा, “राजनीति में हमेशा से गुटबाजी रही है, लेकिन ये स्तर पार हो गया है। हरिश चौधरी को नेताओं को जोड़ना चाहिए, न कि खुद पार्टी बनना चाहिए।” उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और प्रभारी हरिश चौधरी से इस मुद्दे पर ध्यान देने की अपील की। पटेल ने जोड़ा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है, इसलिए उन्हें फैसला लेना चाहिए। “राजनीति में नेताओं के बीच मतभेद तो होते ही हैं। मैं हरिश चौधरी और जीतू पटवारी से अनुरोध करता हूं कि सभी नेताओं में सहमति बनाएं। पार्टी ने आपको राज्य इकाई का नेतृत्व सौंपा है,” उन्होंने कहा।
सिद्धी जिले के दो दिग्गज नेताओं की पुरानी दुश्मनी फिर सुर्खियों में
इधर, सोमवार को मध्य प्रदेश कांग्रेस में एक और चौंकाने वाली घटना घटी। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अजय सिंह ‘राहुल’ ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भोपाल स्थित श्यामलाल हिल्स वाले घर का दौरा किया। खास बात ये है कि अजय सिंह, जो पूर्व सीएम (स्वर्गीय) अर्जुन सिंह के बेटे हैं, कई सालों से दिग्विजय सिंह से नहीं मिले थे। इस अचानक मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा छेड़ दी।
दोनों ही नेता मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र के सिद्धी जिले से आते हैं और उनकी राजनीतिक दुश्मनी हमेशा से चर्चा का विषय रही है। 2018 के विधानसभा चुनाव में अजय सिंह अपने पारिवारिक गढ़ चुरहट (सिद्धी जिले) से हार गए थे, लेकिन 2023 में उन्होंने जीत हासिल की। वहीं, कमलेश्वर पटेल ने 2018 में सिहावल सीट से जीतकर कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री का पद संभाला, लेकिन 2023 में वे हार गए। ये घटनाएं मध्य प्रदेश कांग्रेस की आंतरिक कलह को और उजागर कर रही हैं।
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