गाजियाबाद/भूपेंद्र तालान: गाजियाबाद नगर निगम (Ghaziabad Municipal Corporation) ने शहर में आवारा और पालतू कुत्तों की देखभाल के लिए एक बड़ी पहल शुरू की है। नगर निगम ने कुत्तों में माइक्रोचिप लगाने और तीन एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) सेंटर स्थापित करने का काम शुरू कर दिया है। इस कदम के साथ गाजियाबाद उत्तर प्रदेश का पहला नगर निगम बनने जा रहा है, जो इस तरह की सुविधा प्रदान करेगा। इस पहल का मकसद शहर में कुत्तों से जुड़ी समस्याओं को कम करना और उनके स्वास्थ्य व प्रबंधन को बेहतर करना है।
नगर आयुक्त की बैठक और अहम फैसले
शनिवार को नगर निगम मुख्यालय में नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक (Municipal Commissioner Vikramaditya Singh Malik) ने एनिमल बर्थ कंट्रोल मॉनिटरिंग कमेटी के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में कुत्तों से संबंधित समस्याओं के समाधान और एबीसी सेंटर को प्रभावी ढंग से चलाने के लिए 11 अहम बिंदुओं पर चर्चा हुई। बैठक में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसपी पांडेय, उप मुख्य पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉ. अनुज कुमार सिंह, डॉ. हरिवंश सिंह, डॉ. सौरभ कुमार, डॉ. आशीष त्रिपाठी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश कुमार और पार्षद संजय सिंह, नीतू शर्मा जैसे सदस्य शामिल रहे।
नगर आयुक्त ने बताया कि कुत्तों से जुड़ी समस्याओं को हल करने के लिए नगर निगम लगातार काम कर रहा है। इस बैठक में डॉग रजिस्ट्रेशन और नसबंदी (स्टेरलाइजेशन) की प्रक्रिया को तेज करने पर जोर दिया गया। साथ ही, रोजाना होने वाली नसबंदी की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए।
माइक्रोचिप और मास रेबीज वैक्सीनेशन
गाजियाबाद नगर निगम ने आवारा और निराश्रित कुत्तों के लिए मास रेबीज वैक्सीनेशन और आरएफआईडी बेस्ड इंजेक्टेबल माइक्रोचिप की शुरुआत करने का फैसला किया है। यह उत्तर प्रदेश में अपनी तरह की पहली पहल होगी। माइक्रोचिप के जरिए कुत्तों की पहचान और उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी जाएगी। इससे कुत्तों से जुड़ी शिकायतों को ट्रैक करना और उनका समाधान करना आसान होगा।
एबीसी सेंटर और नसबंदी
नगर निगम ने शहर में तीन एबीसी सेंटर स्थापित करने की योजना बनाई है। इन सेंटरों के जरिए कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण का काम तेजी से किया जाएगा। नए बस अड्डे पर स्थित एबीसी सेंटर में जल्द ही नसबंदी की प्रक्रिया शुरू होगी। नगर आयुक्त ने कमेटी को निर्देश दिए कि इन सेंटरों का संचालन बड़े स्तर पर किया जाए ताकि अधिक से अधिक कुत्तों को कवर किया जा सके।
डॉग रजिस्ट्रेशन और ऐप की मदद
पालतू कुत्तों के पंजीकरण को बढ़ावा देने के लिए नगर निगम ने ऐप-311 और जीएमसी पेट ऐप के इस्तेमाल को बढ़ाने का फैसला किया है। इसके अलावा, शहर में कुत्तों की गिनती करने के लिए एक कार्यदायी संस्था को जिम्मेदारी दी गई है। इससे टीकाकरण और नसबंदी का काम और प्रभावी होगा।
वार्ड-वार नसबंदी और फीडिंग पॉइंट
पार्षद संजय सिंह ने सुझाव दिया कि नसबंदी की प्रक्रिया को वार्ड-वार किया जाए ताकि हर क्षेत्र में यह काम व्यवस्थित ढंग से हो सके। नगर आयुक्त ने इस सुझाव पर सहमति जताई और इसे लागू करने का निर्देश दिया। साथ ही, रिहायशी सोसाइटी में कुत्तों के लिए फीडिंग पॉइंट स्थापित करने का भी फैसला लिया गया ताकि आवारा कुत्तों को खाना मिल सके और उनसे होने वाली समस्याएं कम हो सकें।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन
बैठक में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और एबीसी नियम-2023 का पालन सुनिश्चित करने पर भी चर्चा हुई। इसके तहत कुत्तों का बंध्याकरण (नसबंदी) और टीकाकरण अनिवार्य है। नगर निगम ने कुत्तों से संबंधित शिकायतों के लिए हेल्पलाइन नंबर 9650934500 शुरू किया है, जिसके जरिए लोग अपनी समस्याएं दर्ज कर सकते हैं।
मासिक बैठक और निरीक्षण
नगर आयुक्त ने कमेटी को हर महीने दो बार बैठक करने और नए एबीसी सेंटरों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सभी योजनाएं समय पर और सही तरीके से लागू हो रही हैं। कमेटी ने नए बस अड्डे पर बन रहे एबीसी सेंटर का दौरा भी किया और वहां की तैयारियों का जायजा लिया।
गाजियाबाद बन रहा रोल मॉडल
गाजियाबाद नगर निगम की यह पहल न केवल शहर के लिए बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए एक मिसाल बनेगी। माइक्रोचिप, मास रेबीज वैक्सीनेशन और एबीसी सेंटर जैसे कदम शहर में कुत्तों से जुड़ी समस्याओं को कम करने में कारगर साबित होंगे। यह पहल न केवल पशु कल्याण को बढ़ावा देगी, बल्कि लोगों और कुत्तों के बीच बेहतर तालमेल भी बनाएगी।
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