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Tuesday, December 23, 2025

यूपी सरकार ने 2047 तक 6 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लिए रोडमैप तैयार किया; एआई, हरित ऊर्जा और कृषि-तकनीक क्षेत्रों पर विशेष ध्यान

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ‘विकसित उत्तर प्रदेश – समर्थ उत्तर प्रदेश @2047’ के सपने को साकार करने के लिए एक मजबूत एक्शन प्लान तैयार कर रही है। योगी आदित्यनाथ सरकार का लक्ष्य 2030 तक राज्य की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर का बनाना है, जो 2047 तक बढ़कर 6 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी। यह योजना भविष्य की इंडस्ट्रीज जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), बायोटेक्नोलॉजी, ग्रीन एनर्जी और एग्रीटेक पर खास फोकस के साथ बनाई जा रही है।

12 प्रमुख सेक्टर्स पर ब्लूप्रिंट तैयार

सरकार 12 अहम क्षेत्रों में एक ब्लूप्रिंट बना रही है, जिसमें कृषि, आईटी और उभरती तकनीक, स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्योग, सामाजिक कल्याण, ग्रामीण और शहरी विकास, पर्यटन, हॉस्पिटैलिटी, पशुपालन, सस्टेनेबल डेवलपमेंट और गवर्नेंस शामिल हैं। यह फ्रेमवर्क तीन मिशनों पर टिका है – ‘समग्र विकास’ (सभी तरफ का विकास), ‘आर्थिक नेतृत्व’ (इकोनॉमिक लीडरशिप) और ‘सांस्कृतिक पुनर्जागरण’ (कल्चरल रिवाइवल)। साथ ही, तीन थीम्स जैसे आर्थ शक्ति, सृजन शक्ति और जीवन शक्ति पर जोर दिया जा रहा है।

पहले उत्तर प्रदेश को ‘बीमारू’ राज्यों में गिना जाता था, जहां कानून-व्यवस्था कमजोर, इंफ्रास्ट्रक्चर खराब और निवेशकों का भरोसा न के बराबर था। लेकिन हाल के वर्षों में चीजें बदल गई हैं। पुलिस को मॉडर्नाइज किया गया, कमांड-एंड-कंट्रोल सेंटर्स बने और ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ से दोषसिद्धि दर बढ़ी। इससे निवेशकों का विश्वास लौटा और 2023 के यूपी ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में 45 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश की घोषणा हुई, जिसमें से 15 लाख करोड़ रुपये पहले ही मंजूर हो चुके हैं।

रोजगार सृजन पर खास ध्यान

सरकार अब ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) और आईटी हब्स के जरिए नौकरियां पैदा करने पर फोकस कर रही है। रिन्यूएबल एनर्जी, स्मार्ट सिटी इंफ्रास्ट्रक्चर और सप्लाई चेन डेवलपमेंट से लाखों मीडियम और लो-स्किल्ड जॉब्स बनेंगी। ग्रामीण इलाकों में एग्रीटेक और कोल्ड चेन प्रोजेक्ट्स से लोकल एम्प्लॉयमेंट बढ़ेगा और शहरों की ओर माइग्रेशन कम होगा। स्किल डेवलपमेंट स्कीम्स और प्राइवेट पार्टनरशिप से यह प्लान हकीकत बनेगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2047 तक 6 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का टारगेट रखा है। इसके लिए राज्य को हर साल 16 प्रतिशत की लगातार ग्रोथ रेट बनाए रखनी होगी। जीसीसी पॉलिसी से नोएडा और लखनऊ जैसे शहर फॉर्च्यून 500 कंपनियों के हब बनेंगे।

भविष्य की इंडस्ट्रीज पर दांव

उत्तर प्रदेश अब एआई, बायोटेक्नोलॉजी, रिन्यूएबल एनर्जी, एग्रीटेक, क्वांटम, साइबर सिक्योरिटी और मेटावर्स जैसी फ्यूचर इंडस्ट्रीज को अपनी इकोनॉमी की बुनियाद बना रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि हाई-वैल्यू सर्विसेज, ग्रीन मैन्युफैक्चरिंग और एग्रीटेक रिफॉर्म्स से 6 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य हासिल होगा। जीसीसी और आईटी-एआई हब्स से सर्विस एक्सपोर्ट्स बढ़ेंगी, रिन्यूएबल और ई-मोबिलिटी क्लस्टर्स से मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट्स तेज होंगी। कृषि-बेस्ड प्रोसेसिंग से ग्रामीण इकोनॉमी मजबूत बनेगी। बायोटेक्नोलॉजी और मेडिकल रिसर्च से स्पेशलाइज्ड जॉब्स और एक्सपोर्ट के मौके मिलेंगे।

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