लखनऊ, 14 अगस्त। उत्तर प्रदेश विधानसभा में विजन 2047 (Vision 2047) पर 24 घंटे से अधिक समय तक चली ऐतिहासिक चर्चा का समापन करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा कि भारत तब विकसित बनेगा, जब हर राज्य अपनी जिम्मेदारी निभाएगा, और इस दौड़ में उत्तर प्रदेश सबसे आगे रहेगा। इस चर्चा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के 187 विधायकों ने हिस्सा लिया, जिनका मुख्यमंत्री ने आभार जताया। उन्होंने कहा कि यह चर्चा लोकतंत्र की ताकत और विधायकों की गंभीरता का जीता-जागता सबूत है। विकसित भारत और विकसित उत्तर प्रदेश के सपने को साकार करने के लिए यह चर्चा एक मील का पत्थर साबित होगी।
उत्तर प्रदेश: भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश सिर्फ देश का सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य नहीं है, बल्कि यह भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का ध्वजवाहक भी है। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश भारत की सांस्कृतिक ऊर्जा का केंद्र है।” उन्होंने 2023 में लखनऊ में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का जिक्र करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि उत्तर प्रदेश न सिर्फ भारत के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक ब्राइट स्पॉट है। योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश अब भारत की आर्थिक प्रगति का ड्राइविंग फोर्स बनने की राह पर है।
आत्मावलोकन का अवसर: 24 घंटे की चर्चा का महत्व
मुख्यमंत्री ने कहा कि विजन 2047 पर हुई यह चर्चा न सिर्फ उत्तर प्रदेश के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने बताया कि 24 घंटे से अधिक समय तक चली इस चर्चा में सभी विधायकों ने गंभीरता और उत्साह के साथ हिस्सा लिया। कुछ विधायकों ने रातभर जागकर भी अपने विचार रखे, जिससे पूरे देश का ध्यान इस चर्चा की ओर गया। योगी ने कहा, “यह चर्चा उन लोगों की आंखें खोलने वाली है, जो विधायिका और विधायकों के आचरण पर सवाल उठाते हैं।”
उन्होंने कहा कि यह चर्चा स्वतंत्रता के 78वें वर्ष में देश के अमृतकाल में प्रवेश का प्रतीक है। यह आत्मावलोकन का अवसर है, जिसमें उत्तर प्रदेश के हर नागरिक की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। योगी ने कहा कि समय और संसाधनों की कमी के बावजूद, इस चर्चा के आधार पर एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाएगी, जिसमें समाज के सभी हितधारकों की राय शामिल होगी।
विपक्ष पर निशाना: ‘कूप मंडूप’ की सोच
मुख्यमंत्री ने विपक्ष की परिवारवादी सोच पर तंज कसते हुए चार्वाक का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, “विपक्ष का दृष्टिकोण परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी तक सीमित है, जो स्वामी विवेकानंद के कूप मंडूप दर्शन को चरितार्थ करता है।” योगी ने कहा कि जब दुनिया प्रतिस्पर्धा के रास्ते पर आगे बढ़ रही है, तब विपक्ष अपनी परिवारवादी सोच से बाहर नहीं निकल पा रहा।
बीमारू राज्य से उभरता उत्तर प्रदेश
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1960 के दशक के बाद उत्तर प्रदेश लगातार पिछड़ता गया। विशाल संसाधनों, उपजाऊ भूमि, नदियों और श्रमशक्ति के बावजूद, नीतिगत उदासीनता और इच्छाशक्ति की कमी के कारण 1980 के दशक तक उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य की संज्ञा मिल गई। उस दौर में अपराध, अराजकता, भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और पलायन ने राज्य को जकड़ लिया था। युवाओं को रोजगार नहीं मिलता था, किसानों को राहत नहीं थी, और निवेशकों का भरोसा खत्म हो चुका था। इन्सेफलाइटिस और डेंगू जैसी बीमारियों से होने वाली मौतों ने भी यूपी की छवि को धूमिल किया था।
2017 के बाद यूपी का कायाकल्प
योगी ने बताया कि 2017 में डबल इंजन सरकार के सत्ता में आने के बाद उत्तर प्रदेश में बड़े बदलाव आए। कानून का राज स्थापित हुआ, अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई, और उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल बनाया गया। इसके परिणामस्वरूप, उत्तर प्रदेश निवेशकों के लिए ड्रीम डेस्टिनेशन बन गया। योजनाओं का क्रियान्वयन अब बिना भेदभाव और तुष्टिकरण के हो रहा है।
आर्थिक प्रगति के आंकड़े: यूपी की नई तस्वीर
मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश की आर्थिक प्रगति के प्रभावशाली आंकड़े पेश किए। उन्होंने बताया कि 2016-17 में यूपी की जीएसडीपी (सकल राज्य घरेलू उत्पाद) 13 लाख करोड़ रुपये थी, जो इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 35 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। राष्ट्रीय जीडीपी में यूपी का योगदान 8% से बढ़कर 9.5% हो गया है। प्रति व्यक्ति आय 43,000 रुपये से बढ़कर 1.20 लाख रुपये हो गई है।
निर्यात 84,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1.86 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। राज्य का बजट 3 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 8 लाख करोड़ रुपये हो गया है। नीति आयोग के फिसिकल हेल्थ इंडेक्स में 8.9 अंकों का सुधार दर्ज हुआ है, और डिजिटल लेनदेन 122 करोड़ रुपये से बढ़कर 1400 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। योगी ने कहा कि यूपी अब बीमारू राज्य से रेवेन्यू सरप्लस स्टेट बनने की ओर बढ़ रहा है।
देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति का नेतृत्व करेगा यूपी
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में देश की 16% आबादी रहती है, लेकिन 2016-17 तक राष्ट्रीय जीडीपी में इसका योगदान 14% से घटकर 8% रह गया था। प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत की तुलना में एक तिहाई थी। लेकिन 2017 के बाद, कोविड महामारी के बावजूद, यूपी ने राष्ट्रीय औसत से बेहतर आर्थिक विकास दर हासिल की। योगी ने कहा, “यूपी अब सिर्फ भारत का हिस्सा नहीं है, बल्कि देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति का नेतृत्व करने वाला राज्य बन रहा है।” निवेशकों का भरोसा, युवाओं को रोजगार, किसानों को राहत, और आम नागरिकों को बेहतर सुविधाएं यूपी की नई पहचान बन गई हैं।
कृषि क्षेत्र में यूपी की उपलब्धियां
योगी ने बताया कि पिछले 8 वर्षों में उत्तर प्रदेश में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों की विकास दर लगातार दोहरे अंकों में रही है। पिछले तीन वर्षों में यह दर 14% से अधिक रही, जो राष्ट्रीय औसत 9.5% से 4.5% अधिक है। यूपी के पास देश की 10% कृषि योग्य भूमि है, लेकिन खाद्यान्न उत्पादन में इसका योगदान 21% है। बेहतर बीज, खाद की उपलब्धता, और नई तकनीकों के कारण यह संभव हुआ है।
सिंचाई में ऐतिहासिक प्रगति
मुख्यमंत्री ने सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का उदाहरण देते हुए बताया कि 1971 में शुरू हुई यह परियोजना 50 वर्षों तक अधूरी थी। इसकी लागत 100 करोड़ रुपये से बढ़कर 10,000 करोड़ रुपये हो गई थी। डबल इंजन सरकार ने इसे पूरा कर 14 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई सुविधा प्रदान की। 2017 से अब तक 31 प्रमुख सिंचाई परियोजनाएं पूरी हुईं, जिससे 23 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि को पानी मिला।
गेहूं, चावल और दलहन-तिलहन में यूपी का दबदबा
योगी ने बताया कि 2024-25 में यूपी ने 414.39 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन किया, जो देश के कुल उत्पादन का 35% से अधिक है। औसत उपज 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पहुंची, और कई प्रगतिशील किसानों ने 48-50 क्विंटल तक पैदावार की। चावल उत्पादन में यूपी का योगदान 14.7% है। दलहन उत्पादन में 46% और तिलहन में 46.6% की वृद्धि दर्ज हुई। तिलहन में राष्ट्रीय योगदान 3.5% से बढ़कर 7% और दलहन में 9.5% से बढ़कर 14.5% हुआ।
गन्ना उत्पादन 2,453.50 लाख मीट्रिक टन हुआ, जो देश के कुल उत्पादन का 55% है। 2017 से अब तक किसानों को 2.6 लाख करोड़ रुपये का भुगतान डीबीटी के जरिए किया गया, जो 1996 से 2017 के बीच के कुल भुगतान से अधिक है। एथेनॉल उत्पादन 42 करोड़ लीटर से बढ़कर 177 करोड़ लीटर हुआ, जिससे 1.7 लाख युवाओं को रोजगार मिला। आलू उत्पादन में यूपी का राष्ट्रीय योगदान 40.7%, केला में 18.7%, और सब्जियों में 19.3% है। मत्स्य उत्पादन में भी यूपी को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है।
किसानों को वित्तीय सहायता
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 2.86 करोड़ किसानों को 90,000 करोड़ रुपये सीधे उनके खातों में मिले। एमएसपी पर गेहूं, धान, मक्का, बाजरा और ज्वार की रिकॉर्ड खरीद हुई।
इन्फ्रास्ट्रक्चर में क्रांति
योगी ने 1947 से 2017 तक के इन्फ्रास्ट्रक्चर को अधूरा नेटवर्क और ठहरा हुआ निवेश करार दिया। उस समय केवल दो एक्सप्रेसवे थे, राष्ट्रीय राजमार्ग 12,000 किलोमीटर से कम थे, हवाई अड्डों की संख्या सीमित थी, और ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी न के बराबर थी।
विपक्ष पर हमला: पीडीए सिर्फ धोखा
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके शासनकाल में उद्योग और इन्फ्रास्ट्रक्चर को बर्बाद किया गया। कानपुर जैसे औद्योगिक शहर को तबाह कर दिया गया, और व्यापारियों से हफ्ता वसूली आम थी। एमएसएमई क्लस्टर को मरणासन्न स्थिति में पहुंचा दिया गया। योगी ने विपक्ष के पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) नारे को जनता की आंखों में धूल झोंकने का खेल करार दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने बिना भेदभाव के परंपरागत उद्यमों को बढ़ावा दिया, ट्रेनिंग, टेक्नोलॉजी और पैकेजिंग पर काम किया, और टूलकिट उपलब्ध कराए।
2017 के बाद इन्फ्रास्ट्रक्चर में बदलाव
योगी ने बताया कि 2017 के बाद पूंजीगत व्यय 69,789 करोड़ रुपये से बढ़कर 2025 में 1,47,719 करोड़ रुपये हो गया। एक्सप्रेसवे की संख्या 2 से बढ़कर 22 हो गई, जिनमें 7 संचालित, 5 निर्माणाधीन, और 10 प्रस्तावित हैं। यह देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे नेटवर्क है। हवाई अड्डों की संख्या 16 तक पहुंच गई है, जिनमें 5 निर्माणाधीन हैं, और प्रदेश में 5 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं। एमएसएमई नीति-2022 के तहत 96 लाख इकाइयों के साथ यूपी देश में शीर्ष पर है, जिससे 1.75 करोड़ रोजगार सृजित हुए। औद्योगिक ऋण वितरण 3.54 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 9.24 लाख करोड़ रुपये हो गया। सिंगल विंडो सिस्टम और निवेश सारथी पोर्टल ने उद्यमियों को सहूलियत दी।
विजन 2047: रामराज्य की अवधारणा
मुख्यमंत्री ने विजन 2047 को विधानसभा में प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के सपनों का रोडमैप है। उन्होंने रामराज्य की अवधारणा का जिक्र करते हुए कहा कि यह एक ऐसा राज्य होगा, जहां कोई शत्रुता, दुख, दरिद्रता या रोग नहीं होगा। योगी ने कहा कि विजन 2047 को तीन थीम्स—अर्थ शक्ति, सृजन शक्ति, और जीवन शक्ति—के आधार पर 12 प्रमुख सेक्टरों में तैयार किया जा रहा है।
यूपी बनेगा 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था
योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन से 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य है। इसके लिए 15% की औसत विकास दर हासिल करनी होगी। प्रति व्यक्ति आय को 1.20 लाख रुपये से बढ़ाकर 26 लाख रुपये करने का लक्ष्य है। जीएसडीपी 13 लाख करोड़ से बढ़कर 35 लाख करोड़ रुपये हो गई है, और जीडीपी में यूपी का योगदान 9.5% तक पहुंच गया है।
शिक्षा और कौशल विकास में क्रांति
मुख्यमंत्री ने कहा कि एनआईआरएफ सूची में यूपी के 9 विश्वविद्यालय शामिल हैं, और अगले 5 वर्षों में 15 संस्थानों को शामिल करने का लक्ष्य है। आयुष विश्वविद्यालय, कृषि विश्वविद्यालय, स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय, और फॉरेंसिक विश्वविद्यालय जैसे थीम-आधारित विश्वविद्यालय स्थापित किए गए हैं। एक ग्लोबल स्किल यूनिवर्सिटी की स्थापना कर यूपी को कौशल और नवाचार का वैश्विक केंद्र बनाया जाएगा। आईआईटी और आईआईएम की स्थापना का भी लक्ष्य है।
सुरक्षा और सुशासन
योगी ने कहा कि स्मार्ट गवर्नेंस और स्मार्ट यूपी के तहत प्रदेश बेहतर दिशा में बढ़ेगा। स्मार्ट पुलिसिंग के जरिए बेटियों, व्यापारियों, गरीबों और किसानों को भयमुक्त वातावरण दिया जाएगा। सभी जिलों में कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का आधुनिकीकरण, सीसीटीवी नेटवर्क, और एआई-आधारित निगरानी प्रणाली विकसित की जाएगी।
परिवहन और क्षेत्रीय विकास
मुख्यमंत्री ने ज़ीरो एक्सीडेंट विजन की बात की, जिसका लक्ष्य एडवांस मॉनिटरिंग और प्रबंधन प्रणाली के जरिए दुर्घटनाओं और मृत्यु दर को शून्य करना है। 75 जनपदों के लिए जिला विकास योजना और क्षेत्रीय मास्टर प्लान तैयार किए जाएंगे। हर जिला अपनी आर्थिक पहचान, परियोजनाओं और ब्रांडिंग के जरिए निवेश, उद्योग और पर्यटन को आकर्षित करेगा। हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड, स्मार्ट ग्रिड, और डिजिटल ऊर्जा प्रबंधन को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
शिक्षा और सशक्तिकरण
योगी ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर के सिद्धांतों के आधार पर हर नागरिक को समान शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, और आर्थिक अवसर दिए जाएंगे। मिशन शक्ति के तहत महिलाओं की उद्यमिता, शासन में भागीदारी, और नवाचार को बढ़ावा दिया जाएगा। महिला श्रम भागीदारी को 50% तक बढ़ाने का लक्ष्य है। महारानी अहिल्याबाई होलकर के नाम पर श्रमजीवी छात्रावास हर जनपद में बनाए जाएंगे। सरदार वल्लभभाई पटेल की स्मृति में हर जनपद में एम्प्लॉयमेंट जोन स्थापित किए जाएंगे। 2029-30 तक यूपी को गरीबी मुक्त बनाने का संकल्प लिया गया है।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी को मेडिकल टूरिज्म डेस्टिनेशन बनाया जाएगा। आईआईटी कानपुर के सहयोग से चिकित्सा तकनीक में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित होगा। अगले 5 वर्षों में आधी आबादी को स्वास्थ्य बीमा कवर दिया जाएगा। मातृ और शिशु मृत्यु दर को राष्ट्रीय औसत से बेहतर करने, हेल्थ वर्कर की संख्या बढ़ाने, और कुपोषण खत्म करने के लिए पोषण अभियान को मजबूत किया जाएगा।
पर्यटन और सांस्कृतिक विकास
योगी ने कहा कि नैमिषारण्य, विंध्याचल, मथुरा-वृंदावन जैसे नए पर्यटन कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे। रामायण सर्किट, कृष्णा सर्किट, और बौद्ध सर्किट के विकास से इको-टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। यूपी को विश्व की सांस्कृतिक राजधानी बनाने का लक्ष्य है।
शहरी विकास और कनेक्टिविटी
एसटीआर स्टेट कैपिटल रीजन के जरिए शहरों को विश्वस्तरीय स्मार्ट सिटी बनाया जाएगा। अगले 5 वर्षों में हर नागरिक को 24 घंटे बिजली सुनिश्चित की जाएगी। मेट्रो लाइट, मेट्रो, और इको-फ्रेंडली पब्लिक ट्रांसपोर्ट का विकास होगा। सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट पर भी काम किया जाएगा।
एयरपोर्ट और रोड कनेक्टिविटी
जेवर एयरपोर्ट को भारत का सबसे भव्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाया जाएगा, जो कार्गो ट्रांजिट हब और एमआरओ केंद्र के रूप में आर्थिक क्रांति लाएगा। उत्तर-दक्षिण कनेक्टिविटी के लिए नए एक्सप्रेसवे बनाए जाएंगे। हर मंडल में एक एयरपोर्ट बनाने की योजना है।
ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा
योगी ने बताया कि ग्रीन हाइड्रोजन के लिए जापान से बातचीत चल रही है। हाइड्रो पावर, नवीकरणीय ऊर्जा, और परमाणु ऊर्जा की संभावनाओं पर काम होगा। बुंदेलखंड और पूर्वांचल में नए सोलर पार्क बनाए जाएंगे। उत्तर प्रदेश-नेपाल सीमा पर मल्टीपर्पज ट्रांजिट हब विकसित होगा।
विजन डॉक्यूमेंट कैसे तैयार होगा? (Vision 2047 Document)
मुख्यमंत्री ने कहा कि विजन 2047 डॉक्यूमेंट 25 करोड़ जनता की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है। इसके लिए 500 से अधिक विषय विशेषज्ञों का दल बनाया गया है, जिसमें रिटायर्ड आईएएस, आईपीएस, कृषि वैज्ञानिक, कुलपति, प्रोफेसर, और डॉक्टर शामिल हैं। यह दल जिलों, ब्लॉकों, ग्राम पंचायतों, स्कूलों, और कॉलेजों में जाकर जनता, जनप्रतिनिधियों, और बुद्धिजीवियों से सुझाव लेगा।
क्यूआर कोड और एक विशेष पोर्टल के जरिए लोग अपने सुझाव दे सकेंगे। अच्छे सुझावों को पुरस्कृत किया जाएगा। एक महीने के सुझाव संकलन के बाद, नियोजन विभाग और नीति आयोग के सहयोग से विजन डॉक्यूमेंट 2047 तैयार किया जाएगा, जिसे फिर से सदन में प्रस्तुत किया जाएगा।
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