नई दिल्ली /खुशबू पाण्डेय । भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला की जम्मू में जी 20 की बैठकें नहीं होने संबंधी उनकी टिप्पणी को लेकर मंगलवार को निशाना साधा और पूछा कि कई वर्षों के बाद श्रीनगर में एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित होने से उन्हें कष्ट क्यों हो रहा है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री से जम्मू-कश्मीर की प्रगति में बाधा नहीं बनने को कहा। अब्दुल्ला ने सोमवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि लद्दाख तथा कश्मीर में जी-20 की बैठकों के कार्यक्रम निर्धारित करना और जम्मू में इसका आयोजन नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
—भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग का अटैक
—पूर्व CM से JK की प्रगति में बाधा नहीं बनने को कहा
उनके बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए चुग ने कहा, मैं फारूक अब्दुल्ला से पूछना चाहता हूं कि कई वर्षों के बाद श्रीनगर में एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित करने को लेकर आपको क्या कष्ट है? इसे श्रीनगर में क्यों नहीं आयोजित किया जाना चाहिए? उन्होंने कहा, आपको जम्मू-कश्मीर में विश्वास (सरकार में लोगों का), विकास और प्रगति से दिक्कत क्यों है? आप प्रधानमंत्री में लोगों के विश्वास से ईर्ष्या क्यों करते हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास की यात्रा रुकने वाली नहीं है। अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, जी20 जम्मू-कश्मीर में पर्यटन, उद्योग और व्यापार की प्रगति की दिशा में नया मार्ग खोलेगा। जम्मू-कश्मीर के लोग आगे बढ़ रहे हैं, इसलिए जम्मू-कश्मीर की इस प्रगति में बाधक न बनें। जम्मू-कश्मीर में वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद द्वारा विधानसभा चुनाव कराने में विलंब के कारण अनिश्चितता की ओर इशारा किए जाने के सवाल पर चुग ने कहा कि चुनाव होंगे। उन्होंने कहा, भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में डीडीसी (जिला विकास परिषद), बीडीसी (प्रखंड विकास परिषद) और पंचायत चुनाव कराये। हजारों लोग चुने गए हैं। भाजपा नेता ने कहा कि मतदान का अधिक प्रतिशत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी में लोगों के विश्वास को दर्शाता है। उन्होंने कहा, डीडीसी का प्रत्येक सदस्य हजारों मतों से जीता। ऐसा मतदान लोकसभा चुनाव के दौरान नहीं देखा गया था। लोगों ने खुलकर मतदान किया और लोकतंत्र तथा प्रधानमंत्री पर पूरा भरोसा जताया। चुग ने कहा कि पांच अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त किये जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए गए हैं। उन्होंने कहा, आतंकवाद के प्रति हमारी कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति (जीरो टॉलरेंस) है। आतंकवादी हमलों, आतंकी घटनाओं और आतंकियों की संख्या में कमी आई है। जम्मू-कश्मीर विकास की ओर बढ़ चुका है।