नई दिल्ली/ भावना अरोरा। हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में शांति मुकुन्द अस्पताल (Shanti Mukund Hospital) तथा हिन्दी की गूंज साहित्यिक संस्था के संयुक्त तत्वावधान में एक विचार एवं कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और सरस्वती वन्दना के साथ हुआ। अस्पताल कर्मी पूजा ने भावभंगिमा पूर्ण नृत्य द्वारा सभागार में उपस्थित विद्वतजनों को भाव विभोर कर दिया। सम्पूर्ण चिकत्सालय में हिंदीमय वातावरण था, हिंदी में नरेंद्र सिंह नीहार रचित तथा रूपायन द्वारा प्रकाशित शिक्षामय कविता पोस्टर सभागार को भव्यता प्रदान कर रहे थे। स्थान- स्थान पर लगाई गई पट्टिकाओं में दर्शाया गया था कि रोगी या उन के तीमारदार यदि हिंदी में बात करेंगे तो हमें प्रसन्नता होगी।इससे यह प्रतीत होता है कि हिंदी ऋषि ओ पी गुप्ता किस तरह से हिंदी के प्रचार-प्रसार और विकास में दिलों जान से जुटे हुए हैं।
—शांति मुकुन्द अस्पताल तथा गूंज साहित्यिक संस्था के तत्वावधान में विचार एवं कवि गोष्ठी आयोजित
—हिंदी के प्रचार-प्रसार और विकास में दिलों जान से जुटे हुए
इस मौके पर ओ पी गुप्ता ने कहा कि हिंदी है तो हिंद है। हिंदी की बिंदी को घर घर पहुंचाने में वो कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।विचार गोष्ठी में शशि प्रकाश, रामकुमार पांडेय, संजय मिश्र, अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.सुनील कुमार सग्गड़ ने विचार व्यक्त किये। सोनम और दीपा ने विचार गोष्ठी का संचालन किया। इस अवसर पर हिन्दी की गूंज संस्था के सहसंयोजक रमेश कुमार गंगेले अनंत को हिन्दी गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। इसी क्रम में ओ पी गुप्ता जी को हिन्दी ऋषि की उपाधि दी गई और अंगवस्त्र एवं पुष्प गुच्छ से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के दूसरे भाग में काव्यगोष्ठी का आयोजन हुआ। डा.संदीप मित्तल, अनिल कुमार मिश्र, विमला रस्तोगी, भावना अरोड़ा मिलन, तरुणा पुंडीर तरुनिल, रमेश कुमार गंगेले अनंत और नरेन्द्र सिंह नीहार ने अपनी कविताओं से रसविभोर कर दिया। जाने – पहचाने संचालक खेमेन्द्र सिंह चन्द्रावत के सरस संचालन ने खूब तालियां बटोरी। कार्यक्रम के सूत्रधार डॉ.सुनील कुमार सग्गड़ ने बीच-बीच में अपनी काव्य फुहारों की रिमझिम से श्रोता समाज को रससिक्त किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता ओ पी गुप्ता ने की और नरेन्द्र सिंह नीहार बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में उपस्थित रहे। राष्ट्रीय गान और सूक्ष्म जलपान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। सभी ने हिन्दी को आगे ले जाने और अपना कार्य हिन्दी में करने का संकल्प दोहराया। इस अस्पताल की एक और विशेषता मन की शांति नामक पुस्तक ट्राली है। जिसमें बहुत सी प्रेरणादायक पुस्तकें रखी होती हैं, कोई भी मरीज या उसका तिमारदार उनको लेकर पढ़ सकता है। यह सेवा पूर्णतः निशुल्क है। कार्यक्रम को सफल बनाने में सर्वश्री एल डी कंसिल, राकेश चोपड़ा, एस के कोछड़, शरद जैन, पूनम जैन, राकेश जाखेटिया, चिकत्सक गण, प्रशासनिक अधिकारी, नर्सिंग कर्मी,एवं अन्य गणमान्य अतिथियों का विशेष योगदान रहा।