नई दिल्ली/ प्रज्ञा शर्मा : केरल में कोल्लम जिले के एक एग्जाम सेंटर पर मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट देने पहुंची छात्राओं से ब्रा उतरवा लिए गए। बताया जा रहा है कि सुरक्षा जांच के दौरान हुक के संपर्क में आने से मेटल डिटेक्टर की बीप बजी। इसके बाद सभी छात्राओं से ब्रा उतरवा लिए गए। घटना मार्थोमा इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में रविवार को हुई। लेकिन एक लड़की के पिता की ओर से केस दर्ज कराए जाने के बाद मामला सामने आया है। छात्रा का कहना है कि उसने ब्रा निकालने से मना किया था। इस पर जांच कर रही महिला कर्मचारी ने कहा कि आपको एग्जाम में बैठने नहीं दिया जाएगा। महिला कर्मचारी ने कहा कि भविष्य जरूरी है या इनरवियर? बस इसे हटा दें और हमारा समय बर्बाद न करें। ऐसा कई छात्राओं के साथ हुआ।
—जांच में हुक से मेटल डिटेक्टर की बीप बजी तो हुआ एक्शन
—90 प्रतिशत छात्राओं के इनरवियर निकलवाए, FIR दर्ज
छात्रा ने बाद में ब्रा अपनी मां को दे दी ताकि उसे परीक्षा में बैठने की इजाजत मिल सके। उसने खुद को कवर करने के लिए शॉल भी मांगा। पहली बार नीट परीक्षा देने आई 17 वर्षीय एक छात्रा के पिता के मुताबिक उनकी बेटी अब तक उस भयावह अनुभव को नहीं भूल पाई है जब उसे तीन घंटे से अधिक समय तक अंत:वस्त्र (ब्रा) के बिना बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा। छात्रा के पिता ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और वह मानवाधिकार आयोग का रुख करके इस मुद्दे को उठाने के बारे में विचार कर रहे हैं। छात्रा के पिता ने एक टेलीविजन चैनल को बताया कि उनकी बेटी ने नीट के बुलेटिन पर निर्धारित ड्रेस कोड के मुताबिक ही कपड़े पहने हुए थे। उन्होंने कहा कि बुलेटिन में अंत:वस्त्र को लेकर कुछ नहीं कहा गया है। अन्य छात्राओं ने भी परीक्षा केंद्र पर इस तरह के भयावह अनुभव के बारे में जानकारी साझा की।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक अन्य लड़की को अपनी जींस उतारने के लिए कहा गया क्योंकि उसमें मेटल के बटन और जेब थीं। छात्राओं के अनुसार, जब वे परीक्षा देकर बाहर निकलीं तो उन्हें सारे अंडरगारमेंट्स डिब्बों में एकसाथ फेंके हुए मिले। शिकायत में यह भी कहा गया है कि एग्जाम सेंटर पर करीब 90 प्रतिशत छात्राओं को अपने इनरवेयर निकालने पड़े। इंस्टीट्यूट ने ऐसी घटना से इनकार किया है। वहीं, कोल्लम पुलिस चीफ केबी रवि ने केस दर्ज कराए जाने की पुष्टि की है। पुलिस को लिखे शिकायती लेटर में पिता ने कहा कि उनकी बेटी ने इनरवियर से भरा एक कमरा देखा था। एग्जाम सेंटर पर कई लड़कियां रो रही थीं और मानसिक तौर प्रताड़ित महसूस कर रही थीं।
दरअसल, परीक्षा प्रोटोकॉल के हिसाब से परीक्षा केंद्र में किसी भी छात्र-छात्रा को धातु की वस्तु या सामान पहनने की अनुमति नहीं है। इसे परीक्षा में धोखाधड़ी से बचने का उपाय बताया जा रहा है। एडवाइजरी में बेल्ट का जिक्र तो है, लेकिन ब्रा जैसे अंडरगारमेंट्स का जिक्र नहीं है।
केरल की उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदू ने घटना को लेकर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से शिकायत करेंगे। मंत्री ने कहा- ऐसी घटना बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस मामले पर केरल की उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदू ने सोमवार को कहा कि परीक्षा किसी सरकारी एजेंसी ने नहीं कराई है। जो हुआ वह गंभीर चूक का संकेत देता है। ऐसी घटना को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। हम एग्जाम सेंटर और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से से शिकायत करेंगे। शैक्षणिक संस्थानों के लिए प्रवेश परीक्षा कराती है।