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Thursday, March 28, 2024

Sex करने के बाद महिलाओं को क्यों होती है ब्लीडिंग !

(स्नेहा सिंह)

हमारे देश में शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में कूछ महिलाओं को सेक्स (SEX) करने के बाद ब्लीडिंग की समस्या होती है। इसे जेनाइटल ब्लीडिंग (genital bleeding) कहते हैं। इसमें सेक्स करने के बाद वजाइना से ब्लीडिंग होती है। जिससे कभी- कभी दर्द का अनुभव होता है तो कभी बिलकुल दर्द नहीं होता। कुछ महिलाओ को बहुत कम ब्लीडिंग होती है तो कुछ को बहुत ज्यादा। अगर ब्लीडिंग बहुत ज्यादा हो रही है तो इस स्थिति को गंभीर माना जा सकता है। सेक्स करने के बाद ब्लीडिंग अनेक कारणों से होती है। एक रिसर्च से यह भी पता चला है कि लगभग 0.7 से 9 प्रतिशत मामलों में वयस्क महिलाओं (adult women) में यह देखने को मिलता है कि उन्हें सेक्स करने के बाद ब्लीडिंग होती है और यह ब्लीडिंग बहुत ज्यादा होती है। यह ब्लीडिंग क्यों होती है, इसका कारण जानकर उचित निदान या इलाज किया जाए तो अवश्य लाभ होगा।

Sex करने के बाद महिलाओं को क्यों होती है ब्लीडिंग !

वजाइना का ड्राई होना

कभी-कभार सेक्स करते समय वजाइना (vagina) बहुत ड्राई होती है। सेक्स करने के बाद ब्लीडिंग होने की समस्या के पीछे वजाइनल ड्राईनेस (vaginal dryness) भी जिम्मेदार हो सकती है। इसे पोस्टकोइटल ब्लीडिंग का मुख्य कारण माना जाता है। वास्तव में प्राइवेट पार्ट की त्वचा बहुत ही नाजुक और साफ्ट होती है। त्वचा जब ड्राई होती है तो उसके क्षतिग्रस्त होने की संभावना बढ़ जाती है। इससे वजाइना के अंदर टिश्यू का निर्माण करने वाले म्यूक्स में घाव हो जाता है, जिसके कारण ब्लीडिंग होने लगती है।

Sex करने के बाद महिलाओं को क्यों होती है ब्लीडिंग !

वजाइना ड्राई होने का कारण

सेक्स की इच्छा न हो अथवा लिबिडो (कामोत्तेजना) का अभाव हो, तब सेक्स किया जाए तो वजाइना ड्राई रहती है। आप जब उत्तेजित होती हैं, तब वजाइनल टिश्यू से प्राकृतिक लुब्रिकंट्स का स्राव होता है। इससे वजाइनल टिश्यू ड्राई नहीं रहते और सेक्स के दौरान पर्याप्त लुब्रिकंट्स होने की वजह से वजाइना क्षतिग्रस्त नहीं होती।

प्रेग्नेंसी के बाद ड्राईनेस हो सकती है वजाइना 

Sex करने के बाद महिलाओं को क्यों होती है ब्लीडिंग !

प्रेग्नेंसी में एस्ट्रोजन लेवल काफी बढ़ जाता है। जब एक बच्चे का जन्म होता है, तब एस्ट्रोजन लेवल काफी कम हो जाता है। उसके बाद एस्ट्रोजन हार्मोन बेस्ट मिल्क का निर्माण करते हैं। कुछ दवाओं के सेवन से भी वजाइना ड्राई रहती है। एंटी एस्ट्रोजन दवा खाने से भी वजाइनल ड्राईनेस की समस्या शुरू हो सकती है। अमुक दवाएं जैसे कि स्टिरोइड्स, सेडेटिव, एंटी डिप्रेसेंट्स, कोल्ड-फ्लू की दवा आदि के सेवन से भी यह समस्या हो सकती है।

सेंटेड लुब्रिकंटस और कंडोम का अधिक उपयोग

रिसर्च से पता चला है कि हाट टब में स्नान करना, सेंटेड लुब्रिकंट्स (scented lubricants) और कंडोम (condoms) के अधिक उपयोग की वजह ड्राईनेस बढ़ जाता है। इससे वजाइना की त्वचा को नुकसान होता है और सेक्स करने के बाद ब्लीडिंग होने लगती है।

चोट भी जिम्मेदार हो सकती है

सेक्स के दौरान फ्रिक्शन के कारण वजाइनल टिश्यू में कभी-कभी रगड़ अथवा कटने यानी चोट लगने की संभावना रहती है। जब बच्चा पैदा होता है, तब भी नाजुक टिश्यू फैल जाते हैं। कभी अधिक सेक्स करने से भी वजाइनल स्किन का एक हिस्सा, जिसे हाइमेन कहते हैं, वह खिंच जाती है, जिससे वह टूटता है और ब्लीडिंग होती है।

सर्वाइकल डिसप्लेसिया

कभी सर्विक्स अथवा एंडोसर्वाइकल केनल की लाइनिंग (वजाइना और यूट्स के खुले) में असामान्य रूप से कैंसर के कोश विकसित होने लगते हैं, जिसे सर्वाइकल डिसप्लेसिया (cervical dysplasia)कहते हैं। यह एक प्रीकैंसरस अवस्था होती है। यह गंभीर समस्या बनती है तो वजाइना में खुजली, प्राइवेट पार्ट के उत्तको को नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसी स्थिति में सेक्सुअल इंटरकोर्स करने से ब्लीडिंग की संभावना बढ़ जाती है। इस दौरान आप को दर्द का भी अहसास हो सकता है।

संक्रमण की समस्या भी वजाइनल ब्लीडिंग बढ़ाती है

वजाइना के आसपास अथवा अंदर के भाग में आप को किसी भी तरह का संक्रमण हुआ हो तो सेक्स करते समय ब्लीडिंग हो सकती है। इस दौरान आप को दर्द भी हो सकता है। वजाइनल टिश्यू में सूजन आने से भी ब्लीडिंग की समस्या होती है। यीस्ट इन्फेक्शन, सर्विसाइटिस, पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज, वेजिनिटिस, सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन जैसे कि क्लेमाइडिया, गोनोरिया होने पर ब्लीडिंग की समस्या होती है। ये सभी सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन होते हैं, जिनमें कभी-कभी कोई लक्षण दिखाई नहीं देते।

सर्विक्स और यूरेटाइन कैंसर भी जिम्मेदार हो सकता है

कभी यूट्स कैंसर, सर्विक्स और यूरेटाइन कैंसर के कारण भी ब्लीडिंग होती है। तमाम मामलों में तो कैंसर होने का भी पता नहीं चलता। ऐसी स्थिति में बारबार पोस्टकोइटल ब्लीडिंग हो रही हो तो होशियार हो जाना चाहिए। जितनी जल्दी हो सके डाक्टर से संपर्क करना चाहिए।

              Sex करने के बाद ब्लीडिंग होने के रिस्क फैक्टर्स

* अधिक से अधिक उत्तेजित हो कर सेक्स करें
* सेक्स के दौरान वजाइना का अधिक ड्राई होना।
* सेक्स करते समय कंडोम का उपयोग न करना।
* हाईब्लडप्रेशर अथवा डायबीटीज।
* वजाइना में किसी प्रकार का संक्रमण होना।
* वजाइनल ड्राईनेस, सूजन की समस्या होने की फैमिली हिस्ट्री।
* डिहाइड्रेशन की समस्या
* अमुक खास तरह की दवाओं का सेवन।

डाक्टर के पास कब जाएं

सेक्स करने के बाद ब्लीडिंग के साथ नीचे बताई गई समस्या देखने में आएं तो डाक्टर के पास जाकर निदान अथवा इलाज कराना चाहिए।
* कम हो ज्यादा, पर हमेशा ब्लीडिंग का होना।
* बारबार सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान जलन होना।
* पेशाब करते समय या वजाइना में जलन होना।
* पेट को नीचे के हिस्से में दर्द होना।
* कमर में दर्द होना।
* थकान अथवा कमजोरी का अनुभव होना।
* सिर दर्द होना।

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1 COMMENT

  1. अच्छी और रोचक जानकारी इस आर्टीकल के जरिए दी गई है

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