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Saturday, July 5, 2025

“क्यों देखती है मेरी नजर तुम को बार-बार…

—महिला रचनाकारों ने श्रृंगारोत्सव में बिखरे हरियाली के रंग

—गाजियाबाद के नेहरू नगर स्थित सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल में कार्यक्रम

( खुशबू पाण्डेय )
गाजियाबाद। प्रकृति मनुष्य की वृत्तियों को संवारने का एक माध्यम है। सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल एवं अमर भारती साहित्य संस्कृति संस्थान के श्रृंगारोत्सव व वृक्षारोपण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर दीक्षा भंडारी ने उक्त उद्गार व्यक्त किए। भंडारी ने कहा कि सृजन की शुरुआत स्त्रियां ही करती हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन स्त्रियों की रचनात्मकता को रेखांकित करते हैं। महिलाएं जिस तरह से बच्चों का लालन-पालन करती हैं उसी तरह से उन्हें वृक्षों के लालन-पालन में भी मुख्य भूमिका निभानी चाहिए।

"क्यों देखती है मेरी नजर तुम को बार-बार...


नेहरू नगर स्थित सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि जिला कोषागार अधिकारी मनु लक्ष्मी मिश्रा ने अपनी छोटी-छोटी कविताओं के माध्यम से मानव मानव के मध्य इश्क की पैरोकारी की। कार्यक्रम की आयोजक डॉ. माला कपूर ने अपनी पंक्तियों “द्वारिका में ही नहीं, द्वार द्वार हों हरि, हरित द्वार हरिद्वार बसें, हरित में हरी” के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण पर बल दिया।

डॉ. रमा सिंह ने कहा “अगर देना ही है मुझको मोहब्बत जाफरानी दे, मुझे जीने का मकसद दे, नजर को एक कहानी दे।” तरुण मिश्रा ने कहा “उसका होने के लिए खुद को समझने के लिए, मैंने एक उम्र लगाई है बिगड़ने के लिए।” तूलिका सेठ ने कहा “मस्ती का जाम लाकर तुमने पिला दिया है, दुनिया की हर खुशी को रंगीन बना दिया है।”

"क्यों देखती है मेरी नजर तुम को बार-बार...

ऋचा सूद ने कहा “भरी रहती है अंदर से, यह जो कलम है मेरी, बंद रहती है।” श्रीमती संतोष ओबरॉय ने पुराने दौर की ग़ज़ल की पंक्तियों “तुम चांद से हसीं हो, तारों से पूछ लो, फूलों के हूं ब हू हो, बहारों से पूछ लो, क्यों देखती हैं मेरी नज़रें तुम को बार-बार, अपनी नज़रों के शोख इशारों से पूछ लो” पर जम कर वाह वाही बटोरी। इस अवसर पर नृत्यांगना आभा बंसल को अमर भारती प्रतिभा सम्मान प्रदान किया गया।

"क्यों देखती है मेरी नजर तुम को बार-बार...


इस अवसर पर डॉ. वीना मित्तल, डॉ. तारा गुप्ता, चारु लता, दीपाली जैन जिया, पूनम शर्मा, स्नेह लता भारती, खुशबू सक्सेना, सोनम यादव, प्रतीक्षा सक्सेना, डॉ. श्वेता त्यागी, कल्पना कौशिक, विजया एहसास आदि ने भी अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर श्रीमती बबीता जैन, डॉ. मंगला वैद, श्रीमती उषा यात्री, श्रीमती पूजा ओबेरॉय, श्रीमती रेखा सेठ, श्रीमती रागनी, डॉ. परिधि यात्री, डॉ. राकेश बंसल एवं आलोक यात्री सहित बड़ी संख्या में श्रोता एवं अतिथि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन कीर्ति रत्न एवं इंदू शर्मा ने किया।

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