Raksha Bandhan 2025 YesMadam: रक्षा बंधन, यह वो त्योहार है जो भाई-बहन के प्यार और विश्वास का प्रतीक है। लेकिन इस बार, भारत की प्रमुख at-home beauty and wellness platform, YesMadam ने इस त्योहार को एक नया और प्रेरणादायक अर्थ दिया। अपनी अनूठी पहल ‘मिशन बंधन’ के जरिए, YesMadam ने उन सैनिकों को सम्मानित किया जो दिन-रात हमारी सुरक्षा करते हैं। यह पहल सिर्फ राखी बांधने की रस्म नहीं थी, बल्कि उन वीर जवानों के लिए एक heartfelt tribute था जो 1.4 अरब भारतीयों की रक्षा करते हैं।
मिशन बंधन: सैनिकों के लिए एक खास पहल
YesMadam ने इस रक्षा बंधन पर ‘मिशन बंधन’ लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य था हमारे देश के real protectors, यानी Border Security Force (BSF) के जवानों को सम्मान देना। कंपनी की 6000 महिलाओं की team ने जम्मू के BSF कैंप में जाकर सैनिकों के साथ रक्षा बंधन का उत्सव मनाया। इस initiative का मकसद था उन सैनिकों को धन्यवाद कहना, जो कठिन परिस्थितियों में भी देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं।
जब हम अपने परिवारों के साथ घर पर त्योहार मना रहे होते हैं, तब ये जवान अपनी ड्यूटी पर तैनात रहते हैं। कई बार उन्हें festive breaks तक नहीं मिलते, और न ही घर से एक फोन कॉल। YesMadam की इस पहल ने इन जवानों के लिए राखी का त्योहार खास बनाया।
This Raksha Bandhan, we tied rakhis not just to wrists but to courage and sacrifice. 💛
At BSF Camp, Jammu, through #MissionBandhan, we honoured the real rakshaks of our nation.
While we celebrate safely at home, they stand guard- silently, selflessly.
This Rakhi was our small… pic.twitter.com/NOJniCEOkE
— YesMadam (@_yesmadam) August 6, 2025
ऑपरेशन सिंदूर: सैनिकों की प्रेरणा
‘मिशन बंधन’ की प्रेरणा ऑपरेशन सिंदूर से मिली, जब देश संवेदनशील समय से गुजर रहा था। उस दौरान हमारे सैनिकों ने अपनी strength, commitment और dignity के साथ देश की रक्षा की। YesMadam ने इस रक्षा बंधन पर इन्हीं सैनिकों को धन्यवाद कहने का फैसला किया। कंपनी का मानना है कि ये जवान वो असली रक्षक हैं जो कभी सम्मान की मांग नहीं करते, लेकिन हमेशा इसके हकदार हैं।
सैनिकों की भावनाएं: “हमें याद दिलाया कि हम भी किसी के भाई हैं”
जम्मू के BSF कैंप में YesMadam की team ने सैनिकों के साथ राखी बांधने का आयोजन किया। इस दौरान कई जवान भावुक हो गए। एक सैनिक ने कहा, “आपने हमें याद दिलाया कि हम भी किसी के भाई हैं।”
दूसरे जवान ने दिल से कहा, “तीन साल बाद मेरे हाथ में राखी बंधी है। दिल से शुक्रिया।”
YesMadam की team ने उन जगहों पर राखी बांधी, जहां राखियां शायद ही कभी पहुंचती हैं। जवानों को sweets, gift hampers और heartfelt messages भी दिए गए। कई जवानों के लिए यह सालों बाद रक्षा बंधन का पहला उत्सव था।
YesMadam के को-फाउंडर्स का संदेश
YesMadam के को-फाउंडर मयंक आर्य ने कहा, “हमारे सैनिक ज़्यादा कुछ नहीं माँगते—बस एक ऐसा राष्ट्र जो उन्हें न भूले। मिशन बंधन के ज़रिए, हम आपको न सिर्फ़ आपकी सेवा के लिए, बल्कि हर जन्मदिन, हर त्यौहार, हर पारिवारिक पल के लिए धन्यवाद कहना चाहते हैं, जिसे आपने इसलिए गँवाया ताकि हम सुरक्षित रह सकें।”
आदित्य आर्य, को-फाउंडर, ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा, “हमारी टीम को देखकर ही मेरे अंदर एक अजीब सी हलचल मच गई। मुझे याद आया कि हमने YesMadam की शुरुआत क्यों की थी: ‘सेवा करने के लिए’। त्योहारों का मतलब होता है उन्हें महसूस करना, और हमने कोशिश की कि हमारे सैनिक भी इसे महसूस करें। आज हमने राखी बाँधी, कल, उम्मीद है और भी कई दिल कृतज्ञता के बंधन बाँधेंगे।”
अकांक्षा विश्नोई, को-फाउंडर, ने कहा, “जब हम अपने परिवारों के साथ जश्न मनाते हैं, तो वे मीलों दूर खड़े होकर हमारी रक्षा करते हैं। वे त्योहारों और उत्सवों को मिस करते हैं… इसलिए हमें ऐसा करने की ज़रूरत नहीं पड़ती। मिशन बंधन हमारा यह कहने का तरीका था कि हम आपको देखते हैं, हम आपको याद करते हैं, और हम आपके आभारी हैं। इस रक्षाबंधन पर, हमने राखी से ज़्यादा, धन्यवाद बाँधा।”
मिशन बंधन का महत्व: मानवीय रिश्तों की ताकत
‘मिशन बंधन’ YesMadam की उस commitment को दर्शाता है, जो मानवीय रिश्तों को मजबूत करने और उन लोगों को सम्मान देने की है, जो देश की सेवा करते हैं। यह पहल कंपनी के उस vision को दर्शाती है, जो beauty और care को सिर्फ skin deep तक सीमित नहीं रखता, बल्कि उसे दिल से दिल तक ले जाता है।
यह छोटा-सा कदम एक गहरा संदेश देता है: हमारे सैनिक भले ही घर से दूर हों, लेकिन वे हमेशा हमारे दिलों के करीब हैं।
प्रेरणा का आह्वान: देशवासियों के लिए संदेश
YesMadam की यह पहल सिर्फ एक कंपनी की कहानी नहीं है, बल्कि यह एक प्रेरणा है। कंपनी ने देशवासियों, brands और leaders से अपील की है कि वे अपने दफ्तरों और शहरों से बाहर निकलें और उन लोगों तक पहुंचें, जो चुपके से हमारे देश को जोड़े रखते हैं।
‘मिशन बंधन’ ने दिखाया कि एक छोटा-सा कदम भी बड़ा बदलाव ला सकता है। यह पहल हमें याद दिलाती है कि हमारे सैनिकों का सम्मान करना सिर्फ एक दिन की बात नहीं, बल्कि एक सतत प्रयास होना चाहिए।
रक्षा बंधन का सच्चा अर्थ
YesMadam की ‘मिशन बंधन’ पहल ने इस रक्षा बंधन को सिर्फ एक त्योहार से बढ़कर एक भावना बना दिया। यह पहल हमें सिखाती है कि रक्षा का बंधन सिर्फ भाई-बहन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उन सभी के लिए है जो हमारी सुरक्षा करते हैं।
इस रक्षा बंधन, YesMadam ने न सिर्फ राखियां बांधीं, बल्कि सैनिकों के प्रति कृतज्ञता का एक मजबूत बंधन भी बनाया। यह कहानी हर उस भारतीय के लिए एक प्रेरणा है, जो अपने देश के वीर जवानों को सम्मान देना चाहता है।
Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Women Express पर. Hindi News और India News in Hindi से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर ज्वॉइन करें, Twitter पर फॉलो करें और Youtube Channel सब्सक्राइब करे।