-हाईकोर्ट ने गुरुद्वारा कमेटी एवं डिलाइट कंपनी को जारी किया नोटिस
–सरना ने किया खुलासा, कमेटी प्रबंधन ने दबा रखी है आडिट रिपोर्ट
–वोटरों के खरीद-फरोख्त के साथ, संगत को बरगलाया जा रहा : सरना
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल : दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के लिए कमेटी प्रबंधन को निदे्रश जारी किया है। साथ ही नोटिस जारी कर सोमवार तक जवाब मांगा है। अदालत ने कमेटी में कथित भ्रष्टाचार की ऑडिट जांच के लिए डिलाइट कंपनी को ठेका दिया गया था। लेकिन अभी तक उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई। अदालत ने दिल्ली कमेटी के साथ डिलाइट कंपनी को भी नोटिस जारी किया है। यह दावा आज यहां शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने पत्रकारों के समक्ष किया। साथ ही कहा कि ऑडिट रिपोर्ट के खेल में खुद कमेटी अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा घिर गए हैं, इसलिए रिपोर्ट को दबा दिया गया है। सरना ने कहा कि पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके के पदभार छोडऩे के बाद कमेटी की कमान संभालने वाले मनजिंदर सिंह सिरसा ने जीके के कार्यकाल की पूरी ऑडिट जांच कराने का ऐलान किया था। जांच शुरू भी हुई थी, लेकिन बाद में ठंडे बस्ते में डाल दी गई। सरना ने आरोप लगाया कि ऑडिट जांच में सिरसा खुद फंस चुके हैं, क्योंकि मंजीत सिंह के साथ वह खुद महासचिव थे और बराबर के भागीदार रहे।
बता दें कि इस मामले को लेकर शिरोमणि अकाली दल दिल्ली ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। साथ ही आरोप लगाया था कि कमेटी प्रबंधक डिलॉयट कंपनी की ऑडिट रिपोर्ट को छुपा रहे हैं, इसे हर हाल में सार्वजनिक की जानी चाहिए। डीएसजीएमसी के पूर्व प्रधान हरविंदर सिंह सरना ने दावा किया है की गुरुद्वारों की बहुमूल्य सम्पत्ति को बादल परिवार और सिरसा अपने राजनतिक कार्यो के लिए दुष्प्रयोग कर रहे हैं , इसपर तत्काल लगाम लगाने की जरूरत है। सरना ने कहा कि बादल दल के पदाधिकारी गुरुद्वारा कमेटी के कर्मचारियों पर दबाव डालकर क्रूरता भरा अमानवीय कार्य करवा रहे हंै। वोटरों के खरीद-फरोख्त के साथ, चुनाव के समय लोक लुभावने वादों की आड़ में संगत को बरगलाया जा रहा है। जबकि अदालत ने इसका भी संज्ञान लेते हुए फटकार लगायी है।
हरविंदर सिंह सरना ने कहा कि वर्ष 2013 में जब उन्होंने सत्ता छोड़ी थी तब 120 करोड़ रुपये कमेटी के खजाने में रिजर्व छोड़ कर गए थे। इस हिसाब से 8 वर्षों में 250 करोड़ से ज्यादा का रिजर्व आना चाहिए था। लेकिन अनुभवहीन प्रबधंन की वजह से, आज गुरु की गोलक खाली हो चुकी है। नतीजन कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। डीएसजीएमसी के अधीन चल रहे संस्थानों की हालात जर्जर हो गई है। कथित भ्रष्टाचार का दीमक ऐतिहासिक धरहरों को खोखला कर दिया है।
सेवा के नाम पर सिर्फ खोखला दिखावा हो रहा : शंटी
इस मौके पर दिल्ली कमेटी के पूर्व महसचिव गुरमीत सिंह शंटी ने कहा कि सेवा के नाम पर सिर्फ खोखला दिखावा हो रहा है। बेकसूर कर्मचारी और स्टॉफ गरीबी और भुखमरी से दम तोड़ रहे हैं। मेडिकल, शिक्षा, खेल-कूद इत्यादि क्षेत्रों में न्यूनतम विकास भी नहीं हुआ है। कोविड काल में कंस्ट्रेटर सेवा के नाम पर, दिल्ली से बाहर सामान भेजा गया। शंटी ने डिलायट कंपनी की ऑडिट रिपोर्ट को तुरंत सार्वजनिक करने की मांग करते हुए कोर्ट, सरकार और जाँच एजेंसियों से प्रक्रिया तेज करने की माँग की, जिससे दोषियों को जल्द सजा दिलायी जा सके।
इस मौके पर तरविंदर सिंह मरवाह,मंजीत सिंह सरना, रमनदीप सिंह सोनू, गुरप्रीत सिंह रिंटा, हरविंदर सिंह बॉबी, भुपिंदर सिंह सहित कई अन्य मौजूद थे।