29.1 C
New Delhi
Thursday, March 28, 2024

एल मुरुगन Cannes Film Festival में INDIAN प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे

नई दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय। केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन (Dr. Murugan Raid) इस साल (Cannes Film Festival) कान अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। कान उद्घाटन दिवस के अवसर पर डॉ. मुरुगन रेड  कार्पेट पर हमारी समृद्ध भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले पारंपरिक तमिल पोशाक ‘वेष्टि’ में चलेंगे।

उनके साथ, ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ से प्रसिद्ध हुई फिल्म निर्माता सुश्री गुनीत मोंगा (Guneet Monga) भारतीय अभिनेत्री, मॉडल और मिस वर्ल्ड 2017 विजेता मानुषी छिल्लर (Manushi Chillar) भारतीय सिनेमा (Indian cinema) की प्रशंसित अभिनेत्री सुश्री ईशा गुप्ता एवं प्रसिद्ध मणिपुरी अभिनेता कंगबम तोम्बा भी होंगे। कंगबम तोम्बा की फिर से तैयार की गयी फिल्म ‘इशानहोउ’, इस वर्ष कान क्लासिक वर्ग में प्रदर्शित की जा रही है।

राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान, अहमदाबाद ने भारतीय पवेलियन की संकल्पना की है और इसका डिजाइन तैयार किया है, जो वैश्विक समुदाय के लिए ‘भारत की रचनात्मक अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन’ विषय पर आधारित है। पवेलियन का डिजाइन सरस्वती यंत्र से प्रेरित है, जो ज्ञान, संगीत, कला, भाषण, ज्ञान और शिक्षा की देवी सरस्वती का अमूर्त प्रतिनिधित्व करता है। पवेलियन के रंग भारत के राष्ट्रीय ध्वज के जीवंत रंगों – केसरिया, सफेद, और हरा तथा नीला से प्रेरित हैं।

केसरिया रंग देश की ताकत और साहस को, सफेद रंग आंतरिक शांति और सच्चाई को, हरा रंग उर्वरता, विकास और भूमि की शुभता को एवं नीला रंग धर्म और सच्चाई के कानून को दर्शाते हैं। भारत में प्रतिभा का विशाल भंडार है और भारतीय पवेलियन भारतीय फिल्म समुदाय को वितरण कारोबार, ग्रीनलाइट स्क्रिप्ट्स, प्रोडक्शन सहयोग और दुनिया के प्रमुख मनोरंजन और मीडिया कंपनियों के साथ नेटवर्क बनाने के लिए एक प्लेटफार्म प्रदान करेगा।

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर एक वीडियो संदेश के माध्यम से 76वें कान महोत्सव के उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे। संबोधन में भारत को कंटेंट निर्माण के वैश्विक केंद्र के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।

कान फिल्म फेस्टिवल के लिए चार भारतीय फिल्मों का आधिकारिक चयन किया गया है। कानू बहल की ‘आगरा’ उनकी दूसरी फिल्म होगी; जिसका वर्ल्ड प्रीमियर, कान के डायरेक्टर्स फोर्टनाईट में होगा। उनकी 2014 की पहली फिल्म तितली का प्रदर्शन ‘अन सर्टेन रिगार्ड’ वर्ग में किया गया था। अनुराग कश्यप की ‘केनेडी’ को मिडनाइट स्क्रीनिंग में और नेहेमिच को फेस्टिवल डे कान्स के ला सिनेफ वर्ग में दिखाया जाएगा। इनके अलावा, कई भारतीय फिल्मों को मार्चे डू फिल्म्स में प्रदर्शन के लिए रखा गया है।

फिर से तैयार की गयी मणिपुरी फिल्म ‘इशानहोउ’, ‘क्लासिक्स’ वर्ग में प्रदर्शित की जाएगी। इस फिल्म को पहले 1991 महोत्सव के ‘अन सर्टेन रिगार्ड’ वर्ग में दिखाया गया था और इसकी फिल्म रीलों को भारत राष्ट्रीय फिल्म संग्रहालय द्वारा संरक्षित किया गया था। मणिपुर स्टेट फिल्म डेवलपमेंट सोसाइटी ने फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन और प्रसाद फिल्म लैब्स के माध्यम से फिल्म को फिर से तैयार किया है।

फेस्टिवल डे कान्स और मार्चे डू फिल्म्स, दोनों वर्गों में दिखाई जाने वाली भारतीय फिल्मों का गुलदस्ता इस बात को रेखांकित करता है कि भारतीय सिनेमा वास्तव में परिपक्व हो गया है। पूरे महोत्सव के दौरान इंडिया पवेलियन में संवाद सत्रों की एक श्रृंखला आयोजित की जाएगी। निर्धारित किये गए प्रमुख सत्र हैं-

भारत में फिल्म निर्माण को बढ़ावा देगा

भारत को सम्पूर्ण फिल्म-निर्माण गंतव्य के रूप में प्रदर्शित करने और वैश्विक फिल्म आयोगों के साथ सह-निर्माण, भारत में फिल्म निर्माण को बढ़ावा देगा। यह न केवल हमारे फिल्म क्षेत्र के विकास को गति देगा, बल्कि इसमें देश में पर्यटन को भी अत्यधिक बढ़ावा देने की क्षमता है।

अधिक फिल्म निर्माताओं को भारत लाने के लिए कान में पिछले साल घोषित प्रोत्साहन पुनः प्रस्तुत किये जायेंगे। राष्ट्रों के बीच वितरण सहयोग को सुविधाजनक बनाने से, हमारी फिल्मों के लिए दुनिया के बाजारों तक पहुँच बनाने से जुड़ी बाधाएं समाप्त होंगी। दुनिया के अन्य प्रमुख फिल्म बाजारों और महोत्सवों के साथ संपर्क स्थापित करना और आईएफएफआई के लिए तालमेल बनाना।

शी शाइन: सिनेमा में महिलाओं का योगदान, फिल्म निर्माण में महिलाओं की उपस्थिति को रेखांकित करेगा। रोजगार की तुलना में, यह अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह एक बड़े सांस्कृतिक मुद्दे में योगदान देता है।

’75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमारो’ के प्रारूप पर आधारित सत्र

आईएफएफआई, 2020 में युवा फिल्म प्रतिभाओं को निखारने के लिए ’75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमारो’ के प्रारूप पर आधारित सत्र में इनकी सफलता की कहानियां दिखाई जायेंगी। सत्र, युवा फिल्म प्रतिभाओं को अधिक सहयोग प्राप्त करने में भी मदद करेगा।

कान, भारत और फ्रांस दोनों के लिए हमेशा विशेष रहा है और यह सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए एक प्रतिष्ठित स्थान बना रहेगा। पिछले साल मार्चे डू कान में भारत ‘कंट्री ऑफ ऑनर’ था। अब इस साल ऑस्कर में भारतीय फिल्मों की सफलता, जिनमें से आरआरआर ने पूरी दुनिया को नाटू-नाटू” नृत्य के लिए आकर्षित किया है और द एलिफेंट व्हिस्परर्स सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र लघु श्रेणी का ऑस्कर विजेता रहा है, भारतीय फिल्मों की बढ़ती पहुंच को दर्शाती है।

 

latest news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Articles

epaper

Latest Articles