हैदराबाद। वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को लेकर सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश ने बड़ी राहत दी है। भारत राष्ट्र समिति (BRS) और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) ने इस फैसले का जोरदार स्वागत किया है। दोनों पार्टियां लंबे समय से इस कानून के विवादास्पद प्रावधानों के खिलाफ लड़ रही थीं, जो धार्मिक सद्भाव को नुकसान पहुंचा सकते थे।
BRS का जोरदार स्वागत, KTR ने जताई खुशी
BRS के वर्किंग प्रेसिडेंट के.टी. रामाराव (KTR) ने सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने हमेशा इस कानून के खतरनाक हिस्सों के खिलाफ आवाज उठाई। KTR ने बताया, “हमने पूछा था कि मुस्लिम कौन तय करता है? सरकारी अधिकारी वक्फ संपत्ति का मालिकाना हक कैसे तय कर सकता है? इस कानून में कई ऐसी बातें हैं जो विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा दे सकती हैं।”
पूर्व मंत्री KTR ने जोर देकर कहा कि BRS हमेशा देश के सांप्रदायिक ताने-बाने की रक्षा के लिए खड़ी रही है। राज्यसभा में भी पार्टी ने इस कानून के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा, “BRS के लिए देश राजनीति से ऊपर है। हम एक मजबूत और एकजुट भारत में विश्वास रखते हैं।” KTR ने वादा किया कि पार्टी मुस्लिम समुदाय और अल्पसंख्यकों के साथ खड़ी रहेगी। पार्टी अध्यक्ष KCR के नेतृत्व में तेलंगाना में अल्पसंख्यक कल्याण के लिए शानदार काम हुआ, और KCR के शासन में कभी कोई सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ। KTR ने चेतावनी दी, “हम इस देश के सांप्रदायिक ताने-बाने की रक्षा करेंगे और किसी की भी गलत राजनीतिक मंशा के खिलाफ लड़ेंगे।”
YSRCP ने भी किया स्वागत, मुस्लिम समुदाय के हितों की रक्षा का वादा
आंध्र प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी YSRCP ने भी सुप्रीम कोर्ट के इस अंतरिम आदेश का स्वागत किया। पूर्व उपमुख्यमंत्री अमजत बशा ने कहा कि कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के महत्वपूर्ण प्रावधानों पर रोक लगा दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी संविधान का उल्लंघन या मुस्लिम समुदाय के साथ अन्याय कभी बर्दाश्त नहीं करेगी।
कडप्पा में अपने निवास पर मीडिया से बात करते हुए अमजत बशा ने याद दिलाया कि YSRCP अध्यक्ष वाईएस जगन मोहन रेड्डी के निर्देश पर पार्टी के सांसदों ने संसद के दोनों सदनों में इस बिल के खिलाफ वोट किया था। बिल पास होने के बाद भी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई जारी रखी, और अब कोर्ट ने राहत दी है। बशा ने बताया कि कोर्ट ने पांच साल तक इस्लाम का पालन करने वाले व्यक्ति द्वारा वक्फ बनाने के प्रावधान पर रोक लगाई। साथ ही, जिला कलेक्टर को वक्फ, सरकार और दूसरों के बीच विवाद तय करने के पूर्ण अधिकार वाले हिस्से को भी रोका गया। YSRCP ने शुरू से ही इन प्रावधानों का विरोध किया था।
अमजत बशा ने टीडीपी और जनसेना के सांसदों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इन पार्टियों ने मुसलमानों को धोखा दिया। वादा किया था कि बिल का विरोध करेंगे, लेकिन समर्थन में वोट दे दिया। बशा ने आश्वासन दिया कि YSRCP अल्पसंख्यकों के साथ खड़ी रहेगी और वक्फ संपत्तियों की रक्षा करेगी।
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