–रेलमंत्री पीयूष गोयल ने निजीकरण की अफवाहों को किया खारिज
–सुविधा बढ़ाने, गांवों को रेल सम्पर्क से जोडऩे को बताया की जरूरत
–विपक्ष को भी कटघरे में किया खड़ा, मोदी सरकार की गिनाई उपलब्धियां
(खुशबू पाण्डेय)
नई दिल्ली, 12 जुलाई (विशेष संवाददाता) : रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal ) ने भारतीय रेलवे ( Indian Railway) के निजीकरण की अफवाहों और आरोपों को आज सिरे से खारिज कर दिया। साथ ही कहा कि रेलवे का निजीकरण कोई नहीं कर सकता है। लेकिन, सेमी हाईस्पीड गाडिय़ों के परिचालन तथा बेहतर यात्री सुविधाओं के लिए यदि बाहर से निवेश आता है तो उसका स्वागत किया जाना चाहिए। पीयूष गोयल आज यहां संसद में आम बजट में रेलवे की अनुदान मांगों पर 12 घंटे तक चली चर्चा का जवाब देते हुए कही। उन्होंने स्पष्ट किया कि रेलवे का निजीकरण काई कर ही नहीं सकता और रेलवे के निजीकरण का कोई सवाल ही नहीं है। रेलमंत्री (Piyush Goyal) के जवाब के बाद विपक्ष के कटौती प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए सदन ने रेल मंत्रालय संबंधी अनुदान की मांग को मंजूरी दे दी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए नयी ट्रेनों का सपना दिखाने के बजाय नरेन्द्र मोदी सरकार ने सुविधाएं एवं निवेश बढ़ाने के लिए पीपीपी आमंत्रित करने का इरादा किया है। लोकसभा में वर्ष 2019-20 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर बृहस्पतिवार को देर रात तक चली चर्चा का शुक्रवार को जवाब देते हुए रेल मंत्री ने कहा, ‘मैं बार-बार कह चुका हूं कि रेलवे का निजीकरण नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि लेकिन कोई सुविधा बढ़ाने की बात करे, प्रौद्योगिकी लाने की बात करे, कोई नया स्टेशन बनाने की बात करे, कोई हाई स्पीड, सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने की बात करे, स्टेशन पर सुविधा बढ़ाने की बात करें तो इसके लिये निवेश आमंत्रित किया जाना चाहिए। पीयूष गोयल ने कहा कि रेलवे में सुविधा बढ़ाने, गांवों और देश के विभिन्न हिस्सों को रेल सम्पर्क से जोडऩे के लिये बड़े निवेश की जरूरत है। अच्छी सुविधा, सुरक्षा, हाई स्पीड आदि के लिये निजी सार्वजनिक साझेदारी (PPP) को प्रोत्साहित करने का सरकार ने निर्णय किया है।
इस पर गोयल ने कहा कि रेलवे बजट पहले जनता को गुमराह करने के लिए होते थे, राजनीतिक लाभ के लिए नयी ट्रेनों के सपने दिखाए जाते थे। पहले की सरकारों के दौरान रेल संबंधी घोषणाएं जनता को गुमराह करने और चुनाव जीतने के लिये की जाती थीं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रेल बजट का आम बजट में विलय करने की पहल करके देशहित का काम किया है। अब जो काम किया जा सकता है, उसी की घोषणा होती है और काम होता है। रेलवे का निजीकरण करने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा कि रेलवे में बाहर से निवेश आमंत्रित करने के लिये ‘कारपोरेटाइजेशन की बात कही गई है। इसका भी फैसला पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के दौरान हुआ था, अब इसे आगे बढ़ाया जा रहा है ।
10-12 साल में 50 लाख करोड़ के निवेश का इरादा
पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा कि रेलवे की बेहतरी और सुविधाएं बढ़ाने के लिये अगले 10-12 साल में 50 लाख करोड़ रूपये के निवेश का इरादा किया गया है। हम नयी सोच और नयी दिशा के साथ काम कर रहे हैं। क्षमता उन्नयन के लिये छह लाख करोड़ रूपये, माल ढुलाई क्षमता को बेहतर बनाने के लिये 4.5 लाख करोड़ रूपये, स्वर्ण चतुर्भुज क्षेत्र में गति बढ़ाने के लिये 1.5 लाख करोड़ रूपये खर्च करने का इरादा किया गया है।
देश की भलाई के लिए एक विषय पर गहराई से सोचा
रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा कि हमने एक एक विषय पर गहराई से विचार कर, बिना राजनैतिक हस्तक्षेप के, देश की भलाई, और जनता की सुविधा के लिये, किन चीजों पर निवेश देकर रेलवे अधिक अच्छी सेवा दे सके, उस पर बल दिया है। विपक्ष खासकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए रेल मंत्री ने कहा कि जिस प्रकार की व्यवस्था हमें 2014 में मिली, वह जर्जर थी। पिछले 64 वर्षो में 12 हजार रङ्क्षनग किलोमीटर रेलमार्ग का विस्तार किया गया और पिछले पांच वर्ष में मोदी सरकार के दौरान 7 हजार रङ्क्षनग किलोमीटर मार्ग बढ़ा । उन्होंने कहा कि सर्मिपत फ्रेट कॉरिडोर को 2007 में शुरु किया, 2007 से 2014 तक 7 वर्ष में में 9000 करोड़ रूपये खर्च हुए और 1 किलोमीटर की भी ट्रैक ङ्क्षलङ्क्षकग नहीं कर पाये। हमने यह काम अपने हाथ में लिया, और मात्र 5 वर्षों में 1,900 किमी का ट्रैक ङ्क्षलङ्क्षकग अब तक पूरा किया जा चुका है।
रेलवे में दोहरीकरण, तिहरीकरण और विद्युतिकरण किया
पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा कि पिछले पांच वर्षो में तेज गति से रेलवे में दोहरीकरण, तिहरीकरण और विद्युतीकरण का कार्य किया गया। रेलवे में दोहरीकरण और तिहरीकरण के कार्य में 59 प्रतिशत की वृद्धि हुई। रेल मंत्री ने कहा कि 2013 -14 में लगभग 650 किमी विद्युतीकरण हुआ, पिछले वर्ष एक ही साल में हमने 4,087 किमी विद्युतीकरण किया। 2018-19 के एक ही वर्ष में हमने 5,200 किमी विद्युतीकरण किया है। गोयल ने कहा कि इससे हजारों करोड़ का डीजल बचेगा, विदेशी मुद्रा बचेगी, साथ ही पर्यावरण पर भी इसका बड़ा प्रभाव होगा।
माल ढोना लगभग 1300 फीसदी बढा
पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा कि पिछले 64 सालों में माल ढोना लगभग 1300 फीसदी बढा है, और पैसेंजर ट्रैफिक लगभग 1,642 फसीदी बढा है। इतनी मांग बढी और निवेश किया नहीं गया, मोदी सरकार के आने के बाद यह लगभग ढाई गुना बढाया गया है। रेल मंत्री ने कहा कि जहां तक फ्रेट कारिडोर की बात है, 2007 से 2014 तक सात वर्षों में 9000 करोड़ रूपये खर्च हुए लेकिन एक किलोमीटर ट्रैक ङ्क्षलङ्क्षकग भी नहीं हुई जबकि 2014 से 2019 तक पांच वर्षो में 39,000 करोड़ रूपये का निवेश हुआ और 1900 किलोमीटर ट्रैंक ङ्क्षलङ्क्षकग हुई।
सुरक्षा, साफ-सफाई पर जोर दिया
रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने सुरक्षा, दुर्घटना जैसे विषयों पर विपक्ष के आरोपों का आंकड़ों के माध्यम से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि रेलवे में साफ सफाई, सुरक्षा और संरक्षा को बेहतर बनाने के लिये हम लगातार प्रयासरत है। ट्रेनों में सुविधाएं बढ़ी है और पहले की तुलना में दुर्घटनाएं कम हुई हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षों में बिना भेदभाव के काम किया गया है ताकि देश विकास और प्रगति के मार्ग पर तेज गति से चले। रेलवे ने भी विकास के लिये तेज गति से काम किया है। रेल मंत्री ने कहा कि सातवें वेतन आयोग से जुड़ा लाभ रेल कर्मचारियों को पहुंचाने के लिये 22 हजार करोड़ रूपये दिये गये हैं, इसके बावजूद रेलवे को लाभ की स्थिति में रखा गया है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में पूरे ब्रॉड गेज का शत प्रतिशत विद्युतीकरण किया जायेगा।
12 महीने में सभी ट्रेनों में बायो टायलेट लग जाएंगे

रेलमंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा कि ट्रेनों में लगभग 58,400 कोच में कुल 2,40,000 बॉयो टॉयलेट लगने हैं। आज तक 2,10,000 के करीब बॉयो टॉयलेट लगा दिये हैं। अगले 12 महीने में सभी ट्रेनों में बायो टायलेट लगा दिये जायेंगे। रेल मंत्री ने कहा कि अगर 11 जुलाई, 2006 को हुई मुंबई ट्रेन विस्फोट की घटना इस सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई होती तो प्रधानमंत्री मोदी ने मुंहतोड़ जवाब दिया होता।
विपक्ष ने रेलवे को लेकर की थी घेरेबंदी
रेल मंत्रालय के अनुदान की मांग पर चर्चा के दौरान बृहस्पतिवार को कांग्रेस, तृणमूल, द्रमुक सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाया कि आम बजट में रेलवे में सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी), निगमीकरण और विनिवेश पर जोर देने की आड़ में इसे निजीकरण के रास्ते पर ले जाया जा रहा है। विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार को बड़े वादे करने की बजाय रेलवे की वित्तीय स्थिति सुधारने तथा सुविधा, सुरक्षा एवं सामाजिक जवाबदेही का निर्वहन सुनिश्चित करना चाहिए।