36.1 C
New Delhi
Saturday, July 27, 2024

PM-Surya Ghar: घरों की छत पर लगाइए सौर ऊर्जा संयत्र, मोदी सरकार देगी सब्सिडी

नई दिल्ली/अदिति सिंह : केंद्रीय मंत्रिमंडल (central cabinet) ने बृहस्पतिवार को पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना को मंजूरी दे दी। इसपर 75,021 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। योजना के तहत एक करोड़ घरों को छतों पर सौर संयंत्र लगाने के लिए 78,000 रुपये तक सब्सिडी और 300 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने कहा कि छत पर सौर संयंत्र लगाने और एक करोड़ परिवारों को हर महीने प्रति परिवार 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने की योजना को मंजूरी दी गयी है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना को मंजूरी दी गयी।

—एक करोड़ घरों में सौर संयंत्र लगाने की योजना को मंजूरी
—78,000 रुपये तक सब्सिडी मिलेगी, 300 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी
—रिहायशी मकानों में छतों पर तीन किलोवाट तक का सौर संयंत्र लगाया जाएगा
—करीब सात प्रतिशत ब्याज पर बिना किसी गारंटी के कर्ज ले सकेंगे
—प्रत्येक जिले के एक गांव को ‘मॉडल सोलर’ गांव विकसित होगा

प्रधानमंत्री ने 13 फरवरी, 2024 को यह योजना शुरू की थी। योजना के तहत दो किलोवाट क्षमता की सौर प्रणाली के लिए लागत का 60 प्रतिशत और दो किलोवाट से तीन किलोवाट क्षमता के बीच प्रणाली के लिए अतिरिक्त लागत के 40 प्रतिशत की केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) मिलेगी। यह सहायता तीन किलोवाट तक के लिए है। मौजूदा मानक कीमतों पर देखा जाए तो एक किलोवाट क्षमता की सौर प्रणाली के लिए 30,000 रुपये, दो किलोवाट क्षमता की सौर प्रणाली के लिए 60,000 रुपये और तीन किलोवाट क्षमता या उससे अधिक के लिए सब्सिडी 78,000 रुपये होगी। परिवार राष्ट्रीय पोर्टल के माध्यम से सब्सिडी के लिए आवेदन करेंगे और छत पर सौर ऊर्जा स्थापित करने के लिए एक उपयुक्त विक्रेता का चयन कर सकेंगे। राष्ट्रीय पोर्टल के जरिये उपयुक्त सौर प्रणाली, लाभ आकलन, विक्रेता रेटिंग आदि जैसी जरूरी जानकारी उपलब्ध होगी। इसके जरिये लोगों को निर्णय लेने में मदद मिलेगी। परिवार वर्तमान में रिहायशी मकानों में छतों पर तीन किलोवाट तक की क्षमता के सौर संयंत्र लगाने के लिए करीब सात प्रतिशत ब्याज पर बिना किसी गारंटी के कर्ज ले सकेंगे।

एक गांव को ‘मॉडल सोलर’ गांव के रूप में विकसित

योजना के तहत प्रत्येक जिले के एक गांव को ‘मॉडल सोलर’ गांव के रूप में विकसित किया जाएगा। यह ग्रामीण क्षेत्रों में छत पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए ‘रोल मॉडल’ के रूप में कार्य करेगा। इसके अलावा, स्थानीय शहरी निकायों और पंचायती राज संस्थानों को भी अपने क्षेत्रों में छतों पर सौर संयंत्र लगाने को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। यह योजना नवीकरणीय ऊर्जा सेवा कंपनी (आरईएससीओ) आधारित मॉडल के लिए भुगतान सुरक्षा को लेकर उपाय करने के साथ-साथ छतों पर लगने वाले सौर संयंत्र में अनूठी परियोजनाओं के लिए कोष भी प्रदान करती है।

लगभग 17 लाख नौकरियां सृजित होंगी

इस योजना के माध्यम से, परिवार बिजली बिल बचाने के साथ-साथ वितरण कंपनियों को अधिशेष बिजली की बिक्री के माध्यम से अतिरिक्त आय अर्जित कर सकेंगे। घर में अगर तीन किलोवाट क्षमता की सौर प्रणाली लगायी जाती है, तो इससे प्रतिमाह औसतन 300 से अधिक यूनिट बिजली पैदा की जा सकेगी। अनुमान है कि इस योजना से विनिर्माण, लॉजिस्टिक, आपूर्ति श्रृंखला, बिक्री, स्थापना, परिचालन, रखरखाव और अन्य सेवाओं में प्रत्यक्ष रूप से लगभग 17 लाख नौकरियां सृजित होंगी। इस योजना से छतों पर सौर संयंत्रो के जरिये रिहायशी क्षेत्र में 30,000 मेगावाट अतिरिक्त क्षमता सृजित होगी। इससे 1,000 अरब यूनिट बिजली का उत्पादन होने और 25 साल में कार्बन उत्सर्जन में 72 करोड़ टन की कमी आने का अनुमान है।

latest news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Articles

epaper

Latest Articles