श्रीनगर /खुशबू पांडेय। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु (President Draupadi Murmu) ने बुधवार को कहा कि महिलाएं और लड़कियां देश के नेतृत्व में बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। राष्ट्रपति बनने के बाद घाटी की पहली यात्रा पर यहां पहुंचने के बाद श्रीमती मुर्मु ने कश्मीर विश्वविद्यालय के 20वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जितना अधिक युवा शिक्षा की रोशनी की ओर बढ़ेंगे, उतना ही देश प्रगति करेगा। उन्होंने कहा, लड़कियां हमारे देश की तस्वीर और उसकी तकदीर पेश करती हैं। उन्होंने अपना भाषण ‘यी मौज कशीर’ (ओ मदर कश्मीर!) के साथ शुरू किया, जिस पर सभा में जबरदस्त तालियां बजीं। कश्मीर विश्वविद्यालय के आदर्श वाक्य जिसका अर्थ है ‘आइए हम अंधकार से प्रकाश की ओर चलें’ का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, जितना अधिक हमारे युवा शिक्षा के प्रकाश की ओर, शांति के प्रकाश की ओर बढ़ेंगे, उतना ही हमारा देश प्रगति करेगा।
President Droupadi Murmu addressed the 20th convocation of University of Kashmir at Srinagar. The President urged students of University of Kashmir to actively participate in social service along with their studies. She said that by doing this, they could bring social change.… pic.twitter.com/5qjAzmLKKd
— President of India (@rashtrapatibhvn) October 11, 2023
श्रीमती मुर्मु ने कहा कि जिस समाज और देश के युवा विकास और अनुशासन के मार्ग पर चलते हैं, वह प्रगति और समृद्धि के पथ पर आगे बढ़ता है।देश को कश्मीर के जिम्मेदार युवाओं पर गर्व है। राष्ट्रपति ने कश्मीर विश्वविद्यालय के छात्रों से अपनी पढ़ाई के साथ-साथ समाज सेवा में भी सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ऐसा करके वे सामाजिक बदलाव ला सकते हैं और एक मिसाल कायम कर सकते हैं। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि पूर्व छात्रों ने देश की सेवा करके इस विश्वविद्यालय का गौरव बढ़ाया है। श्रीमती मुर्मु ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि कश्मीर विश्वविद्यालय में 55 प्रतिशत छात्र लड़कियां हैं। उन्होंने कहा, स्वर्ण पदक और पुरस्कार विजेताओं की कुल संख्या में से लगभग 65 प्रतिशत लड़कियां हैं। मैं यहां बैठी सभी बेटियों को हृदय से बहुत-बहुत बधाई देती हूं, आशीर्वाद देती हूं।
President Droupadi Murmu attended a civic reception hosted in her honour at Raj Bhavan, Srinagar. The President said that we have to continuously strengthen Jammu and Kashmir's legacy of considering peace and tranquility as supreme.https://t.co/bux2QJ0o0S pic.twitter.com/kVRcDv252q
— President of India (@rashtrapatibhvn) October 11, 2023
ये होनहार बेटियां हमारे देश की तस्वीर के साथ-साथ इसकी तकदीर भी हैं। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023′ हमारे देश में महिला नेतृत्व वाले विकास की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा। सतत विकास का जिक्र करते हुए श्रीमती मुर्मु ने कहा कि सतत विकास की सीख कश्मीर की विरासत का हिस्सा है। उन्होंने एक कहावत उद्धृत की जिसका अर्थ है ‘जब तक जंगल हैं तभी तक भोजन रहेगा’ और कहा कि पृथ्वी पर इस स्वर्ग को संरक्षित करना हम सभी की जिम्मेदारी है। राष्ट्रपति ने कश्मीर विश्वविद्यालय से हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के लिए सतकर् रहने का आग्रह किया। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि ग्लेशियोलॉजी, जैव विविधता संरक्षण और हिमालयन आइस-कोर प्रयोगशाला से संबंधित कार्य विभिन्न चरणों में हैं। श्रीमती मुर्मु ने विश्वास जताया कि विश्वविद्यालय ऐसे सभी क्षेत्रों में तेज गति से काम करेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीय ज्ञान प्रणालियों पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा, अगर हमारे युवाओं को भारतीय ज्ञान प्रणालियों के बारे में अच्छी जानकारी दी जाए, तो उन्हें कई प्रेरक उदाहरण मिलेंगे। लगभग 1200 साल पहले श्रीनगर शहर को झेलम की बाढ़ से बचाने के लिए एक विशेषज्ञ सुय्या ने जो काम किया था, उसे हाइड्रोलिक इंजीनियरिंग के रूप में पूरा किया जा सकता है। राष्ट्रपति ने कहा, हमारे देश में ज्ञान और विज्ञान के हर क्षेत्र में अमूल्य खजाना है और यह अकादमिक जगत की जिम्मेदारी है कि आज की परिस्थितियों में ऐसी जैविक रूप से विकसित ज्ञान प्रणालियों का पुन: उपयोग करने के तरीके खोजें। कश्मीर विश्वविद्यालय के छात्रों ने देश की सेवा करके इस विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया है। इससे पहले दिन में, राष्ट्रपति ने यहां सेना मुख्यालय में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।