29.1 C
New Delhi
Saturday, July 27, 2024

राहुल गांधी का BJP पर तंज, भाजपा जो करती है उसका हिंदू धर्म से कोई लेना

नई दिल्ली /टीम डिजिटल : कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पेरिस में छात्रों और शिक्षाविदों के साथ चर्चा के दौरान भारतीय जनता पार्टी ( BJP) पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्ताधारी पार्टी किसी भी कीमत पर सत्ता हासिल करना चाहती है और उसका हिंदू धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। फ्रांस के अग्रणी सामाजिक विज्ञान संस्थान, पेरिस की ‘साइंसेज पीओ यूनिवर्सिटी’ में शनिवार को बातचीत के दौरान गांधी  ने अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’, विपक्षी दलों के गठबंधन द्वारा भारत के लोकतांत्रिक ढांचों को बचाने की लड़ाई, बदलती वैश्विक व्यवस्था और अन्य प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विपक्षी भारत की आत्मा के लिए लड़ने को लेकर प्रतिबद्ध है और देश मौजूदा उथल-पुथल से सकुशल बाहर आ जाएगा। बातचीत के दौरान देश में हिंदू राष्ट्रवाद’ के उभार के बारे में एक सवाल पर गांधी ने कहा, मैंने गीता पढ़ी है, कई उपनिषद पढ़े हैं, मैंने कई हिंदू (धर्म से जुड़ी) किताबें पढ़ी हैं; भाजपा जो करती है उसमें हिंदू (धर्म जैसा) कुछ भी नहीं है, बिल्कुल भी नहीं। इस बाचतीत का एक वीडियो रविवार को जारी किया गया। कांग्रेस नेता ने कहा, मैंने हिंदू धर्म से जुड़ी किसी किताब में नहीं पढ़ा और ना ही किसी विद्वान हिंदू व्यक्ति से यह सुना कि आपको अपने से कमजोर लोगों को आतंकित करना चाहिए, उन्हें नुकसान पहुंचाना चाहिए। तो, ये विचार, ये शब्द, हिंदू राष्ट्रवाद, ये गलत शब्द है।

गांधी ने कहा, वे हिंदू राष्ट्रवादी नहीं हैं। उनका हिंदू धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। वे किसी भी कीमत पर सत्ता हासिल करना चाहते हैं और वे सत्ता पाने के लिए कुछ भी करेंगे वे कुछ लोगों का प्रभुत्व चाहते हैं उनमें हिंदू (धर्म जैसा) कुछ भी नहीं है। देश में दलित और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा के मामलों के बारे में पूछे जाने पर गांधी ने कहा कि इस मुद्दे से निपटने के लिए राजनीतिक कल्पनाशीलता की आवश्यकता है और विपक्षी दल उस लड़ाई के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, भाजपा और आरएसएस (Rashtriya Swayamsevak Sangh) जो करने की कोशिश कर रहे हैं, उसका मूल उद्देश्य निचली जातियों, अन्य पिछड़ी जातियों, आदिवासियों और अल्पसंख्यक समुदायों की अभिव्यक्ति, भागीदारी को रोकना है। और, मेरे लिए, वह भारत जहां किसी दलित व्यक्ति या मुस्लिम व्यक्ति, आदिवासी व्यक्ति, उच्च जाति के व्यक्ति, किसी के भी साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है, उस पर हमला किया जा रहा है, यह वह भारत नहीं है जो मैं चाहता हूं। यूरोप का दौरा कर रहे गांधी ने कहा, अगर कल सुबह प्रधानमंत्री यह फैसला कर लें कि भारत में कोई अहंकारपूर्ण आचरण या कोई हिंसा नहीं करेगा, तो यह रुक जाएगा। यह वह दिशा है जो देश का नेतृत्व देती है, देश का नेतृत्व जो विचार देता है वह लोगों को आकार देता है। उन्होंने कहा, अभी भावना यह है कि आप जो चाहें कर सकते हैं और आपको कुछ नहीं होने वाला है यह भारत की आत्मा पर हमला है और ऐसा करने वाले लोगों को इसकी कीमत चुकानी होगी। कांग्रेस नेता ने अपने खिलाफ 24 कानूनी मामलों की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह भी भारतीय इतिहास में पहली बार हुआ कि किसी को आपराधिक मानहानि के लिए अधिकतम सजा दी गई। लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को बनाए रखने की लड़ाई जारी है और बहुत जीवंत है। गांधी मोदी उपनाम वाली टिप्पणी पर 2019 के मानहानि मामले में उनकी दोषसिद्धि का जिक्र कर रहे थे। पिछले महीने, उच्चतम न्यायालय ने उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी, जिससे उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल होने का रास्ता प्रशस्त हो गया। उन्होंने कहा, हम उस लड़ाई का हिस्सा हैं हम एक प्रक्रिया से गुजर रहे हैं; हम अपने लोकतांत्रिक ढांचे में उथल-पुथल से गुजर रहे हैं और ऐसे लाखों लोग हैं जो वास्तव में उस लोकतांत्रिक ढांचे में विश्वास करते हैं और अपने पास मौजूद हर चीज के साथ इसकी रक्षा करने जा रहे हैं। गांधी ने कहा, तो, यह एक लड़ाई है और हमारे देश पर पुनर्विचार और पुनर्कल्पना करने का एक अवसर भी है। ऐसी कई चीजें हैं जिनमें सुधार किया जा सकता है, और मुझे लगता है कि यह एक अवसर है, यह एक परीक्षा है जिससे कई देश गुजरते हैं। और, मुझे लगता है कि हम इस परीक्षा में सफल होंगे। देश के नाम को लेकर जारी बहस के बारे में पूछे जाने पर, गांधी ने कहा कि इंडिया और भारत दोनों संविधान में उल्लिखित हैं।

सरकार अजीब तरीके से काम कर रही है :राहुल गांधी 

राहुल गांधी ने कहा कि सरकार अजीब तरीके से काम कर रही है क्योंकि उसे विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस’ (इंडिया) के नाम से चिढ़ है। उन्होंने कहा, कुछ गहरी बात चल रही है, वह यह कि जो लोग किसी भी चीज का नाम बदलना चाहते हैं वे मूल रूप से इतिहास को नकारने की कोशिश कर रहे हैं। मामले के तथ्य यह हैं कि, चाहे हम इसे पसंद करें या हमें यह पसंद न हो, हमारा एक इतिहास है। हम पर अंग्रेजों ने शासन किया, हमने अंग्रेजों से लड़ाई की, हमने अंग्रेजों को हराया अंग्रेजी अंग्रेज लोगों की तुलना में अधिक भारतीयों द्वारा बोली जाती है; यह उनकी भाषा से अधिक हमारी अपनी भाषा है। गांधी ने कहा,  उस अंग्रेजी में बहुत बड़ा इतिहास समाहित है, बहुत दर्द है, बहुत खुशी है, कल्पना है, संघर्ष है, वो चीजें अंतर्निहित हैं। और जो लोग नाम बदलना चाहते हैं वो उसे मिटाना चाहते हैं, वो हमारा इतिहास नहीं चाहते। वे नहीं चाहते कि हमारे देश का इतिहास हमारी आने वाली पीढ़ियों को पता चले, इससे उन्हें परेशानी होती है।  कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि भारत के 60 प्रतिशत लोगों ने विपक्षी दलों को वोट दिया, जबकि सिर्फ 40 प्रतिशत ने सत्तारूढ़ दल को वोट दिया। उन्होंने कहा,  तो यह विचार कि बहुसंख्यक समुदाय भाजपा को वोट दे रहा है, यह एक गलत विचार है। बहुसंख्यक समुदाय वास्तव में उन्हें वोट देने से ज्यादा हमें वोट देता है।

PM के सबसे अमीर पूंजीपतियों के साथ भी बहुत अच्छे संबंध

राहुल गांधी ने कहा,  PM  समाज का ध्रुवीकरण करते हैं, वे समाज को विभाजित करते हैं, वे समाज में नफरत फैलाते हैं और यही उनका तंत्र है। उनके देश के सबसे शक्तिशाली, सबसे अमीर पूंजीपतियों के साथ भी बहुत अच्छे संबंध हैं, जो उन्हें वित्तपोषित करते हैं और उनका समर्थन करते हैं।  साठगांठ वाले पूंजीवाद के मुद्दे पर, कांग्रेस नेता ने एक बार फिर अडाणी समूह पर निशाना साधते हुए दावा किया कि एकाधिकारवादी व्यवस्था के विपक्षी दलों के आरोपों का समर्थन करने के लिए दस्तावेज उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा, आज आप भारत में मिस्टर अडाणी के साथ जो कर रहे हैं वह इतना स्पष्ट है और यह पूरी तरह से शीर्ष पर हो रहा है, मुझे नहीं लगता कि कोई अन्य जगह है जहां यह चल रहा है। वह लगभग हर व्यवसाय में हैं अंततः उन्हें ही इसके लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा। गांधी ने ब्रसेल्स के बाद यूरोप के दूसरे शहर पेरिस का दौरा किया, जहां सत्र का संचालन ‘सेंटर ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज’ के निदेशक प्रोफेसर क्रिस्टोफ जैफ्रेलोट ने किया और अध्यक्षता ‘पेरिस स्कूल ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स एट साइंसेज पीओ’ की डीन अरंचा गोंजालेज ने की।

विश्व व्यवस्था के लिए विशेष चिंता

राहुल गांधी ने विश्व व्यवस्था के लिए विशेष चिंता के रूप में चीन के विकास मॉडल की ओर इशारा करते हुए कहा, जब आप भारत के आकार के देश के साथ काम कर रहे हैं, तो हमें कई अलग-अलग देशों के साथ संबंध बनाने होंगे और एक राष्ट्र के रूप में, हम अपने हित में कार्य करते हैं। उन्होंने कहा, आज हमारे पास एक ऐसा ग्रह है जहां अधिकांश उत्पादन, अधिकांश विनिर्माण, अधिकांश मूल्यवर्धन चीन में किया जा रहा है हमारे लिए समस्या यह है कि हमें लोकतांत्रिक माहौल में उत्पादन के बारे में, गैर-लोकतांत्रिक माहौल में उत्पादन के बारे में सोचने की जरूरत है। दमनकारी वातावरण और हमें अपने लोगों को राजनीतिक स्वतंत्रता और आर्थिक स्वतंत्रता देते हुए उनसे प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होने की आवश्यकता है। तो यह वास्तव में चुनौती है। नीदरलैंड में रॉटरडैम जाने से पहले गांधी ने फ्रांस की राजधानी में इनालको विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ इसी तरह की बातचीत की।

latest news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Articles

epaper

Latest Articles