नई दिल्ली /खुशबू पाण्डेय : जी20 समिट के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 की अध्यक्षता ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा (Lula da Silva) को सौंप दी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने समिट के समापन का ऐलान किया। ब्राजील अगले साल होने वाली जी20 समिट का आयोजन करेगा। प्रधानमंत्री मोदी (Narendra Modi) ने संस्कृत भाषा में कहा- स्वस्ति अस्तु विश्वस्य! यानी संपूर्ण विश्व में आशा और शांति का संचार हो। समिट के आखिरी सेशन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया बदल रही है इसके साथ दुनिया के संस्थानों को भी बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा- यूएनएससी में अभी तक उतने ही सदस्य हैं जितने इसकी स्थापना के वक्त थे। स्थायी देशों की संख्या बढ़नी चाहिए।
संपूर्ण विश्व में आशा और शांति का हो संचार
—विकासशील देशों का एजेन्डे केन्द्र में लाने में सफल रहा भारत
—दुनिया बदल रही है, दुनिया के संस्थानों को भी बदलने की जरूरत : मोदी
—क्रिप्टोकरंसी कारोबार को नियमित करने को वैश्विक नियम बनाने पर जोर
—फैसलों पर हुई प्रगति के वास्ते डिजिटल सत्र के आयोजन का प्रस्ताव
—संस्कृत के श्लोक स्वस्ति अस्तु विश्वस्य!के सका संदर्भ देते हुए पूरे विश्व में शांति
जी-20 समूह में अभूतपूर्व एकजुटता का भाव उत्पन्न करने और विकासशील तथा पिछड़े देशोंं की चिंताओं को इसके एजेन्डा के केन्द्र में लाने में भारत की अध्यक्षीय भूमिका की विश्व नेताओं द्वारा खुलकर सराहना की। इसके साथ ही इस सशक्त वैश्विक मंच का 18 वां शिखर सम्मेलन रविवार को संपन्न हो गया।
Uma excelente reunião com o Presidente @LulaOficial. Os laços entre a Índia e o Brasil estão muito fortes. Falámos sobre formas de estimular o comércio e a cooperação na agricultura, tecnologia e muito mais. Também transmiti os meus melhores votos para a próxima presidência do… pic.twitter.com/YTxwaz690Q
— Narendra Modi (@narendramodi) September 10, 2023
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने सम्मेलन के तीसरे एवं अंतिम पूर्ण सत्र को संबोधित करने के बाद समूह के अगले अध्यक्ष ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुइज़ इंसियो लूला दा सिल्वा को जी-20 की अध्यक्षता का ‘बैटन’ सौंपा। मोदी ने कहा, भारत ने ब्राजील को गैवल (हथौड़ा) सौंप दिया है। हमारा अटूट विश्वास है कि वे समर्पण, दूरदर्शिता के साथ नेतृत्व करेंगे और समृद्धि के साथ ही वैश्विक एकता को भी आगे बढ़ाएंगे। नई दिल्ली घोषणा पत्र को नेताओं ने सम्मेलन के पहले दिन शनिवार को ही मंजूरी दे दी।
बैठक के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसकी घोषणा करते हुए कहा था कि यह पहली बार है जब इतने व्यापक विषयों को घोषणा पत्र में शामिल किया गया और सभी पर पूरी तरह से आम सहमति रही है। जी20 का अगला शिखर सम्मेलन नवंबर 2024 में रियो डी जेनेरियो में होगा। इस शिखर सम्मेलन में पहली बार संयुक्त घोषणा पत्र (joint declaration) में शामिल सभी मुद्दों पर पूर्ण सहमति रही। इस दौरान भारत, अमेरिका और अन्य देशों की पहल पर वैश्विक जैविक ईंधन गठबंधन का गठन और भारत, पश्चिम एशिया तथा यूरोप के मुख्य बंदरगाहों को रेलवे नेटवर्क, आधुनिक संचार सुविधाओं और समुद्री केबल के जरिये जोड़कर वृहद आर्थिक गलियारा बनाने के सहमति पत्र पर भी हस्ताक्षर किये गये। भारत की अध्यक्षता में इस सम्मेलन में अफ्रीकी महाद्वीप के 55 देशों वाले अफ्रीकी संघ को जी 20 का स्थायी सदस्य बनाने का ऐतिहासिक निर्णय भी लिया गया।
Shared my thoughts during Session 3 of the G20 Summit. This Session focussed on the theme of ‘One Future.’ Emphasised on the need of the hour being to look beyond the idea of a Global Village and make the vision of Global Family a reality. pic.twitter.com/KcypGXdLsP
— Narendra Modi (@narendramodi) September 10, 2023
प्रधानमंत्री मोदी ने समापन वक्तव्य में कहा, मुझे संतोष है कि आज जी 20 एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य के सपने को लेकर आशावादी प्रयासों का प्लेटफार्म बन गया है। सम्मेलन में आर्थिक वृद्धि को सकल घरेलू उत्पाद केन्द्र रखने के बजाय मानव केन्द्रीत बनाने की जरूरत पर बल दिया गया। उन्होंने कहा कि भारत जैसे अनेक देशों के पास ऐसा बहुत कुछ है जिसे मानवता की सेवा के लिए दूसरों के साथ साझा कर सकते हैं और यह मानव केन्द्रीत विकास की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। भारत ने सम्मेलन में चन्द्रयान तीन के लैंडर और रोवर से मिले आंकडों और यूपी आई जैसे डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की सुविधाओं (डीपीआई) को दूसरे देशों के साथ साझा करने की पेशकश की है। जी 20 घोषणा पत्र में डीपीआई के लिए मजबूत नियम बनाने पर सहमति बनी है और डिजिटल डाटा को विकास के कार्यों में इस्तेमाल करने के लिए जी 20 के सिद्धांतों को भी स्वीकार किया गया है। नेताओं ने गरीब और विकासशील देशों के लिए डाटा के प्रयोग की क्षमता बढाने की पहल शुरू करने का निर्णय लिया है।
घोषणा पत्र में बहुपक्षीय विकास वित्त संस्थानों की पूंजी बढाने, सामाजिक आर्थिक विकास के लिए नयी पहल तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास कार्य में सहयोग तथा कृत्रिम बुद्धिमता के इस्तेमाल को बढावा देने का भी संकल्प है। क्रिप्टोकरंसी के कारोबार को नियमित करने के लिए वैश्विक नियम बनाने पर भी जोर दिया गया है ताकि इसके चलन से वित्तीय बाजारों की स्थिरता प्रभावित न हो। भारत ने कहा है कि साइबर सुरक्षा और क्रिप्टोकरंसी की चुनौतियों को सभी जानते हैं और इस संबंध में उसकी ओर से बैंकिंग नियमों के बारे में बासेल के मानकों को एक मॉडल के रूप में रखे जाने का भी सुझाव दिया गया है। इस सम्मेलन में भारत के लिए यूक्रेन – रूस युद्ध के बीच इस महत्वपूर्ण मंच के घोषणा पत्र पर सहमति बनाना बड़ी चुनौती मानी जा रही थी लेकिन भारत ने कूटनीतिक कौशल का परिचय देते हुए इस मुद्दे पर देशों को साधने में सफलता हासिल की। इस कार्य में उसे पिछले अध्यक्ष इंडोनेशिया , अगले अध्यक्ष ब्राजील और उसके बाद मेजबानी करने वाले दक्षिण अफ्रीका का मजबूत समर्थन मिला।
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि जी 20 घोषणा पत्र ‘टीम जी 20′ और ‘टीम इंडिया’ के अथक प्रयासों का फल है और इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व के साथ साथ सभी सदस्य देशों के नेताओं और अधिकारियों का प्रयास शामिल रहा। सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति की जगह वहां के प्रधानमंत्री की हिस्सदेारी रही और रूस के राष्ट्रपति का प्रतिनिधित्व वहां के विदेश मंत्री ने किया।
तीन दिन के दौरान 15 नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक
प्रधानमंत्री मोदी ने तीन दिन के दौरान अमेरिका और फ्रांस के राष्ट्रपतियों, बंगलादेश तथा मॉरिशस के प्रधानमंत्रियों के समेत 15 नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक की। विश्व के सकल घरेलू उत्पाद में 80 प्रतिशत से अधिक और विश्व व्यापार में 75 प्रतिशत से अधिक योगदान करने वाले इस समूह की भारत की अध्यक्षता में अभूतपूर्व विस्तार के साथ बैठकों तथा चर्चाओं का आयोजन किया गया। विदेश मंत्री ने बताया कि देश के 60 शहरों में विभिन्न मुद्दों पर 200 से अधिक बैठकें की गयी जिसमें देश विदेश से लाखों की संख्या में प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।यह सम्मेलन भारत के लिए अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और सभ्यतागत विरासत के प्रदर्शन का अवसर था।