नई दिल्ली, साधना मिश्रा: अब तक आपने ने स्निनफर डॉग (sniffer dog) यानी किसी चीज को सूंघ कर चोर या कातिल का पता लगाने वाले डॉग के बहुत से बहादुरी के किस्से सुने होगे। लेकिन क्या आपने कभी किसी चूहे की बहादुरी के बारें में सुना है। जी हां आपने बिल्कुल सही सुना हम बात कर रहे है, अफ्रीकी नस्ल के एक चूहे की जिसे हजारों लोगों की जान बचाने के लिए जाना जाता है। इस चूहे की बहादुरी के किस्से दूर-दूर तक मशहूर है।
बारूदी सुरंगों का पता लगाने कि लिए किया गया प्रशिक्षित
इस मशहूर चूहे का नाम ‘मगावा’ (magawa) है जिसकी उम्र 7 साल है। इसे बेल्जियम के एक एनजीओ एपीओपीओ (APOPO) ने लैंड माइंस यानी जमीन के अंदर छिपे बंब को खोजने के लिए प्रशिक्षित किया है। बता दें कि इस चूहे को उस समय प्रशिक्षित किया गया, जब कंबोडिया में गृहयुध्द छिड़ा हुआ था। उस दौरान वहां के जंगलो में हजारों की संख्या में बारूदी सुरंगे बिछाई गई थी। उस बारूदी सुरंगों का पता लगाने का काम मगावा ने बड़ी ही जिम्मेदारी के साथ किया।
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71 लैंड माइन और 28 जिंदा विस्फोटकों का लगाया पता
गौरतलब है कि मगावा ने अपनी 5 साल की सर्विस के दौरान 71 लैंड माइन (land mine) और 28 जिंदा विस्फोटकों का पता लगाकर हजारों लोगों की जान बचा चुका है। बता दें कि द गार्डियन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक इस छोटे से चूहे ने अपने सूंघने की क्षमता का उपयोग करके 1.4 लाख स्कवायर मीटर यानी कि 20 फुटबॉल पिच जितनी जमीन को सुरंग मुक्त बनाने में मदद की है। वहीं एपीओपीओ संगठन का कहना है कि वैसे तो इस काम के लिए दूसरे चूहों को भी प्रशिक्षित किया जा सकता था लेकिन अफ्रीकन चूहों का आकार उन्हें इस काम के लिए परफेक्ट बनाता है।
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ब्रिटिश चैरिटी का टॉप सिविलियन का मिला अवॉर्ड
मालूम हो कि मगावा को अपनी बहादुरी के लिए पिछले साल ब्रिटिश चैरिटी का टॉप सिविलियन अवॉर्ड (British Charity’s Top Civilian Award) भी मिल चुका है। हालांकि 5 साल की सर्विस में कई कामों को अंजाम देने के बाद अब मगावा रिटायर हो रहा है। वही मगावा के हैंडलर मालेन का कहना है, ‘मगावा का प्रदर्शन काफी शानदार रहा है। मुझे उसके साथ काम करने में बहुत गर्व महसूस होता है क्योंकि इतना छोटा होने के बाद भी उसने कई लोगों की जान बचाने में मदद की है। उसकी सेहत अब भी अच्छी है लेकिन अब उसके रिटायर होने का समय आ गया है। हालांकि उसकी कमी को पूरा करना आसान नहीं है, लेकिन चैरिटी ने कुछ नए रंगरूटों को भर्ती किया है।’