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Saturday, July 27, 2024

फ्लैट नहीं डिटेंशन सेंटर्स में ही रखे जाएंगे रोहिंग्या शरणार्थी

नयी दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय । केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली में रोहिंग्या मुसलमानों को आॢथक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के फ्लैटों में स्थानांतरित करने के किसी भी कदम से बुधवार को इनकार किया और दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि अवैध विदेशियों को उनके देश वापस भेजे जाने तक निरुद्ध केंद्रों में रखा जाए। मंत्रालय का यह स्पष्टीकरण केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी द्वारा एक ट्वीट करने के कुछ घंटे बाद आया, जिसमें कहा गया था कि भारत ने हमेशा उन लोगों का स्वागत किया है जिन्होंने देश में शरण मांगी है और घोषणा की थी कि सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला क्षेत्र में ईडब्ल्यूएस फ्लैटों में स्थानांतरित किया जाएगा। गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी करके अपनी स्थिति स्पष्ट की। एक प्रवक्ता ने ट्विटर पर एक बयान में कहा, अवैध विदेशियों को उनके देश वापस भेजे जाने तक कानून के अनुसार निरुद्ध केंद्र में रखा जाना है।

—केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के बयान पर बवाल
गृह मंत्रालय ने संभाला मोर्चा, किया साफ
—केंद्र ने दिल्ली सरकार को दिया निर्देश, निरुद्ध केंद्रों में रखा जा

दिल्ली सरकार ने वर्तमान स्थान को निरुद्ध केंद्र घोषित नहीं किया है। उसे तुरंत ऐसा करने का निर्देश दिया गया है। प्रवक्ता ने कहा, अवैध विदेशी रोहिंग्याओं के संबंध मे मीडिया के कुछ वर्गों में आये समाचार के संबंध में, यह स्पष्ट किया जाता है कि गृह मंत्रालय ने बक्करवाला में रोहिंग्या अवैध प्रवासियों को ईडब्ल्यूएस फ्लैट प्रदान करने का कोई निर्देश नहीं दिया है। पुरी ने अपने पोस्ट में एक समाचार एजेंसी की खबर को टैग किया था और उन लोगों की आलोचना भी की थी जिन्होंने देश की शरणार्थी नीति पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग इस कदम से निराश होंगे। उन्होंने कहा, भारत संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी संधि 1951 का सम्मान करता है और उसका पालन करता है और सभी को उनकी जाति, धर्म या पंथ की परवाह किए बिना शरण देता है। पुरी ने ट््वीट में कहा, भारत ने हमेशा उन लोगों का स्वागत किया है जिन्होंने देश में शरण मांगी। एक ऐतिहासिक फैसले में सभी रोहिंग्या शरणाॢथयों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में स्थित ईडब्ल्यूएस फ्लैट में स्थानांतरित किया जाएगा। उन्हें मूलभूत सुविधाएं, यूएनएचसीआर (शरणाॢथयों के लिए संयुक्त राष्ट्र उ’चायुक्त) की ओर से जारी परिचय पत्र और दिल्ली पुलिस की चौबीसों घंटे सुरक्षा मुहैया की जाएगी। गृह मंत्रालय के एक अनुमान के मुताबिक, दिल्ली समेत देश के विभिन्न हिस्सों में करीब 40,000 रोहिंग्या रहते हैं। दिल्ली सरकार द्वारा रोङ्क्षहग्या मुसलमानों को एक नये स्थान पर स्थानांतरित करने के प्रस्तावित कदम का उल्लेख करते हुए गृह मंत्रालय ने कहा कि उसने दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि ये अवैध विदेशी अपने वर्तमान स्थान पर रहें। गृह मंत्रालय ने कहा कि इन अवैध विदेशियों को उनके देश वापस भेजने का मामला वह विदेश मंत्रालय के माध्यम से संबंधित देश के साथ पहले ही उठा चुका है। गृह मंत्रालय के तहत आने वाले नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने टीकरी बॉर्डर के पास बक्करवाला इलाके में आॢथक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए फ्लैट का निर्माण किया है। पिछले साल, सरकार ने राज्यसभा को सूचित किया था कि अवैध रोङ्क्षहग्या प्रवासी 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू कश्मीर, तेलंगाना, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, असम, कर्नाटक और केरल में रह रहे हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा था कि सरकार को रिपोर्ट मिली है कि रोहिंग्या मुसलमान देश में अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं। उन्होंने कहा कि वैध यात्रा दस्तावेजों के बिना देश में प्रवेश करने वाले सभी विदेशी नागरिकों को अवैध प्रवासी माना जाता है। मंत्री ने कहा कि म्यांमा से रोहिंग्या शरणाॢथयों सहित अवैध प्रवासियों का पता लगाना और राष्ट्रीयता के सत्यापन की उचित प्रक्रिया के बाद उन्हें उनके देश वापस भेजना एक सतत प्रक्रिया है।

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