-बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरूण चुघ ने कांग्रेस सरकार पर बोला अटैक
-राजघाट पर धरने लगाने की घोषणा राजनीतिक स्टंट एवं फोटोशुट – तरूण चुघ
-पंजाब की तबाही करने पर उतास है कैप्टन सरकार – तरूण चुघ
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरूण चुघ ने पंजाब मुख्यमन्त्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा अपने विधायकों के साथ दिल्ली राजघाट पर धरने लगाने की घोषणा को राजनैतिक स्टण्ट करार दिया है साथ ही यह अनैतिक एवं महात्मा गान्धी जी के अहिंसा के सिद्वांतों के विपरित बताते हुये कांग्रेस की धरना राजनीतिक को केवल फोटोशुट करार दिया।
चुघ ने कहा की कोरोना काल के बाद उभरने का प्रयास कर रही अर्थव्यवस्था को किसान आन्दोलन के कारण भारी नुकसान उठाना पड रहा है। उन्होनें कहा की किसान आन्दोलन के नाम पर सोची समझी साजिश के अधीन पुरे पंजाब की आर्थिक नाकेबंदी करने की कुचेष्ठा में कैप्टन सरकार सबसे आगे खडी नजर आ रही है। यही कारण है की ऐसा अनुभव हो रहा है की पंजाब के आन्दोलन में अर्बन नकस्लवाद की घुसपैठ हो चुकी है क्योंकि नकसलवाद हमेशा विकास का बाधक रहा है।
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चुघ ने इन हालातों के लिए पंजाब की कैप्टन सरकार को दोशी करार देते हुये कहा की अपने 42 महीनों के शासनकाल में सभी मोर्चो पर विफल हो चुकी है। उन्होनें कहा की अगामी चुनावों में सरकार विरोधी रूजानों (एण्टी इन्कमबैंसी) से पंजाब की जनता का ध्यान हटाने के लिये कैप्टन सरकार ने सभी 31 किसान युनियन को इक्ठा करके एक प्लेटफार्म पर लाकर मोदी सरकार के किसान हितैषी बिलों का विरोध करने के लिये सारी सरकारी तंत्र की ताकत झौंक दी। उसमे कांग्रेस पार्टी के घुसबैठीयों द्वारा किसानों को बरगलागर कर अगामी चुनावों में सता प्राप्त का मार्ग प्रश्स्त करना चाहती है।
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चुघ ने कहा की भाजपा के पंजाब प्रधान श्री अश्वनि शर्मा के साथ व उन पर खुद पर भी हमला हो चुका है। अमृतसर , लुधियाना में आपकी पार्टी के नेताओं द्वारा भाजपा कार्यालयों में घुस कर उसे जलाने व तोड फोड करने की घटना को आपका प्रशासन संरक्षण देता हुआ दिख रहा है। चुघ ने कहा की किसानों के आन्दोलन से किसानों का खुद बडा आर्थिक नुकसान हो रहा है , क्योकि गेहूं की बिजाई कि लिए जरूरी डी-ए-पी , यूरिया भी नही आ पा रहा। अगर यही हाल रहा तो सभी की दीवाली फीकी रहेगी। चुघ ने कहा की किसान वोटों की चाहत ने कांग्रेस , आम आदमी पार्टी तथा अकाली दल को इतना अंधा कर दिया की उन्हें 40-41 दिनों से किसान संगठनों द्वारा रोकी गई रेलों ,मालगाडियों के कारण तबाह हो रहा व्यापार , कारोबार , उद्योग , सरकारी राजस्व , पंजाब की आर्थिक नाकेबंदी दिखाई नही दे रही।