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Tuesday, June 17, 2025

UP: महिला एवं बाल अपराध के 435 अपराधियों को मिला आजीवन कारावास

—मिशन शक्ति अभियान की अवधि में 7 अपराधियों को मिली फाँसी की सजा
—394 अपराधियों को 10 वर्ष से अधिक कठोर कारावास
—1108 अपराधियों को 10 वर्ष से कम कारावास की मिली सजा
— शोहदे और गुण्डे किस्म के 1503 अपराधियों को जिला बदर कराया गया

लखनऊ/टीम डिजिटल: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के क्रम में चलाये गये मिशन शक्ति अभियान के दौरान महिला एवं बाल अपराधों में प्रभावी अभियोजन के माध्यम से इन अपराधों में लिप्त अपराधियों को अधिकतम सजा दिलाने की दिशा में उल्लेखनीय प्रयास किये गये। इन्हीं प्रयासों का नतीजा है कि अभियान अवधि में जनपद हापुड़, हाथरस, रायबरेली, बाँदा, गाजियाबाद, हरदोई में विभिन्न अभियोगों में 7 अपराधियों को फाँसी की सजा से दण्डित कराया जा चुका है।
अपर मुख्य सचिव गृह, अवनीश कुमार अवस्थी एवं प्रमुख सचिव, न्याय एवं विधि परामर्शी, प्रमोद कुमार श्रीवास्तव द्वारा संयुक्त रूप से अभियोजकों के कार्यों की वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से गत दिवस समीक्षा की गयी। समीक्षा के दौरान निर्देश दिये गये कि बलात्कार सहित हत्या के मामलों में ऐसे मामले जो विरले से विरले पाये जायें, अभियोजन विभाग उनमें मृत्युदण्ड की सजा सुनिश्चित कराने के हर संभव प्रयास करे ताकि अपराधियों के बीच यह संदेश स्पष्ट एवं मुखर रूप से पहुँचे कि यदि उनके द्वारा ऐसा जघन्य अपराध किया जायेगा तो उन्हें प्रत्येक दशा में मृत्युदण्ड ही मिलेगा।
अवस्थी ने बताया कि मिशन शक्ति के दौरान दिनांक 17 अक्टूबर 2020 से 03 मार्च 2021 तक प्रदेश में 7 अपराधियों को फाँसी के अलावा महिला एवं बाल अपराध के 435 अपराधियों को आजीवन कारावास तथा 394 अपराधियों को 10 वर्ष से अधिक कठोर कारावास तथा 1108 अपराधियों को 10 वर्ष से कम कारावास तो कराया ही गया, साथ ही शोहदे और गुण्डे किस्म के 1503 अपराधियों को जिलाबदर भी कराया जा चुका है। अभियान के दौरान अब तक लगभग 10 हजार ऐसे अपराधियों की जमानतें भी खारिज करायी जा चुकी हैं।
अपर पुलिस महानिदेशक, अभियोजन, आशुतोष पाण्डेय ने इस अवसर पर जानकारी दी कि अभियान के दौरान विभिन्न संवेदनशील प्रकरणों में तथा ऐसे मामलों में जिन्होंने समाज की आत्मा को झकझोर कर रख दिया था, उनमें अभियोजन द्वारा सजा करायी गयी।

UP: महिला एवं बाल अपराध के 435 अपराधियों को मिला आजीवन कारावास
आशुतोष पाण्डेय द्वारा उदाहरण के रूप में जनपद अलीगढ़ के थाना इगलास के एक मामले का जिक्र गया, जिसमें एक बच्ची को अगवा किया गया था और मामला 11 साल से लम्बित था जिसमें अभियोजन द्वारा मिशन शक्ति के अन्तर्गत तीनों दोषियों को उम्रकैद की सजा से दण्डित कराया गया। इसी तरह जनपद मुरादाबाद के एक मामले में जहाँ पीड़िता के साथ बलात्कार के बाद उसका गला अपराधी ने काट दिया था लेकिन मृत्युशैया पर पीड़िता ने इशारे से आरोपी की ओर उंगली से इशारा कर अपने जुल्म की दास्ता बयान की और इसी मृत्युकालिक कथन के आधार पर अभियोजन ने आरोपी को उम्रकैद की सजा करायी।

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पाण्डेय ने अवगत कराया कि मिशन शक्ति अभियान के दौरान हत्या सहित दुष्कर्म करने वाले मुँहबोले चाचा का मामला हो या हुए अयोध्या के हैदरगंज थाने में दुराचार करने वाले पिता को दण्डित कराने का मामला हो, अभियोजन ने उत्कृष्ट प्रदर्शन कराते हुए दोषियों को आजीवन कारावास से दण्डित कराया। पाण्डेय द्वारा जनपद मिर्जापुर के मड़िहान थाने के एक मामले का जिक्र किया गया जिसमें एक 6 साल की एक मूकबधिर बालिका के साथ दुष्कर्म किया गया।

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इस मामले में अभियोजन द्वारा मात्र 23 दिनों की सुनवाई में ही दोषी को आजीवन कारावास से दण्डित कराया गया तथा पीड़ित परिवार को तत्काल ढाई लाख रू0 उसके खाते में उपलब्ध कराये गये।
बाल एवं महिला अपराध के अपराधियों को आजीवन कारावास कराने में बलिया अव्वल रहा, जहाँ 32 अपराधियों को सजा करायी गयी, वहीं दूसरे स्थान पर आगरा 22 सजा कराकर तथा तीसरा स्थान 21 आजीवन कारावास कराते हुए फतेहपुर ने प्राप्त किया। समीक्षा के दौरान अभियोजकों को निर्देशित किया गया कि वे महिला के मान सम्मान के लिये अपना संघर्ष जारी रखें ताकि उत्तर प्रदेश अभियोजन भारत का नम्बर एक अभियोजन के रैंक पर बरकरार रहे।

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