-देश के चार प्लांटों में बनेगा कोवैक्सीन, लिया लाइसेंस
– विदेशी वैक्सीन के भारत में इस्तेमाल के लिए कानून को लचीला बनाया
-विदेशी कंपनियों के संपर्क में है भारत, कई दौर की बात हुई
– बीजेपी ने विपक्षी दलों पर बोला हमला, कहा-फैला रही हैं भ्रम
नई दिल्ली/नेशनल ब्यूरो : भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित कई विपक्षी पार्टियों के नेता और विपक्षी पार्टियां देश में वैक्सीनेशन को लेकर लगातार सोशल मीडिया और टीवी में आकर लोगों को गुमराह करते हुए भ्रम फैला रही हैं। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि केंद्र सरकार 2020 के मध्य से ही लगातार सभी बड़ी वैक्सीन बनाने वाली विदेशी कंपनियों के संपर्क में है। फाइजर, जॉनसन एंड जॉनस और मॉडर्ना के साथ कई दौर की बात हो चुकी है। सरकार ने उन्हें भारत में वैक्सीन बनाने के लिए हर मदद का प्रस्ताव भी दिया। यह समझना होगा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार से वैक्सीन खरीदना किसी दुकान में जाकर कोई चीज खरीदकर लाने जैसा नहीं है। जैसे ही फाइजर ने वैक्सीन उपलब्ध होने का संकेत दिया, केंद्र सरकार ने कंपनी के साथ वैक्सीन को जल्द से जल्द आयात करने की कोशिशें शुरू कर दीं। भारत सरकार के कारण ही स्पूतनिक वैक्सीन का इस्तेमाल भारत में शुरू हो चुका है और अब इसका उत्पादन भी भारत में ही हो रहा है।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि विपक्ष के नेताओं द्वारा एक यह भी भ्रम फैलाया जा रहा है कि भारत सरकार विश्व के अन्य देशों के अप्रूव्ड वैक्सीन को भारत में इस्तेमाल की अप्रूवल नहीं दे रही, जिसके कारण वैक्सीनेशन कम हो रहे हैं। इस मामले में भी सच्चाई बिल्कुल अलग है। भारत सरकार ने वैश्विक वैक्सीन के भारत में इस्तेमाल के लिए अपने नियम-कानून को लचीला बनाया है। भारत सरकार ने इस दिशा में पिछले महीने कई छूट भी दी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अमेरिका के दवा नियामक एफडीए, ईएमए, ब्रिटेन के एमएचआरए, जापान की पीएमडीए और विश्व स्वास्थ्य संगठन की इमरजेंसी लिस्टिंग में शामिल वैक्सीन को ब्रिजिंग ट्रायल से पहले ही छूट दे दी है। इन वैक्सीन को ट्रायल नहीं करने होंगे।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि विपक्ष एक और झूठा आरोप केंद्र सरकार पर मढ़ रहा है कि केंद्र सरकार देश में वैक्सीन के निर्माण को बढ़ावा नहीं दे रही है, जिससे वैक्सीन का उत्पादन कम हो रहा है। विपक्षी पार्टियों का यह आरोप भी बिल्कुल निराधार और राजनीतिक है। सच्चाई यह है कि केंद्र सरकार की पहल पर भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के लाइसेंस को उत्पादन के लिए तीन अन्य कंपनियों से साझा किया है। पहले भारत बायोटेक का एक ही मेन्युफेक्चरिंग प्लांट था, आज चार है। यह केंद्र सरकार के ही प्रो-एक्टिव कार्यशैली का परिणाम है।
अक्टूबर तक 10 करोड़ कोवैक्सीन डोज प्रति माह हो जायेगी
अभी कोवैक्सीन के एक करोड़ डोज का प्रतिमाह उत्पादन हो रहा है, लेकिन अक्टूबर 2021 तक यह बढ़ कर 10 करोड़ डोज प्रति माह हो जायेगी। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, केंद्र सरकार ने पीएसयू को भी उत्पादन बढ़ाने की परमिशन दी है। स्पूतनिक का उत्पादन भारत में ही डॉ रेड्डी लेबोरेट्री के साथ हो रहा है और साथ ही छ: अन्य कंपनियों को भी इसमें केंद्र सरकार की कोविड सुरक्षा स्कीम के तहत जोड़ा गया है। इस साल के अंत तक देश में कोविड के लगभग 200 करोड़ डोज बन कर तैयार हो जायेंगे। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि कंपलसरी लाइसेंसिंग को लेकर भी विपक्ष की ओर से भ्रम फैलाया जा रहा है, लेकिन सच्चाई यह है कि कंपलसरी लाइसेंसिंग से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है एक्टिव पार्टनरशिप।
सभी बड़ी वैक्सीन बनाने वाली विदेशी कंपनियों के संपर्क
सरकार 2020 के मध्य से ही लगातार सभी बड़ी वैक्सीन बनाने वाली विदेशी कंपनियों के संपर्क में है। फाइजर, जॉनसन एंड जॉनस और मॉडर्ना के साथ कई दौर की बात हो चुकी है। सरकार ने उन्हें भारत में वैक्सीन बनाने के लिए हर मदद का प्रस्ताव भी दिया। मॉडर्ना ने अक्टूबर 2020 में ही कहा था कि हम लाइसेंस देने के लिए तैयार हैं लेकिन अभी तक कोई कंपनी लाइसेंस के लिए सामने ही नहीं आई। भारत सरकार के द्वारा उठाये गए कदम के कारण कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक का उत्पादन भारत में बढ़ा है।