12.1 C
New Delhi
Saturday, December 7, 2024

Amit Shah : आतंकवाद, घुसपैठ, धार्मिक तनाव भड़काने के प्रयासों के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी

नई दिल्ली/ सुनील पाण्डेय : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने सोमवार को कहा कि भले ही जम्मू कश्मीर, पूर्वोत्तर क्षेत्र और नक्सल प्रभावित इलाकों में अपेक्षाकृत शांति स्थापित कर ली गई है लेकिन आतंकवाद, घुसपैठ और धार्मिक तनाव पैदा करने की साजिश के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि शहीद पुलिसकर्मियों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और देश निश्चित रूप से 2047 तक पूरी तरह विकसित राष्ट्र बनेगा। उन्होंने कहा, पिछले 10 वर्ष में हमारे सुरक्षा बलों की निष्ठा और कार्यकुशलता के चलते जम्मू कश्मीर, पूर्वोत्तर क्षेत्र तथा वामपंथी नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों में अपेक्षाकृत शांति स्थापित कर ली गयी है। हालांकि, हमारी लड़ाई खत्म नहीं हुई है।

—देश सुरक्षित रहेगा, चुनौती के बावजूद अपने लक्ष्य को हासिल करेगा
—भारत 2047 तक निश्चित रूप से एक विकसित राष्ट्र बनेगा
—पुलिस स्मृति दिवस पर अमित शाह ने पुलिसकर्मियों को पुष्पांजलि अर्पित की

उन्होंने कहा, हम ड्रोन, मादक पदार्थों के व्यापार, साइबर अपराध, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के माध्यम से अशांति फैलाने के प्रयास, धार्मिक भावनाओं को भड़काने की साजिश, घुसपैठ, अवैध हथियारों की तस्करी और आतंकवाद जैसे उभरते खतरों के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे, जो वर्तमान में हमारे सामने आने वाली चुनौतियां हैं। गृह मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद से देश की सुरक्षा के लिए 36,438 पुलिसकर्मियों ने अपने प्राणों की आहुति दी है, जिनमें से 216 बलिदान पिछले वर्ष दिए गए। उन्होंने कहा कि देश की विकास यात्रा में उनके बलिदान के लिए देश हमेशा उनका ऋणी रहेगा। शाह ने कहा, मैं शहीदों के परिवार के सदस्यों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। देश सुरक्षित रहेगा, किसी भी चुनौती के बावजूद अपने लक्ष्य को हासिल करेगा और भारत 2047 तक निश्चित रूप से एक विकसित राष्ट्र बनेगा। एक जुलाई से लागू हुए तीन नये आपराधिक कानूनों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि नये कानूनों के क्रियान्वयन के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित करने पर काम पांच साल पहले शुरू हुआ था और बाकी का काम अगले तीन साल में पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा, मैं देश को बताना चाहता हूं कि भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली दुनिया में सबसे आधुनिक होगी और प्राथमिकी दर्ज होने के तीन साल के भीतर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई तक पूरा न्याय दिया जा सकता है। पुलिसकर्मियों के हित में उठाए कदमों के बारे में जानकारी देते हुए शाह ने कहा कि पुलिसकर्मी और उनके परिवार के सदस्य ‘आयुष्मान सीएपीएफ’ योजना लागू होने के बाद किसी भी आयुष्मान अस्पताल में इलाज करा सकते हैं।

Amit Shah : आतंकवाद, घुसपैठ, धार्मिक तनाव भड़काने के प्रयासों के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि खतरे और चुनौतियां कितनी भी बड़ी क्यों न हों, वे सैनिकों के अटूट संकल्प के सामने टिक नहीं सकतीं। पुलिस स्मृति दिवस कार्यक्रम का आयोजन यहां राष्ट्रीय पुलिस स्मारक में किया गया। शाह ने अपने संबोधन से पहले ड्यूटी के दौरान प्राण न्यौछावर करने वाले सभी पुलिसकर्मियों को पुष्पांजलि अर्पित की। लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स में 21 अक्टूबर 1959 को भारी हथियारों से लैस चीनी सेना के घात लगाकर किए गए हमले के दौरान 10 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। उसके बाद से ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले इन शहीदों तथा सभी अन्य पुलिसकर्मियों की याद में हर साल 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस अवसर पर गृह राज्यमंत्री बंडी संजय कुमार, केन्द्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, निदेशक, आसूचना ब्यूरो (आईबी) तपन कुमार डेका, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के वरिष्ठ अधिकारियों सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

जवानों के लिए 13,000 मकानों के निर्माण के लिए स्वीकृति

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कर्मियों को आवास उपलब्ध कराने पर उन्होंने कहा कि 13,000 मकानों के निर्माण के लिए स्वीकृति दे दी गयी है जिनमें से 11,276 मकान अगले साल मार्च तक तैयार हो जाएंगे। शाह ने कहा कि पुलिस बल के जवान कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से किबिथु तक भारत की सीमाओं की रक्षा करते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस बल के जवान हमेशा देश और सीमाओं की रक्षा करते हैं, चाहे दिन हो या रात, त्योहार हो या आपदा, भीषण गर्मी, बारिश या शीतलहर। गृहमंत्री ने कहा कि पुलिस स्मारक देश के युवाओं को प्रेरित करता रहेगा और नागरिकों को याद दिलाता रहेगा कि आज जो सुरक्षा और प्रगति है, वह इन हजारों सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान के कारण है। उन्होंने कहा, हमारा एक गौरवशाली इतिहास भी है, जहां बहादुर सैनिक हिमालय की बर्फीली और दुर्गम चोटियों से लेकर कच्छ और बाड़मेर के कठोर रेगिस्तान और विशाल महासागरों तक निडरता से देश की रक्षा करते हैं, इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।

शांति स्थापित करने में सफल रहे

अमित शाह ने कहा कि कश्मीर, वामपंथी उग्रवाद और उत्तर-पूर्व में दशकों से अशांति का माहौल था लेकिन पिछले एक दशक में हमारे सुरक्षाबलों की कर्तव्यपरायणता के कारण हम इन जगहों पर शांति स्थापित करने में सफल रहे हैं। उन्होंने कहा, लेकिन हमारी लड़ाई अभी समाप्त नहीं हुई है। ड्रोन के उभरते खतरे, नार्कोटिक्स कारोबार, साइबर अपराध, एआई के माध्यम से अशांति फैलाने के प्रयास, धार्मिक भावनाएं भड़काने के षडयंत्र, घुसपैठ, अवैध हथियारों की तस्करी और आतंकवाद जैसी चुनौतियां आज हमारे सामने खड़ी हैं।

 

latest news

Previous article
Next article

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Articles

epaper

Latest Articles