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Saturday, July 27, 2024

राष्ट्रपति चुनाव : व्हिप लागू करने पर पाबंदी, गुप्त होगा मतदान

नई दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय : केंद्रीय चुनाव आयोग ने आज यहां देश के 16वें राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। चुनाव के लिए अधिसूचना 15 जून को जारी की जाएगी और जरूरत पडऩे पर मतदान 18 जुलाई को होगा। राष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा के सदस्य हिस्सा लेंगे। इसके बाद जरूरत पड़ी तो 21 जुलाई को मतगणना होगी और राष्ट्रपति के नाम की घोषणा की जाएगी। इसी के साथ चुनाव आयोग ने वोट डालने वाले सांसदों और विधायकों के लिए नियम भी जारी कर दिए। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने साफ किया कि सभी मतदाताओं को इन नियमों का सख्ती से पालन करना होगा।
विज्ञान भवन में अपनी पूरी टीम के साथ मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि मतदाताओं की कुल संख्या 4,809 होगी, जिसमें 776 सांसद और 4,033 विधायक शामिल हैं। राज्यसभा के महासचिव निर्वाचन अधिकारी होंगे।

चुनाव की तारीखों का ऐलान, 18 जुलाई को होगी वोटिंग
– व्हिप लागू करने पर पाबंदी, पूरी तरह से गुप्त होगा मतदान
-चुनाव आयोग का ऐलान, पूरी प्रोसेस की वीडियोग्राफी होगी
-वोट डालने वाले सांसदों और विधायकों के लिए नियम भी जारी
-कोरोना प्रोटोकॉल के तहत मास्क लगाना अनिवार्य होगा : आयोग
– सांसद पार्लियामेंट में डालेंगे वोट, विधानसभा में डालेंगे विधायक

सांसदों के लिए वोटिंग का स्थान संसद और विधायकों के लिए संबंधित राज्य की विधान सभाएं होंगी। लेकिन पूर्व सूचना पर किसी भी अन्य लोकेशन पर वोट डाले जा सकते हैं। इसके लिए कम से कम 10 दिन पहले सूचना देनी होगी ताकि वोटिंग की व्यवस्था उस स्थान पर की जा सके। वोट डालने के लिए आयोग अपनी ओर से पैन प्रोवाइड कराएगा। अन्य पेन का इस्तेमाल करने पर मतगणना के समय वोट अवैध करार दिया जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ने स्पष्ट किया कि पार्टियां अपने सदस्यों को कोई व्हिप जारी नहीं कर सकेंगी। उन्होंने कहा कि घूस या अन्य तरीके से वोट के लिए लुभाने की कोशिश अपराध की श्रेणी में आते हैं और ऐसी स्थिति में सुप्रीम कोर्ट की ओर से इलेक्शन को अवैध घोषित किया जा सकता है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान संसद भवन और राज्यों के विधानसभा भवन परिसर में होगा। चुनाव प्रक्रिया के दौरान प्लास्टिक के सामान का इस्तेमाल प्रतिबंधित होगा। इसके अलावा कोरोना प्रोटोकॉल के तहत मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा। आपको बता दें कि भारत के राष्ट्रपति का चुनाव अनुच्छेद 55 के अनुसार आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के एकल संक्रमणीय मत पद्धति के द्वारा होता है। राष्ट्रपति को भारत के संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के अलावा राज्य की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों पांच साल के लिए चुनते हैं। बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है।

राष्ट्रपति चुनाव के लिए कार्यक्रम 

– नामांकन पत्र दाखिल करने की तारीख 15 जून से शुरू होगी
– नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 29 जून होगी
– 30 जून को नामांकन पत्रों की जांच होगी
– नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि 2 जुलाई होगी
– मतदान 18 जुलाई को, मतगणना 21 जुलाई को होगी

विधायकों का वोट–4033
विधायकों के मतों का कुल मूल्य 543231
सांसदों का वोट-776
सांसदों के मतों का कुल मूल्य 543200 होगा
कुल वोट –4,809
कुल वोट का मूल्य — 1086 431

ईको फ्रेंडली होगा चुनाव

राष्ट्रपति चुनाव के दौरान देश में कोविड को लेकर स्थिति इस समय गंभीर नहीं है। इसके बावजूद वोटिंग के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। राष्ट्रपति चुनाव को ईको फ्रेंडली बनाने के लिए प्लास्टिक मटेरियल के स्थान पर नष्ट होने वाले मटेरियल के इस्तेमाल का निर्देश दिया है।

चुनाव में वोटिंग सीक्रेट बैलट के जरिए होगी

चुनाव में वोटिंग सीक्रेट बैलट के जरिए होगी। मतदाता मतपत्र में अपने चुनावों को अंतरराष्ट्रीय अंकों, रोमन अंकों या किसी भी मान्यता प्राप्त भारतीय भाषा के अंक में कर सकते हैं। यह वोटिंग सिर्फ अंकों में होनी चाहिए। मतदाताओं को यह नंबर शब्दों में नहीं लिखने हैं।
वोट देने वालों को उम्मीदवारों की संख्या के आधार पर वरीयता के आधार पर पसंद भरनी हैं। मतदाताओं ने अगर अपना प्रथम चुनाव चिह्नित नहीं किया और बाकी चुनावों पर चिह्न लगाए तो यह वोट कैंसिल माना जाएगा। यानी पहली पसंद का भरना अनिवार्य है।

वोट देने के लिए विशेष पेन का होगा इस्तेमाल

वोट देने वालों को चुनाव आयोग अपनी तरफ से एक पेन मुहैया कराएगा। यह पेन एआरओ के पास रहेंगे। मतदान केंद्र में यह पेन मतदाताओं को मत पत्र सौंपते समय दिए जाएंगे। अगर मतदाताओं ने वोट चिह्नित करने के लिए किसी और पेन का इस्तेमाल किया तो मतगणना के समय उनका वोट अवैध करार दे दिया जाएगा।

राज्यसभा से की रिटर्निंग ऑफिसर की नियुक्ति

चुनाव आयोग ने इस बार चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर के लिए राज्यसभा से नियुक्तियां की हैं।
इसके अलावा सभी राजधानियों में सहायक रिटर्निंग ऑफिसर्स की नियुक्ति का फैसला किया है, ताकि वहां चुनाव के सारे इंतजाम कराए जा सकें और बैलट बॉक्स को पहले वोटिंग के लिए ले जाया जा सके और बाद में वापस लाया जा सके।

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